रांची: टेंडर कमीशन घोटाला मामले में मंत्री आलमगीर आलम के पूर्व ओएसडी संजीव लाल और उनके नौकर के 11 दिनों की रिमांड अवधि समाप्त होने के बाद शनिवार को एक बार फिर रांची के पीएमएलए कोर्ट में पेश किया गया. कोर्ट में पेशी के बाद ईडी की तरफ से और तीन दिन का रिमांड मांगा गया. ईडी के वकील की तरफ से यह दलील दी गई कि संजीव लाल और उनके नौकर का राज्य के मंत्री आलमगीर आलम से सांठगांठ है. वहीं ईडी ने यह भी दलील दी कि आलमगीर आलम से पूछताछ के दौरान संजीव लाल और उसके नौकर जहांगीर को साथ रखना जरूरी है, क्योंकि तीनों ही एक दूसरे से सीधा संबंध रखते हैं.
मंत्री आलमगीर आलम को भी गुरुवार को ही ईडी ने कोर्ट में पेश कर छह दिनों के लिए रिमांड पर लिया है. इसलिए आलमगीर आलम और उनके पूर्व ओएसडी संजीव लाल को अगले तीन दिनों तक एक साथ बिठा कर ईडी पूछताछ कर सकेगी. जिससे कई सच सामने आ सकते हैं.
ईडी ने कोर्ट से आग्रह करते हुए कहा कि मंत्री आलमगीर आलम और संजीव लाल का कार्य क्षेत्र में गहरा रिश्ता रह चुका है. इसलिए दोनों को जब एक साथ बैठाकर पूछताछ की जाएगी तो और भी कई सच्चाई सामने आ सकती है. ईडी के आग्रह को कोर्ट ने स्वीकार करते हुए संजीव लाल और उनके नौकर जहांगीर के तीन दिन की रिमांड अवधि बढ़ा दी गई.
बता दें कि 7 मई की देर रात ईडी ने ताबड़तोड़ छापेमारी कर संजीव लाल के निजी सहायक और नौकर जहांगीर के घर से करीब 35 करोड़ रुपए बरामद किए थे. जिसके बाद ईडी ने विगत 7 मई की देर शाम संजीव लाल और उनके नौकर जहांगीर को उनके घर से ही गिरफ्तार कर लिया था. वहीं, पीएमएलए कोर्ट में संजीव लाल और जहांगीर का पक्ष रख रहे उनके वकील दिव्यांशु कुमार ने बताया कि तीन दिन की रिमांड अवधि समाप्त होते ही वह अपने मुवक्किल की बेल के लिए प्रयास करेंगे और कोर्ट से आग्रह करेंगे कि कम से कम संजीव लाल को बेल दिया जाए क्योंकि उनके घर से मामूली रकम प्राप्त हुई है.
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