जोधपुर: संजीवनी क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी घोटाला मामले से केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत को क्लीन चिट मिल गई है. अब इस सोसाइटी के निवेशकों का कहना है कि मंत्री जी तो निकल गए, लेकिन हमारी कौन सुनवाई करेगा? हम पांच साल से संघर्ष कर रहे हैं.
संजीवनी पीड़ित संघ के अध्यक्ष शांतिस्वरूप वर्मा का कहना है कि जिस एसओजी ने मंत्री को आरोपी माना, उसी ने उनको क्लीन चिट दे दी. मंत्रीजी को इसके लिए बधाई. हमारी शेखावत जी से विनती है कि वे हमारा धन वापस दिलाने का प्रयास करें. अब राजस्थान व केंद्र में एक ही सरकार है, तो वे हमारे लिए बहुत कुछ कर सकते हैं. संजीवनी मल्टी स्टेट सोसाइटी है. ऐसे में केंद्र सरकार इसमें ज्यादा काम कर सकती है.
उल्लेखनीय है कि गत राज्य सरकार ने इस मामले की जांच एसओजी से करवाई थी. जिसमें केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत को आरोपी बताया था, लेकिन इसी सप्ताह कोर्ट में एसओजी ने रिपोर्ट पेश कर शेखावत को क्लीन चिट दे दी है.
दो लाख से ज्यादा निवेशक: वर्मा ने बताया कि गत राज्य सरकार ने इस मामले में लिक्विडेटर भी नियुक्ति किया था. कोर्ट ने 180 दिन में संचालक की संपत्ति बेचकर निवेशकों का धन लौटाने के निर्देश दिए थे, लेकिन लिक्विडेटर ने कुछ नहीं किया. ऐसे में हमारा इंतजार कहीं सहारा की तरह नहीं हो जाए, जिसके लिए सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद भी निवेशकों को अभी तक पूरा पैसा वापस नहीं मिला है. हाईकोर्ट में भी हमारी याचिकाएं लंबित हैं.
यह है मल्टी स्टेट सोसाइटी के प्रावधान: एक से अधिक राज्यों में जो क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी चलती है, उनमें अगर कोई अनियमितता होती है, तो केंद्र सरकार के कानून के मुताबिक उनकी जांच सीबीआई करती है. संजीवनी की जांच के लिए मध्य प्रदेश व गुजरात सरकार ने सीबीआई को जांच दे दी थी. लेकिन राजस्थान सरकार ने अपने स्तर पर ही जांच करवाने का फैसला लिया था. विधानसभा चुनाव से ठीक पहले सैंकड़ों की संख्या में थानों में मामले दर्ज किए गए. लेकिन कार्रवाई नहीं हुई. अब निवेशक इसी बात से चिंतित हैं कि पुलिस जांच करेगी या एसओजी या फिर सीबीआई. हर हाल में परेशान उनको ही होना है.