देहरादूनः उत्तराखंड की पांच नदियों को पुनर्जीवित करने के लिए पहले चरण में चयनित किया गया है. टिहरी और देहरादून जिले में बहने वाली सौंग नदी, पौड़ी जिले की पूर्वी और पश्चिमी नयार, नैनीताल जिले की शिप्रा और चंपावत की गौड़ी नदी को इसमें शामिल किया गया है. इसके तहत अब इन पांच नदियों के लिए पहले चरण में एक्शन प्लान तैयार किया जाएगा. हालांकि, इन नदियों के अलावा राज्य में अब तक कुल 5428 जल स्रोत चिन्हित किए गए हैं जिन पर एक्शन प्लान तैयार होना है.
सचिवालय में स्प्रिंग एंड रिवर रिजूवनेशन प्राधिकरण की राज्य स्तरीय क्रियान्वयन समिति की पहली बैठक में ही अपर मुख्य सचिव आनंद वर्धन ने कई महत्त्वपूर्ण दिशा निर्देश भी जारी किए. इसके तहत यह भी स्पष्ट किया गया कि जो भी तमाम प्रस्ताव समिति के सामने स्वीकृति के लिए ले जाएं, उससे पूर्व सभी संबंधित विभागों से भी उसे संबंध में टिप्पणी ली जाए. ताकि विभागों द्वारा भी जल स्रोतों और नदियों के उपचार के लिए अपनी स्थिति को रखा जा सके. अपर मुख्य सचिव ने यह भी स्पष्ट किया कि सभी विभागों के बीच आपसी सामंजस्य भी रखा जाए. ताकि विभिन्न कार्यों को समय से पूरा किया जा सके.
राज्य में इन पांच नदियों के अलावा बाकी नदियों और सूख रहे जल स्रोतों एवं जलधाराओं का भी जल्द से जल्द चिन्हीकरण करवाने के निर्देश दिए गए. इस दौरान परियोजना के मूल्यांकन के लिए मैकेनिज्म तैयार करने के लिए भी कहा गया. दूसरी तरफ इसके मूल्यांकन और निगरानी के लिए भी अलग से स्टाफ की तैनाती किए जाने के भी निर्देश दिए गए. अपर मुख्य सचिव ने कहा कि राज्य और जिला स्तर पर प्राधिकरण के अंतर्गत कराए जाने वाले कामों का श्रेणीकरण करते हुए हर साल के लिए लक्ष्य भी निर्धारित होने चाहिए. साथ ही इस वित्तीय वर्ष के लिए वार्षिक कार्य योजना अगले एक माह में तैयार करने और प्रस्तुत करने के लिए भी कहा गया.
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