शिमला: राजधानी शिमला में मस्जिद विवाद के चलते क्षेत्र में माहौल तनावपूर्ण है. संजौली में आज धारा 163 लागू की गई है. संजौली के चप्पे-चप्पे पर पुलिस बल तैनात है. संजौली को पूरी तरह से छावनी में तब्दील कर दिया गया है. एक जगह पर पांच या पांच से ज्यादा लोगों को इकट्ठे होने की मनाही है.
मस्जिद परिसर में पुलिस का पहरा
संजौली में स्थिति आज सुबह से बहुत तनावपूर्ण बनी हुई है, मस्जिद के आसपास पुलिस बटालियन कड़ा पहरा दे रही है. संजौली में सड़कों पर लोगों को खड़े होने नहीं दिया जा रहा है. जो लोग अपने गंतव्य की ओर जा रहे हैं, उन्हें सीधा जाने को कहा जा रहा है. मस्जिद जाने वाले रास्तों पर चार-चार पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं. वहीं, मस्जिद परिसर में भी पुलिस बल तैनात किया गया है. अगर कोई भी हंगामा होता है या फिर हिंदू संगठनों द्वारा प्रदर्शन किया जाता है, तो उसके लिए पुलिस प्रशासन पूरी तरह से तैयार है, ताकि किसी भी तरह की कोई भी अप्रिय घटना न हो.
हिंदू संगठनों की चेतावनी
शिमला कमिश्नर कोर्ट ने बीते शनिवार को मामले की सुनवाई की और अगली सुनवाई की तारीख 5 अक्टूबर रखी है. हिंदू संगठनों का कहना है कि तारीख पे तारीख देने का काम नहीं चलेगा. अब उन्हें निर्णायक लड़ाई लड़नी पड़ेगी. जिसको लेकर पुलिस भी तैयार है और चौकसी बढ़ा दी गई है. प्रशासन द्वारा क्षेत्र में मुस्लिम समुदाय के लोगों की दुकानें भी बंद करवा दी गई है.
सदन में उठा था ये मुद्दा
गौरतलब है कि रविवार 1 सितंबर को संजौली में मस्जिद के बाहर जोरदार प्रदर्शन हुआ था. जिसमें प्रदर्शनकारी अवैध बनी मस्जिद को तोड़ने की मांग पर अड़े थे. उसके बाद प्रशासन ने मौके पर लोगों को आश्वासन दिया था. विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान कैबिनेट मंत्री अनिरुद्ध सिंह ने भी सदन में ये मुद्दा उठाया था और अवैध भवन को हटाने की बात कही थी.
कैसे शुरू हुआ विवाद ?
शिमला के संजौली में मस्जिद निर्माण को लेकर काफी बवाल मचा हुआ है. कुछ दिनों पहले शिमला के मल्याणा में दो गुटों के बीच आपसी झगड़ा हुआ था. जिसमें कुछ समुदाय विशेष के लोगों ने तेजधार हथियारों से एक युवक को लहूलुहान कर दिया था. जबकि कुछ अन्य लोगों से भी मारपीट की थी. जिसके बाद मामले ने तूल पकड़ा और लोगों का गुस्सा बीते दिनों शिमला के संजौली में बनी मस्जिद के बाहर फूटा. इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने मल्याणा में मारपीट करने वाले लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने और मस्जिद के अवैध निर्माण को गिराने की मांग की थी.