शिमला: राजधानी शिमला के सबसे बड़े उपनगर संजौली में स्थित मस्जिद में अवैध निर्माण को लेकर सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार भी कई मोर्चों पर एक्शन में आ गई है. कैबिनेट मंत्रियों विक्रमादित्य सिंह व अनिरुद्ध सिंह ने शिमला में मीडिया के समक्ष लंबी बातचीत में सरकार की तरफ से सभी सवालों के जवाब दिए. इसी दौरान एक सवाल के जवाब में बताया गया कि नगर निगम के जिस विवादित अफसर पर सवाल उठ रहे हैं, उसके खिलाफ डिपार्टमेंटल इनक्वायरी होगी. ये सरकार की तरफ से बड़ी घोषणा है. सुखविंदर सिंह सरकार में शहरी विकास मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने मीडिया के एक सवाल के जवाब में ये ऐलान किया.
विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि कोरोना काल में बिना अनुमति के संजौली में मस्जिद में अवैध निर्माण कैसे हो गया? नगर निगम के जिस कनिष्ठ अभियंता ने निर्माण से जुड़े मामले में एक फर्जी किस्म की पार्टी तैयार कर सभी को 14 साल तक गुमराह किया, अब मस्जिद में ऊपर की मंजिलों के अवैध निर्माण में भी उसी की भूमिका के आरोप लग रहे हैं. कैबिनेट मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि इस पूरे मामले में एमसी शिमला के जो भी संबंधित लोग शामिल होंगे, सरकार उनके खिलाफ कार्रवाई करेगी. इसके अलावा बाहर से आने वाले प्रवासियों की पहचान और हिमाचल में आकर काम करने वालों के लिए वेंडर पॉलिसी पर भी सरकार गंभीर दिख रही है.
सकते में आई सरकार ने सीखे सबक
संजौली में मस्जिद में हुए अवैध निर्माण का मामला बेशक सुलझता हुआ प्रतीत हो रहा है, लेकिन ये विवाद अपने पीछे कई सवाल व सबक छोड़ गया है. जिस तरह से सिविल सोसायटी के बैनर तले संजौली व शिमला की आम जनता जिला प्रशासन की एक हजार पुलिसकर्मियों की तैनाती के बावजूद सड़क पर उतरी, उसे देखकर सरकार भी सकते में आ गई. जिस विरोध प्रदर्शन और आम जनता के गुस्से को प्रशासन के कुछ अफसर हल्के में ले रहे थे, वो सोच उन पर भारी पड़ी. प्रदर्शनकारियों ने ढली से लेकर संजौली तक सभी बैरिकेड तोड़ डाले. न तो लाठीचार्ज के खौफ से प्रदर्शनकारी डरे और न ही पुलिस केस से.
इधर, संजौली से शुरू हुए विवाद पूरे प्रदेश में फैल गया. मंडी में इसकी आंच महसूस की गई. मंडी में जेल रोड पर मस्जिद में अवैध निर्माण को लेकर वहां की सिविल सोसायटी ने 13 सितंबर को प्रदर्शन की कॉल दी थी. मंडी जिला प्रशासन ने वहां के कुछ वाड्र्स में धारा-163 लगाने का ऐलान किया है. इस बीच, जेल रोड में मस्जिद के अवैध हिस्से को मुस्लिम समुदाय के लोगों ने खुद ही तोड़ डाला. वहीं, संजौली में भी अप्रत्याशित घटनाक्रम के तहत मुस्लिम वेलफेयर कमेटी के सदस्यों ने निगम आयुक्त भूपेंद्र अत्री से मुलाकात कर उन्हें ज्ञापन सौंपा और कहा कि आयुक्त कोर्ट की इजाजत मिले तो वे अवैध हिस्से को खुद ही गिरा देंगे.
मारपीट की घटना से शुरू हुआ विवाद बना राष्ट्रीय मुद्दा
शिमला के एक अन्य उपनगर मल्याणा में मुस्लिम युवाओं व स्थानीय लोगों के बीच झड़प हुई. ये झड़प मारपीट में बदली और मल्याणा के एक व्यक्ति के सिर पर गहरी चोट आई. ये बात 30 अगस्त की है. उसके बाद आरोप लगा कि मारपीट करने वाले छह मुस्लिम संजौली मस्जिद में आकर छिपे थे. मल्याणा के लोगों के साथ संजौली के लोग इकट्ठा हुए और मस्जिद के समक्ष धरना दिया. मौके पर डीसी, एसपी व एमसी कमिश्नर आए. उन्होंने 7 सितंबर की सुनवाई में मसले के सार्थक हल का आश्वासन दिया. फिर सात सितंबर को निगम कोर्ट में जो कुछ हुआ और 5 अक्टूबर को अगली डेट मिली, उससे हिंदू संगठनों और सिविल सोसायटी का गुस्सा भड़क गया. फिर 11 सितंबर को जो हुआ, उसे पूरे देश ने देखा. भारी पुलिस बल और कमांडो भी लोगों को आक्रोश को काबू नहीं कर पाए.
पहचान व नाम छिपा कर मल्याणा में काम कर रहे थे हमलावर
मल्याणा में स्थानीय लोगों पर हमला करने वाले मुस्लिम युवा नाम व पहचान छिपाकर काम कर रहे थे. मुजफ्फरनगर का रहने वाला गुलनवाज अंसारी कुणाल नाम रखकर काम कर रहा था. ग्रामीण विकास व पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह ने बताया कि मल्याणा में स्थानीय व्यापारी पर हमले के जिस मुख्य आरोपी को गिरफ्तार किया गया है, वह कई साल पहले से हिंदू नाम रखकर यहां काम कर रहा था. इनके पास मल्याणा में ही कई दुकानें हैं. छह हमलावरों में दो नाबालिग हैं और सभी उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर से संबंध रखते हैं. यदि पुलिस ने सही तरीके से वेरिफिकेशन की होती तो ये चिंगारी आग न बनती.
अब आगे क्या होगा ?
गुरुवार को मीडिया से बातचीत में कैबिनेट मंत्री अनिरुद्ध सिंह ने कहा कि सरकार के ध्यान में यह भी आया है कि प्रवासियों के आधार कार्ड देखने पर ये पाया जा रहा है कि अधिकांश की जन्म तिथि एक जनवरी है. इस मामले की पूरी जांच की जाएगी. इसके अलावा विभिन्न स्थानों पर किराए के कमरे लेकर रहने वालों, दुकानों में काम करने वालों, रेहड़ी-फड़ी लगाने वालों और घरों में काम करने वाले प्रवासी लोगों के पहचान पत्रों की फिर से जांच की जाएगी. इस बीच, मामले में कांग्रेस के मंत्रियों ने भाजपा पर गंभीर आरोप लगाए. तत्कालीन शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज सहित नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर पर गंभीर आरोप लगाए गए और कहा गया कि उनके समय में मस्जिद के लिए आर्थिक मदद की गई. फिलहाल, संजौली में बेशक शांति प्रतीत हो रही है, लेकिन आने वाले समय में यदि प्रशासन ने लापरवाही बरती तो चिंगारी फिर से भड़क सकती है.