शाहजहांपुर : जिले में प्रधानमंत्री आवास योजना में लगभग एक करोड़ रुपए का घोटाला का मामला सामने आया है. यहां ग्राम सचिवों ने 260 अपात्रों को पात्र बना दिया. पैसे की बंदरबांट भी सामने आई है. इस मामले में 60 अपात्रों से रिकवरी कर ली गई है, जबकि बाकी 200 को 10 दिन का अल्टीमेटम दिया गया है. साथ ही संबंधित सचिवों से भी जवाब मांगा गया है. फिलहाल दो सचिवों के खिलाफ कार्रवाई तय मानी जा रही है. सीडीओ का कहना है कि घोटालेबाजों को किसी भी कीमत बख्शा नहीं जाएगा.
2016 से 2024 तक 70 हज़ार 884 आवास बनाने का लक्ष्य जिला ग्रामीण विकास प्राधिकरण को मिला था. जिसे मार्च 2024 तक पूरा किया जाना था. जब आवासों की जांच करवाई गई तो 975 आवास अधूरे मिले. जांच के दौरान जो घोटाला निकल कर सामने आया, उससे जिला प्रशासन में हड़कंप मच गया. जांच में 260 ऐसे अपात्र मिले, जिनके पहले से पक्के मकान थे. सामने आया कि सभी 260 अपात्रों को 40-40 हज़ार की क़िस्त जारी कर दी गई. खातों में भेजी गई एक करोड़ से ज्यादा रुपये की धनराशि की बंदरबांट कर ली गई. इसमें ग्राम सचिवों और प्रधानों की मिलीभगत भी सामने आई.
खास बात यह है कि जिला प्रशासन ने अपात्रों से रिकवरी करने का आदेश जारी कर दिया है. लेकिन जांच उन्ही आरोपी ग्राम सचिवों को ही दी गई है, जिन पर सवाल उठ रहे हैं. मुख्य विकास अधिकारी अपराजिता सिंह का कहना है कि इस मामले में जो लोग भी दोषी पाए जाएंगे, उन्हें बक्शा नहीं जाएगा.
अपराजिता सिंह के मुताबकि ई वेरिफिकेशन किया गया था, जिसमें 260 अपात्र पाए गए थे. इसके बाद सभी अपात्रों को लेटर जारी किया गया था और रिकवरी करने के आदेश किए गए थे. इसमें 60 लोगों से रिकवरी कर ली गई है. अभी 200 लोगों की रिकवरी होना बाकी है, जिसके लिए 10 दिन का अल्टीमेटम दिया गया है. इसमें संबंधित सचिवों से भी जवाब तलब किया गया है. दो सचिव के खिलाफ कार्रवाई होना सुनिश्चित हुई है. इस मामले में अभी जांच चल रही है. आगे नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी.