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भजनलाल सरकार को सरपंचों की चेतावनी, कहा- मांग पूरी नहीं हुई तो 18 जुलाई को करेंगे विधानसभा का घेराव - Sarpanch Warns Bhajanlal Government

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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Jul 12, 2024, 3:57 PM IST

Sarpanch Warns Bhajanlal Government, राजस्थान के सरपंचों ने शुक्रवार को प्रदेशभर में सरपंच संघ राजस्थान के बैनर तले आंदोलन किया. इस दौरान सीएम और पंचायती राज मंत्री के नाम जिला कलेक्टरों को ज्ञापन सौंप राज्य सरकार को चेतावनी दी गई है, जिसमें कहा गया है कि अगर उनकी मांगों पर सरकार ध्यान नहीं देती है तो वो आगामी 18 जुलाई को विधानसभा का घेराव करेंगे.

Sarpanch Warns Bhajanlal Government
मांग पूरी नहीं हुई तो 18 जुलाई को करेंगे विधानसभा का घेराव (ETV BHARAT JAIPUR)
भजनलाल सरकार को सरपंचों की चेतावनी (ETV BHARAT JAIPUR)

जयपुर. लंबे समय से अपनी मांगों को लेकर संघर्ष कर रहे सरपंचों के सब्र का बांध अब टूटने लगा है. आंदोलन कर रहे सरपंचों ने सरपंच संघ राजस्थान के बैनर तले सभी जिलों में शुक्रवार को जिला कलेक्टरों को मुख्यमंत्री और ग्रामीण विकास व पंचायती राज मंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा. जयपुर जिला कलेक्ट्रेट पर भी सरपंच संघ राजस्थान के जिला अध्यक्ष मेहर सिंह धनकड़ के नेतृत्व में सरपंचों ने प्रदर्शन किया और चेतावनी दी कि यदि उनकी मांगों को नहीं माना गया तो वो आगामी 18 जुलाई को विधानसभा का घेराव करेंगे. साथ ही बताया गया कि इस घेराव में राज्य के 11 हजार से अधिक सरपंच शामिल होंगे.

जयपुर जिला कलेक्ट्रेट पर हुए प्रदर्शन में बड़ी संख्या में सरपंचों ने भाग लिया और अपनी मांगों के समर्थन में नारेबाजी की. मीडिया से रूबरू हुए सरपंच संघ के जयपुर जिला अध्यक्ष मेहर सिंह धनकड़ ने कहा कि जनहित के मुद्दों को लेकर हम लगातार संघर्ष कर रहे हैं, लेकिन हमारी सुनवाई नहीं हो रही है. उन्होंने कहा कि 8 जुलाई को सरपंचों ने प्रदेशभर की पंचायतों में सांकेतिक रूप से तालाबंदी की थी. उसके बाद 10 जुलाई को विधायकों और उपखंड अधिकारियों को मुख्यमंत्री और मंत्री के नाम से ज्ञापन दिए गए थे. वहीं, अब शुक्रवार को प्रदेश भर के सभी जिला कलेक्टरों को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन दिया गया है. ऐसे में यदि हमारी मांग पूरी नहीं होती है तो आगामी 18 जुलाई को हम विधानसभा का घेराव करेंगे, जिसमें प्रदेश भर के हजारों सरपंच शामिल होंगे.

इसे भी पढ़ें - डिप्टी सीएम प्रेमचंद बैरवा के क्षेत्र में 13 सरपंचों ने दिया इस्तीफा, इस वजह से थे नाराज - 13 Sarpanches Resigned

सरपंच संघ राजस्थान के प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर गढ़वाल ने कहा कि सरपंच संघ अपने अधिकारों के लिए लगातार लड़ाई लड़ रहा है. पिछली सरकार में भी हमने आंदोलन किया था. नई भजनलाल सरकार को बने हुए 6 महीने हो चुके हैं, लेकिन इस सरकार ने सरपंचों की मांगों पर अभी तक ध्यान नहीं दिया है. प्रदेश भर के सरपंच 8 जुलाई से लगातार आंदोलन कर रहे हैं. उन्होंने चेतावनी दी कि यदि सरकार हमारी मांग नहीं मानती है तो 18 जुलाई को प्रदेश भर के सरपंच जयपुर में जमा होंगे और विधानसभा का घेराव करेंगे, जिसकी जिम्मेदारी सरकार की होगी.

उन्होंने कहा कि राज्य वित्त आयोग और केंद्रीय वित्त आयोग का पैसा बकाया चल रहा है. इसके अलावा 7000 करोड रुपए नरेगा के भी पंचायतों को नहीं मिले हैं. सरकार पंचायत को पैसा नहीं दे रही है और जब तक पैसा नहीं मिलेगा तब तक गांव का विकास कैसे होगा. बंशीधर गढ़वाल ने कहा कि अभी भजनलाल सरकार ने बजट में घोषणा की है कि नगर निकायों के चुनाव एक साथ कराए जाएंगे. हम सरकार के इस कदम का समर्थन करते हैं, लेकिन कोरोना के कारण जिन पंचायत आगे पीछे चुनाव हुए हैं उनका कार्यकाल बढ़ाया जाए.

इसे भी पढ़ें - राजस्थान के सरपंच एक बार फिर आंदोलन की राह पर, 18 जुलाई को विधानसभा घेराव की दी चेतावनी - Demands of Sarpanch

ऐसी पंचायत में प्रशासक ने लगाकर सरपंचों को ही उसका अधिकार दिया जाए. बजट नहीं मिलने के कारण सरपंच जनता के लिए काम नहीं कर पाए. बंशीधर गढ़वाल ने सरकार से मांग की, कि सरकार सरपंच संघ से वार्ता करे और हमारी मांगों को पूरा किया जाए. जयपुर में प्रदर्शन के बाद सरपंचों ने जयपुर जिला कलेक्टर प्रकाश राजपुरोहित को मुख्यमंत्री और ग्रामीण विकास व पंचायती राज मंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा.

ये है सरपंचों की महत्वपूर्ण मांग

  • राज्य वित्त आयोग 2022-23 का बकाया भुगतान 600 करोड़ व वित्तीय वर्ष 2023-24 का 4142 करोड़ बकाया है. चालू वित्तीय वर्ष 2024-25 की बकाया किस्त लगभग 2000 करोड़ रुपए बकाया है. इस प्रकार कुल 6742 करोड़ रुपए अनुदान राशि बकाया है, जिसे जल्द जारी किया जाए.
  • केंद्रीय वित्त आयोग की 2023-24 की द्वितीय किस्त की राशि करीब 872.86 करोड़ रुपए और चालू वित्तीय वर्ष 2024-25 की प्रथम किस्त के लगभग 2000 करोड़ रुपए बकाया है. इस प्रकार कुल 2872.86 करोड़ रुपए अनुदान राशि बकाया है, जिसे जल्द जारी किया जाए.
  • मनरेगा सामग्री का वित्तीय वर्ष 2022-23 व वित्तीय वर्ष 2023-24 का करीब 7000 करोड़ रुपए बकाया है. इसका भुगतान सभी जिलों में जारी किया जाए. मनरेगा में ऑनलाइन हाजरी (National Mobile Monitoring System) में समस्या आ रही है. इसलिए ऑफलाइन उपस्थिति की अनुमति दी जाए.
  • जल जीवन मिशन योजना का संपूर्ण संचालन संधारण पीएचईडी विभाग को दिया जाए. पेय जल से संबंधित सभी योजनाओं के विद्युत कनेक्शनों को व्यावसायिक से हटाकर कृषि श्रेणी में किया जाए.
  • खाद्य सुरक्षा योजना में 2011 की जनसंख्या के आकड़ों के आधार पर केंद्र सरकार द्वारा खाद्य सुरक्षा आकड़े निर्धारित किए जाते हैं, जो कि वर्तमान जनसंख्या के आधार पर तय किया जाना चाहिए. ताकि शेष रहे पात्र परिवारों को योजना से जोड़ा जा सके. साथ ही खाद्य सुरक्षा पोर्टल भी चालू किया जाए.
  • पंचायती राज में रिक्त पड़े कनिष्ठ अभियंता के पदों को जल्द भरा जाए.
  • पूर्व में सरपंच के चुनाव दो चरणों में हुए थे. प्रथम चरण में हुए चुनावों की ग्राम पंचायतों का कार्यकाल बढ़ाते हुए पचायती राज के चुनाव एक साथ कराए जाएं.
  • सरपंचों का मानदेय बढ़ाकर 20,000 रुपए किए जाए और सरपंच पद का कार्यकाल पूर्ण होने पर अंतिम मानदेय की 50 प्रतिशत राशि पेंशन के रूप में भुगतान करने का प्रावधान किया जाए.

भजनलाल सरकार को सरपंचों की चेतावनी (ETV BHARAT JAIPUR)

जयपुर. लंबे समय से अपनी मांगों को लेकर संघर्ष कर रहे सरपंचों के सब्र का बांध अब टूटने लगा है. आंदोलन कर रहे सरपंचों ने सरपंच संघ राजस्थान के बैनर तले सभी जिलों में शुक्रवार को जिला कलेक्टरों को मुख्यमंत्री और ग्रामीण विकास व पंचायती राज मंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा. जयपुर जिला कलेक्ट्रेट पर भी सरपंच संघ राजस्थान के जिला अध्यक्ष मेहर सिंह धनकड़ के नेतृत्व में सरपंचों ने प्रदर्शन किया और चेतावनी दी कि यदि उनकी मांगों को नहीं माना गया तो वो आगामी 18 जुलाई को विधानसभा का घेराव करेंगे. साथ ही बताया गया कि इस घेराव में राज्य के 11 हजार से अधिक सरपंच शामिल होंगे.

जयपुर जिला कलेक्ट्रेट पर हुए प्रदर्शन में बड़ी संख्या में सरपंचों ने भाग लिया और अपनी मांगों के समर्थन में नारेबाजी की. मीडिया से रूबरू हुए सरपंच संघ के जयपुर जिला अध्यक्ष मेहर सिंह धनकड़ ने कहा कि जनहित के मुद्दों को लेकर हम लगातार संघर्ष कर रहे हैं, लेकिन हमारी सुनवाई नहीं हो रही है. उन्होंने कहा कि 8 जुलाई को सरपंचों ने प्रदेशभर की पंचायतों में सांकेतिक रूप से तालाबंदी की थी. उसके बाद 10 जुलाई को विधायकों और उपखंड अधिकारियों को मुख्यमंत्री और मंत्री के नाम से ज्ञापन दिए गए थे. वहीं, अब शुक्रवार को प्रदेश भर के सभी जिला कलेक्टरों को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन दिया गया है. ऐसे में यदि हमारी मांग पूरी नहीं होती है तो आगामी 18 जुलाई को हम विधानसभा का घेराव करेंगे, जिसमें प्रदेश भर के हजारों सरपंच शामिल होंगे.

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सरपंच संघ राजस्थान के प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर गढ़वाल ने कहा कि सरपंच संघ अपने अधिकारों के लिए लगातार लड़ाई लड़ रहा है. पिछली सरकार में भी हमने आंदोलन किया था. नई भजनलाल सरकार को बने हुए 6 महीने हो चुके हैं, लेकिन इस सरकार ने सरपंचों की मांगों पर अभी तक ध्यान नहीं दिया है. प्रदेश भर के सरपंच 8 जुलाई से लगातार आंदोलन कर रहे हैं. उन्होंने चेतावनी दी कि यदि सरकार हमारी मांग नहीं मानती है तो 18 जुलाई को प्रदेश भर के सरपंच जयपुर में जमा होंगे और विधानसभा का घेराव करेंगे, जिसकी जिम्मेदारी सरकार की होगी.

उन्होंने कहा कि राज्य वित्त आयोग और केंद्रीय वित्त आयोग का पैसा बकाया चल रहा है. इसके अलावा 7000 करोड रुपए नरेगा के भी पंचायतों को नहीं मिले हैं. सरकार पंचायत को पैसा नहीं दे रही है और जब तक पैसा नहीं मिलेगा तब तक गांव का विकास कैसे होगा. बंशीधर गढ़वाल ने कहा कि अभी भजनलाल सरकार ने बजट में घोषणा की है कि नगर निकायों के चुनाव एक साथ कराए जाएंगे. हम सरकार के इस कदम का समर्थन करते हैं, लेकिन कोरोना के कारण जिन पंचायत आगे पीछे चुनाव हुए हैं उनका कार्यकाल बढ़ाया जाए.

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ऐसी पंचायत में प्रशासक ने लगाकर सरपंचों को ही उसका अधिकार दिया जाए. बजट नहीं मिलने के कारण सरपंच जनता के लिए काम नहीं कर पाए. बंशीधर गढ़वाल ने सरकार से मांग की, कि सरकार सरपंच संघ से वार्ता करे और हमारी मांगों को पूरा किया जाए. जयपुर में प्रदर्शन के बाद सरपंचों ने जयपुर जिला कलेक्टर प्रकाश राजपुरोहित को मुख्यमंत्री और ग्रामीण विकास व पंचायती राज मंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा.

ये है सरपंचों की महत्वपूर्ण मांग

  • राज्य वित्त आयोग 2022-23 का बकाया भुगतान 600 करोड़ व वित्तीय वर्ष 2023-24 का 4142 करोड़ बकाया है. चालू वित्तीय वर्ष 2024-25 की बकाया किस्त लगभग 2000 करोड़ रुपए बकाया है. इस प्रकार कुल 6742 करोड़ रुपए अनुदान राशि बकाया है, जिसे जल्द जारी किया जाए.
  • केंद्रीय वित्त आयोग की 2023-24 की द्वितीय किस्त की राशि करीब 872.86 करोड़ रुपए और चालू वित्तीय वर्ष 2024-25 की प्रथम किस्त के लगभग 2000 करोड़ रुपए बकाया है. इस प्रकार कुल 2872.86 करोड़ रुपए अनुदान राशि बकाया है, जिसे जल्द जारी किया जाए.
  • मनरेगा सामग्री का वित्तीय वर्ष 2022-23 व वित्तीय वर्ष 2023-24 का करीब 7000 करोड़ रुपए बकाया है. इसका भुगतान सभी जिलों में जारी किया जाए. मनरेगा में ऑनलाइन हाजरी (National Mobile Monitoring System) में समस्या आ रही है. इसलिए ऑफलाइन उपस्थिति की अनुमति दी जाए.
  • जल जीवन मिशन योजना का संपूर्ण संचालन संधारण पीएचईडी विभाग को दिया जाए. पेय जल से संबंधित सभी योजनाओं के विद्युत कनेक्शनों को व्यावसायिक से हटाकर कृषि श्रेणी में किया जाए.
  • खाद्य सुरक्षा योजना में 2011 की जनसंख्या के आकड़ों के आधार पर केंद्र सरकार द्वारा खाद्य सुरक्षा आकड़े निर्धारित किए जाते हैं, जो कि वर्तमान जनसंख्या के आधार पर तय किया जाना चाहिए. ताकि शेष रहे पात्र परिवारों को योजना से जोड़ा जा सके. साथ ही खाद्य सुरक्षा पोर्टल भी चालू किया जाए.
  • पंचायती राज में रिक्त पड़े कनिष्ठ अभियंता के पदों को जल्द भरा जाए.
  • पूर्व में सरपंच के चुनाव दो चरणों में हुए थे. प्रथम चरण में हुए चुनावों की ग्राम पंचायतों का कार्यकाल बढ़ाते हुए पचायती राज के चुनाव एक साथ कराए जाएं.
  • सरपंचों का मानदेय बढ़ाकर 20,000 रुपए किए जाए और सरपंच पद का कार्यकाल पूर्ण होने पर अंतिम मानदेय की 50 प्रतिशत राशि पेंशन के रूप में भुगतान करने का प्रावधान किया जाए.
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