पटना: एक सरदार जी को बिहार बहुत पसंद आया. उनको बिहार इसलिए पसंद आया क्योंकि यहां दूध में मिलावट नहीं होती है. यही कारण है कि सरदार जी ने दिल खोलकर यहां की तारीफ की.
सरदार जी को बिहार आया पसंद: दरअसल, एक सरदार जी बिहार के रास्ते से गुजर रहे थे. जब वह दानापुर से पटना की तरफ जा रहे थे तो, उन्होंने एक जगह बहुत सारे गाय-भैंस को बंधा हुआ देखा. वह तबेला नहीं था, ना ही वह गौशाला था. सड़क पर एक मिठाई की दुकान के सामने कुछ भैंसों और गायों का दूध निकाला जा रहा था. सरदार जी को ये बहुत अच्छा लगा कि बिना मिलावट का दूध यहां मिल रहा है.
बिहार में आपको हर जगह कही भी 0% भी मिलावट नहीं मिलेगा ❤️ pic.twitter.com/r6ChtRzmF0
— छपरा जिला 🇮🇳 (@ChapraZila) January 15, 2025
सरदार जी का दिल हुआ खुश: सरदार जी ने इसका वीडियो बनाया है, जो छठ के आस-पास का है. उन्होंने अपने वीडियो में कहा कि बिहार की एक चीज उन्हें बहुत पसंद आती है. यहां मिलावट नहीं किया जाता है. अब देख लीजिए इस मिठाई की दुकान के बाहर इतने सारे गाय भैंस हैं. उनका दूध निकाला जा रहा है. वह भी दुकानदार के ठीक सामने.
छठ के आस-पास का वीडियो: उन्होंने कहा कि बस यह देखकर यह बात तय हो गई कि बिहार में कुछ मिलावट नहीं होता. ये सब देखकर सरदार जी का दिल खुश हुआ. वैसे भी पंजाब के लोग शुद्ध खाने पीने के शौकीन होते है. जब उन्हें कुछ ऐसी चीजें दिखती या मिलती है तो, उसकी बहुत तारीफ करते है.
"अभी मैं बिहार से गुजर रहा हूं और यहां का एक सिस्टम मुझे बहुत अच्छा लगा, यहां शुद्धता है. स्वीट शॉप के बाहर गाय भैंस है. दुकान वाले ने बाल्टी दे दी और उसे शुद्ध दूध मिल जाएगा. जीरो परसेंट मिलावट देखकर बढ़िया लगा."- पटना पहुंचे सरदार जी
पटना के दानापुर का है वीडियो: दरअसल, ईटीवी भारत ने इस वीडियो की पड़ताल की तो यह वीडियो पटना के दानापुर का निकला. यह वह जगह है, जहां दानापुर के सब-रजिस्ट्री ऑफिस है.
दुकानदार के सामने दूध निकालते हैं ग्वाले: इसके बगल में जो मिठाई की दुकान है, उसके लिए ग्वाले अपनी गाय और भैंस लाकर दुकानदार के सामने दूध निकालते हैं और उसी समय उस दूध का वजन होता है. फिर दुकानदार को सौंप दिया जाता है. यह सौदा नगदी होता है. इससे दुकानदार भी खुश रहते हैं और ग्वाले को तुरंत पैसा भी मिल जाता है तो ग्वाले भी खुश रहते हैं.
50 लाख लीटर प्रतिदिन दूध का उत्पादन: बिहार में दूध का कारोबार बहुत बड़ा है. संगठित दूध उत्पादन और असंगठित दूध उत्पादन को मिला दिया जाए तो लगभग 50 लाख लीटर प्रतिदिन उत्पादन होता है. एक सर्वे के मुताबिक 2023 में प्रति व्यक्ति 400 मिलीलीटर दूध का उपयोग कर रहा था.
154 मिलीलीटर प्रति व्यक्ति दूध का उपयोग: हालांकि 2006 में 154 मिलीलीटर ही प्रति व्यक्ति दूध का उपयोग करता था. 2025 की बात करें तो बिहार की सबसे बड़ी दूध उत्पादक कंपनी सुधा ने 14 जनवरी को 35 लाख लीटर दूध बेचा है. कंपनी, दूध समितियां से गाय और भैंस का दूध इकट्ठा करती है और उसे हर मानक पर जांच करके पैक करती है और उपभोक्ता तक उसे पहुंचाती है.
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