सतना : नागौद विकासखंड क्षेत्र के करहिया कला बेला गांव में दूषित पानी पीने की वजह से दर्जन भर लोग उल्टी-दस्त का शिकार हैं और एक 10 वर्षीय बच्चे की मौत भी हो चुकी है. जानकारी मिलते ही गांव पहुंची स्वास्थ्य विभाग की टीम ने सभी पीड़ितों को उपचार के लिए अस्पताल भेजा है. इसके साथ ही गांव के अंदर स्वास्थ्य कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई है.
डायरिया की वजह से एक बच्चे की मौत
ये मामला ग्राम पंचायत करहिया कला बेला की आदिवासी बस्ती का है. जहां विगत 2 दिनों से उल्टी दस्त का कहर से तेजी से बढ़ चुका है. इसी वजह से एक 10 वर्षीय मासूम सूरज कोल की मौत हो चुकी है. गांव के अंदर करीब दर्जन भर लोग उल्टी दस्त से परेशान हैं, जिनमें से 3 की हालत गंभीर होने पर उन्हें नागौद के चिकित्सालय रेफर कर दिया गया है. वहीं अन्य लोगों को गांव में ही उपचार दिया जा रहा है. मामले की जानकारी मिलते ही खुद मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी एल के तिवारी अपनी टीम के साथ गांव में पहुंचकर सर्वे किया है.
कुएं का दूषित पानी पी रहे थे ग्रामीण
सर्वे में पाया गया कि गांव के लोग कुएं का दूषित पानी पी रहे हैं, जिसके चलते वह उल्टी दस्त का शिकार हुए. मामले पर पीएचई विभाग को भी सूचना देकर पानी के सुधार के लिए कहा गया है. इस मामले पर नागौद सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के बीएमओ प्रमोद प्रजापति ने कहा, ''करहिया कला बेला ग्राम से एक 10 वर्षीय बच्चे को अस्पताल लाया गया था, जिसे डॉक्टर ने देखा तो उसकी मौत हो चुकी थी. कारण यह सामने आया कि वह बच्चा दो दिनों से उल्टी दस्त की चपेट में था, जिसकी वजह से उसकी मौत हुई है. अभी तक करीब 12 से 13 केस उस गांव के सामने आ चुके हैं. सभी का उपचार जारी है.''
गांव में तैनात की गई डॉक्टरों की टीम
इस मामले पर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. एलके तिवारी ने कहा, '' नागौद विकासखंड के करहिया कला बेला ग्राम में उल्टी दस्त से ग्रामीण ग्रसित हैं, जिसकी जानकारी मिलते ही मौके पर पूरी टीम के साथ पहुंचकर जो मरीज ज्यादा गंभीर थे उन्हें अस्पताल भेजा दिया गया है. गांव में स्वास्थ्य कर्मचारियों की ड्यूटी सुबह 6 बजे से शाम 6 बजे के लिए लगा दी गई है. इसके साथ सभी को प्रॉपर ट्रीटमेंट दिया जा रहा है.''