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आकांक्षी जिलों में चल रहा नीति आयोग का प्रोग्राम, संपूर्णता अभियान से गांव और स्कूल हो रहे जागरुक - Sampoornata Abhiyan

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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Aug 30, 2024, 3:31 PM IST

Updated : Aug 30, 2024, 3:47 PM IST

SAMPOORNATA ABHIYAN छत्तीसगढ़ के आकांक्षी जिलों और ब्लॉकों में संपूर्णता अभियान चलाया जा रहा है.इसी कड़ी में सूरजपुर जिले के ब्लॉक और गांवों में जनचौपाल लगाई गई.NITI AAYOG

NITIA AYOG
छत्तीसगढ़ के आकांक्षी जिलों में चला संपूर्णता अभियान (ETV Bharat Chhattisgarh)

रायपुर : संपूर्णता अभियान के अंतर्गत आकांक्षी ब्लॉक प्रतापपुर, जिला सूरजपुर के ग्राम पंचायत सकलपुर में जनचौपाल का आयोजन किया गया. संपूर्णता अभियान द्वारा कवर किए गए 6 संकेतक और आकांक्षी ब्लॉक कार्यक्रम के 40 संकेतकों को शिविर के प्रतिभागियों को विस्तार से समझाया गया.इसके बाद सभी से सक्रिय जनभागीदारी करने की अपील की गई.

बच्चों में विकास को रोकने वाले कारकों को लोगों को समझाया :इस कार्यक्रम में बच्चों में विकास को रोकने वाले कुपोषण और एनीमिया पर जागरूकता अभियान भी चलाया गया. इस बार 1229 लोगों की जांच की गई है. कार्यक्रम का लक्ष्य अगले महीने के भीतर मधुमेह, उच्च रक्तचाप, टीबी और मौसमी बीमारियों के लिए 30 से अधिक लोगों की जांच करना है.

कृमि नाशक दवा खिलाई गई : इसके अतिरिक्त स्वास्थ्य विभाग, महिला एवं बाल विकास विभाग के सहयोग से राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस पर स्कूलों एवं आंगनबाड़ियों में शिविर लगाकर 1 से 19 वर्ष तक के बच्चों एवं किशोरों को कृमि नाशक दवा निःशुल्क खिलाई गई.

क्या है संपूर्णता अभियान ?

  • संपूर्णता अभियान, भारत के सबसे पिछड़े क्षेत्रों में प्रगति लाने के लिए नीति आयोग की एक पहल है:
  • इस अभियान का मकसद, आकांक्षी ज़िलों और ब्लॉकों में 6 प्रमुख संकेतकों में सुधार लाना है.
  • यह अभियान 4 जुलाई से 30 सितंबर, 2024 तक चलेगा.
  • उन आकांक्षी जिलों और ब्लॉक को चुना गया हैं, जो खराब सामाजिक-आर्थिक संकेतकों से प्रभावित हैं.
  • इस अभियान में, नीति आयोग ने उन गतिविधियों की सूची उपलब्ध कराई है, जिन्हें जिलों और ब्लॉकों को आयोजित करना है.
  • इस अभियान के तहत, स्वास्थ्य, पोषण, और शिक्षा जैसे कई क्षेत्रों में काम किया जा रहा है.
  • स्वास्थ्य के क्षेत्र में, एएनसी के लिए पंजीकृत महिलाओं की प्रतिशतता, मधुमेह और हाइपरटेंशन की जांच कराने वाले लोगों की प्रतिशतता, जैसे संकेतकों पर ध्यान दिया जाएगा.
  • शिक्षा के क्षेत्र में, द्वितीय स्तर पर इलेक्ट्रिसिटी की सुविधा वाले स्कूलों की प्रतिशतता, और बच्चों को पाठ्यपुस्तक वितरण करने वाले स्कूलों की प्रतिशतता जैसे संकेतकों पर ध्यान दिया जाएगा.

आंगनबाड़ी वर्कर्स का छलका दर्द, ''काम ज्यादा और वेतन आधा''

त्रिपुरा और केरल आपदा में बढ़े मदद के हाथ, छत्तीसगढ़ सरकार दोनों राज्यों को देगी 15-15 करोड़

जनपद पंचायत में घूसखोर ऑपरेटर का वीडियो वायरल, अफसर बोले जांच के बाद होगी कार्रवाई

रायपुर : संपूर्णता अभियान के अंतर्गत आकांक्षी ब्लॉक प्रतापपुर, जिला सूरजपुर के ग्राम पंचायत सकलपुर में जनचौपाल का आयोजन किया गया. संपूर्णता अभियान द्वारा कवर किए गए 6 संकेतक और आकांक्षी ब्लॉक कार्यक्रम के 40 संकेतकों को शिविर के प्रतिभागियों को विस्तार से समझाया गया.इसके बाद सभी से सक्रिय जनभागीदारी करने की अपील की गई.

बच्चों में विकास को रोकने वाले कारकों को लोगों को समझाया :इस कार्यक्रम में बच्चों में विकास को रोकने वाले कुपोषण और एनीमिया पर जागरूकता अभियान भी चलाया गया. इस बार 1229 लोगों की जांच की गई है. कार्यक्रम का लक्ष्य अगले महीने के भीतर मधुमेह, उच्च रक्तचाप, टीबी और मौसमी बीमारियों के लिए 30 से अधिक लोगों की जांच करना है.

कृमि नाशक दवा खिलाई गई : इसके अतिरिक्त स्वास्थ्य विभाग, महिला एवं बाल विकास विभाग के सहयोग से राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस पर स्कूलों एवं आंगनबाड़ियों में शिविर लगाकर 1 से 19 वर्ष तक के बच्चों एवं किशोरों को कृमि नाशक दवा निःशुल्क खिलाई गई.

क्या है संपूर्णता अभियान ?

  • संपूर्णता अभियान, भारत के सबसे पिछड़े क्षेत्रों में प्रगति लाने के लिए नीति आयोग की एक पहल है:
  • इस अभियान का मकसद, आकांक्षी ज़िलों और ब्लॉकों में 6 प्रमुख संकेतकों में सुधार लाना है.
  • यह अभियान 4 जुलाई से 30 सितंबर, 2024 तक चलेगा.
  • उन आकांक्षी जिलों और ब्लॉक को चुना गया हैं, जो खराब सामाजिक-आर्थिक संकेतकों से प्रभावित हैं.
  • इस अभियान में, नीति आयोग ने उन गतिविधियों की सूची उपलब्ध कराई है, जिन्हें जिलों और ब्लॉकों को आयोजित करना है.
  • इस अभियान के तहत, स्वास्थ्य, पोषण, और शिक्षा जैसे कई क्षेत्रों में काम किया जा रहा है.
  • स्वास्थ्य के क्षेत्र में, एएनसी के लिए पंजीकृत महिलाओं की प्रतिशतता, मधुमेह और हाइपरटेंशन की जांच कराने वाले लोगों की प्रतिशतता, जैसे संकेतकों पर ध्यान दिया जाएगा.
  • शिक्षा के क्षेत्र में, द्वितीय स्तर पर इलेक्ट्रिसिटी की सुविधा वाले स्कूलों की प्रतिशतता, और बच्चों को पाठ्यपुस्तक वितरण करने वाले स्कूलों की प्रतिशतता जैसे संकेतकों पर ध्यान दिया जाएगा.

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Last Updated : Aug 30, 2024, 3:47 PM IST
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