शिमला: कुछ तस्वीरें ऐसी होती हैं जो हजार शब्दों से अधिक बोलती हैं. देवभूमि हिमाचल इन दिनों एक आंदोलन से गुजर रही है. इस आंदोलन की गूंज देश भर में हुई है. दरअसल, शिमला के सबसे बड़े उपनगर संजौली में मस्जिद में अवैध मंजिलों के निर्माण का मामला तनाव का कारण बना हुआ है. हिंदू संगठन इस अवैध निर्माण को हटाए जाने की मांग कर रहे हैं.
कमल गौतम को पुलिस ने लिया था हिरासत में
वैसे तो सिविल सोसायटी के तहत आम जनता इस आंदोलन में भाग ले रही है, लेकिन एक चेहरा ऐसा भी है, जो कहीं न कहीं आंदोलनों में नजर आता है. हिंदू जागरण मंच के पूर्व प्रांत महामंत्री कमल गौतम बुधवार को संजौली में प्रदर्शन में भाग लेने के लिए पहुंचे थे. वहां पुलिस ने उन्हें हल्की बहसबाजी और नोक-झोंक के बाद हिरासत में ले लिया था. कमल गौतम को पुलिसकर्मी जबरन धकेलते हुए गाड़ी में बैठाकर ले गए.
घायल महिला पुलिसकर्मी से मिलने पहुंचे कमल गौतम
वहीं, दोपहर को बेकाबू प्रदर्शनकारी जब संजौली की तरफ कूच कर रहे थे तो वहां उनकी पुलिस के साथ झड़प हो गई. इस अफरा-तफरी में एक महिला पुलिसकर्मी बुरी तरह घायल हुई. उन्हें आईजीएमसी अस्पताल लाया गया. वहीं, कमल गौतम देर शाम जब पुलिस हिरासत से छोड़े गए तो वे सीधे आईजीएमसी अस्पताल गए और घायल महिला पुलिसकर्मी से मिलकर उनका हाल जाना. कमल गौतम ने उन्हें बहन कहकर संबोधित किया और उनके जल्द स्वस्थ होने की कामना की. इस दौरान एक कैमरे में उनकी फोटो क्लिक हुई. फोटो में कमल गौतम बेड पर इलाजरत महिला पुलिसकर्मी से उसका हालचाल लेते हुए नजर आ रहे हैं.
तस्वीर ने दिया आपसी भाईचारे का संदेश
दरअसल, ये अपनेपन की तस्वीर थी. प्रदर्शन में दोनों पक्षों में कोई कड़वाहट नहीं थी. प्रदर्शनकारी अपनी मांग उठा रहे थे और पुलिसकर्मी अपनी ड्यूटी कर रहे थे. इस तस्वीर से समाज में एक संदेश भी गया है कि हिमाचल में आम जनता व व्यवस्था के बीच कोई मनमुटाव, कड़वाहट या बदले की भावना नहीं है. कमल गौतम का कहना है, "पुलिस कर्मी अपनी ड्यूटी कर रहे हैं और वे भी हमारे भाई-बहन है. प्रदर्शन करना हमारा हक है और व्यवस्था बनाए रखना पुलिस का काम है."