सरगुजा : सरगुजा संभाग मुख्यालय अंबिकापुर से करीब 50 किलोमीटर दूर मृगाडांड गांव स्थित है. यह गांव उदयपुर तहसील की सोन तराई ग्राम पंचायत अंतर्गत आता है. मृगाडांड सोनतराई ग्राम पंचायत का आश्रित ग्राम है, जो पंडो जनजाति बाहुल्य है. नेशनल हाइवे से पक्की सड़क के जरिए ईटीवी भारत की टीम इस गांव में पहुंची.
मृगाडांड गांव में दिखा विकास की धारा: मृगाडांड गांव में थोड़ा अंदर जाने के बाद एक शासकीय स्कूल का भवन दिखा. वहीं थेड़ी दूर पर आंगनबाड़ी भी मौजूद है. गांव में जल जीवन मिशन के तहत वाटर सप्लाई की सुविधा मौजूद है. गांव में जाने से ऐसा लगा की मूलभूत सुविधाएं यहां उपलब्ध हैं. हैरत तो तब हुआ जब गांव के एक चौक में सोलर से चलने वाली हाई मास्क लाइट दिखाई दिया.
सड़क और पानी की मिली सुविधा: मृगाडांड गांव में पहले घर घर पानी की सुविधा नहीं मिली थी. इस वजह से लोगों के पास पीने के पानी के लिए भटकना पड़ता था. गर्मी के दिनों में लोगों को काऱी परेशानी होती थी. लेकिन अब सांसद आदर्श ग्राम योजना के तहत गलियों में जगह जगह नल लगाए गए हैं. इस वजह से लोगों को घर के पास ही पीने का पानी मिल रहा है. गांव का सड़क भी पहले जर्रज था, लेकिन अब गांव आने वाले रास्ते को पक्का कर दिया गया है. साथ ही गांव की गलियों में सीमेंटेड रोड बनाया गया है.
बिजली और सोलर लाइट की सुविधा: गांव के हर घर में बिजली की भी सुविधा उपलब्ध है. इसके साथ ही किसानों को सराकर की मदद से सोलर पम्प भी मिले हैं. गांव के चौक चोरहों पर सोलर से चलने वाली हाई मास्क लाइट भी लगाई गई है. गलियों में भी बिजली पोल पर लाइट लगई गई है. पहले के तरह अब गांव में पावर कट भी कम ही होता है.
लईका घर से बच्चों ले रहे खेल-खेल में शिक्षा : मृगाडांड गांव में शहरों की तर्ज पर छोटे बच्चों के लिये प्ले स्कूल भी खोला गया है, जिसे 'लईका घर' का नाम दिया गया है. यहां गांव के छोटे बच्चे खेलकूद के साथ शुरुआती पढ़ाई सीखते हैं. प्ले स्कूल या 'लईका घर' ऐसा स्कूल है, जहां तीन से पांच साल के बच्चों को खेल-खेल में शिक्षा दी जाती है.
दिव्यांगों को बांटी मोटराइज्ड ट्राई साइकिल: गांव के दिव्यांगों को मोटराइज्ड ट्राई साइकिल बांटी गई है. दोनों पैरों से दिव्यांग मुकेश गिरी कहते हैं कि दिव्यांग होने की वजह से पहले उन्हें एक जगह से दूसरे जगह जाने में काफी परेशानी होती थी. दिव्यांग मुकेश ने बताया, "सरकार से ट्राई सायकिल मिली है. पहले दूसरे के साथ बैठकर जाना पड़ता था, अब खुद चलाकर जाता हूँ. सरकार का धन्यवाद."
" पहले हमारे गांव की स्थिति बहोत खराब थी. सांसद जी जब से गांव को गोद लिया हैं तो बढ़िया रोड बनवा दिए हैं, सोलर पम्प, सोलर लाइट लग गई है. अब कुछ ज्यादा काम बचा नहीं है." - मान साय पंडो, स्थानीय निवासी
सुविधा मिलने से लोगों को मिली राहत: उदयपुर के स्थानीय पत्रकार क्रांति रावत बताते हैं कि सांसद आदर्श ग्राम मृगाडांड में स्थिति पहले की तुलना में बेहतर है. विकास के काम हुए हैं. सड़क, बिजली, पानी की सुविधा मिलने से लोगों को राहत मिली है."
दरअसल, कुछ सालों पहले भी हमारी टीम ने इस गांव की पड़ताल की थी. तब गांव में ना सड़क थी, ना कोई सुविधा. मूल भूत सुविधाओं से भी गांव के लोग वंचित थे. लेकिन बीते वर्षों में सांसद ग्राम योजना के तहत इस गाव को गोद लिया गया. जिसके बाद से इस गांव की दशा और दिशा में बदल गई है. मृगाडांड गांव में मौजूद सुविधाओं से साफ है कि योजना के तहत इस गांव को विकसित करने का प्रयास किया गया है.