जोधपुर. ग्रामीण जिले के पीपाड़ कस्बे में गणपति चौराहा के पास स्थित सरकारी स्कूल में कुछ अल्पसंख्यक छात्राओं के पहनावे को लेकर विवाद हो गया. अभिभावकों ने स्कूल में प्रधानाचार्य के सामने जमकर भड़ास निकाली. अभिभावकों ने आरोप लगाया कि स्कूल के टीचर ने उनकी बच्चियों को स्कूल यूनिफॉर्म को लेकर बाहर निकाल दिया. पूरे घटनाक्रम का एक वीडियो भी सामने आया है, जिसमें अभिभावक प्रधानाचार्य के सामने इस घटना को लेकर जिरह कर रहे हैं.
प्रिसींपल वीडियो में कहते नजर आ रहे है कि सरकार के निर्देश पर निर्धारित स्कूल यूनिफॉर्म में ही बच्चों को आना होगा इसके बिना प्रवेश नहीं दे सकते. विवाद की जानकारी मिलने पर पुलिस भी स्कूल पहुंची. प्रधानाचार्य रामकिशोर सांखला ने बताया कि बच्चियां अन्य कपड़े से सर व मुंह ढक कर आ रही थी जिसकों लेकर मना किया गया है. प्रिसिंपल सांखला ने बताया कि बच्चों को आज अभिभावकों को बुलाने के लिए भेजा था, स्कूल से नहीं निकला था. बातचीत में तय हुआ है कि सिर ढकने में सरकारी गणवेश की निर्धारित चुन्नी का इस्तेमाल करें. इस पर अभिभावक भी सहमत हुए है. हलांकि इस प्रकरण को लेकर स्कूल की ओर से संबंधित अधिकारियों को अवगत करवा दिया गया है.
सिर व मुंह ढ़ककर आती है बालिकाएं: स्कूल में कई बालिकाएं यूनिफॉर्म के अतिरिक्त सिर व मुंह ढ़कने के लिए कपड़े का इस्तेमाल करती हैं जिसको लेकर उनको टोका जा रहा था. अभिभावकों ने कहा कि मुंह ढकना एक तरह से मास्क लगाना है. जो वो पहन कर आ रहे है वो हिजाब नहीं है. मुंह पर मास्क लगाना मना नहीं है. अभिभावकों ने स्कूल पर आरोप लगाया कि किसी अध्यापक ने मुंह ढकने पर बच्चियों को चंबल के डाकू की तरह बताया जिससे अभिभावक नाराज नजर आए.
90 प्रतिशत अल्पसंख्यक विद्यार्थी: बता दें कि गणपति चौराहा स्थिति सरकारी स्कूल में 500 से ज्यादा विद्यार्थी पढ़तें हैं. इनमें 90 फीसदी बच्चे अल्पसंख्यक है. यही कारण है कि शनिवार को हुए विवाद के बाद सभी की नजरें सोमवार पर टिकी है. सोमवार को विद्यार्थी और अभिभावक के रुख से स्थिति साफ होगी.