सिरोही : राजस्थान में 2019 में हुए 52 नगरपालिकाओं एवं निगमों के चुनाव के 5 वर्ष पूर्ण होने के बाद भी अभी तक चुनाव प्रक्रिया शुरू नहीं करने को लेकर पूर्व विधायक संयम लोढ़ा ने राज्यपाल से इस संबंध में हस्तक्षेप करने की मांग की है. लोढ़ा ने राज्य निर्वाचन आयोग के अध्यक्ष मधुकर गुप्ता एवं स्वायत्त शासन विभाग के प्रमुख सचिव राजेश यादव से फोन पर बातचीत करके इस संबंध में आग्रह किया कि वे चुनाव प्रक्रिया को लेकर स्थिति स्पष्ट करें और चुनाव प्रक्रिया को शुरू करें.
राज्यपाल से हस्तक्षेप की मांग : संयम लोढ़ा ने सोशल मीडिया एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा कि राज्य निर्वाचन आयोग ने 2019 में 52 नगरपालिकाओं के संबंध में निर्वाचक नामावली के गठन की प्रक्रिया को सितंबर 2019 में शुरू कर दिया था, लेकिन 5 वर्ष पूर्ण होने आए हैं, नवंबर में पिछले बोर्डो का कार्यकाल पूरा हो रहा है. अभी तक राजस्थान का निर्वाचन आयोग खामोशी धारण किए हुए है. नागरिकों के लिए यह दो तरह के खतरे उत्पन्न कर रहा है. पहला, यह इन 52 नगरपालिकाओं का कार्यकाल पूर्ण होने के बाद यहां प्रशासक लगाए जाएंगे, जिससे संवैधानिक प्रावधानों को खत्म किया जा सके. दूसरा, चुनाव नीयत समय पर ना करवाना भी मतदाताओं को उनके अधिकारों से वंचित करना है. संवैधानिक इकाई के रूप में चुनी हुई नगरपालिकाओं को कमजोर करने का साफ षडयंत्र दिखाई पड़ता है. लोढ़ा ने इस संबंध में राज्यपाल से मांग की है कि वे संवैधानिक प्रावधानों के अनुरूप संबंधित नगरपालिकाओं के चुनाव करवाए जाने की प्रक्रिया सुनिश्चित करें.
राज्य निर्वाचन आयोग ने 2019 में 52 नगरपालिकाओं के संबंध में निर्वाचक नामावली के गठन की प्रक्रिया को सितंबर 2019 में शुरू कर दिया था लेकिन 5 वर्ष पूर्ण होने आए हैं, नवम्बर में पिछले बोर्डो का कार्यकाल पूरा हो रहा हैं, इसके बार भी अभी तक राजस्थान का निर्वाचन आयोग खामोशी धारण किए… pic.twitter.com/9xUo2JKBkX
— Sanyam Lodha (@SanyamLodha66) October 15, 2024
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राज्य निर्वाचन आयोग ने 2019 में इन 52 नगरपालिकाओं के चुनाव को लेकर निर्वाचन नामावली को त्रुटि रहित करने के लिए सितंबर 2019 में यह आदेश जारी कर दिए थे, जबकि अभी अक्टूबर 2024 आ चुका है, लेकिन अभी तक निर्वाचन आयोग ने किसी भी तरह की कोई सूचना जारी नहीं की है. इसी तरह चुनाव की अधिसूचना 1 नवंबर को जारी कर दी गई थी, लेकिन अभी तक इसके दूर-दूर तक कोई आसार दिखाई नहीं दे रहे हैं. राज्य सरकार ने बजट में एक राज्य एक चुनाव की घोषणा तो कर दी, लेकिन अभी तक इसके लिए कोई कार्यवाही शुरू नहीं की.