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हिमाचल: सैलाब में बहा पूरा गांव, मलबे के ढेर में अपनों को तलाशती आंखें और हर पल धुंधली होती जिंदगी की उम्मीद - rampur cloud burst

समेज गांव में 31 जुलाई को बादल फटने के बाद आई बाढ़ में सब कुछ तबाह हो गया. लापता हुए 36 लोग लापता हो गए. जिंदा बचे लोग उस मंजर को याद कर सिहर उठते हैं. लापता लोगों का अभी कुछ पता नहीं चल पाया है. यहां खेत, खलिहान, घर सब मलबे में दब चुके हैं. अब मलबे के नीचे जीवन की आस धुंधली होती जा रही है.

समेज गांव में तबाही
समेज गांव में तबाही (ETV BHARAT)
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Aug 3, 2024, 7:59 PM IST

Updated : Aug 4, 2024, 2:09 PM IST

शिमला: पहाड़ों की गोद में शिमला के रामपुर और कुल्लू की सीमा पर बसा समेज गांव अब यादों और अतीत के पन्नों में सिमट कर रह गया है. इस गांव में भी स्कूल, मंदिर, खेत-खलिहान, अस्पताल सब थे, लेकिन आज सबकुछ मिट्टी के ढेर में बदल चुका है. 31 जुलाई की आधी रात से पहले तक सब कुछ ठीक ठाक था. लोग आने वाले खतरे से अनजान थे, रात 12 बजे के बाद जब लोग गहरी नींद में थे उस दौरान समेज गांव के ऊपर पहाड़ी पर बादल फटा और तेज बारिश शुरू हो गई. तेज बारिश के कारण गांव के साथ लगते नाले में बाढ़ आ गई. बाढ़ में बहकर आए मलबे, बड़े-बड़े पत्थरों ने पूरे गांव का नामों निशान मिटा दिया.

अभी भी लापता लोगों की तलाश जारी (ETV BHARAT)

समेज गांव में आई तबाही को 3 दिन बीत गए हैं, लेकिन यहां पर बाढ़ में लापता हुए 36 लोगों का अभी तक कुछ पता नहीं चल पाया है. परिजन रोज अपनों के मिलने की आस में पत्थराई आंखों से यहां आते हैं, लेकिन रोज उनके हाथ निराशा ही लगती है. आज चौथे दिन भी रेस्क्यू एंड सर्च ऑपरेशन जारी है. जिसमें एनडीआरएफ, पुलिस, आईटीबीवी, आर्मी और सीआईएसएफ के 301 जवान शामिल हैं. वहीं, 5 एलएनटी मशीनें मौके पर तैनात की गई हैं.

सैलाब में गुम गया एक गांव

समेज गांव में हंसते खेलते परिवार थे, आज से कुछ दिन पहले तक पक्के मकानों में रहते थे, लेकिन आसमान से दबे पांव बारिश ऐसी कयामत बनकर बरसी कि आज ये टेंट मे रहने को मजबूर हो गए. आज इनके पास आंसुओं के सिवाय कुछ नहीं है. 31 जुलाई की रात जैसे ही पहाड़ी पर बादल फटा गांव के कुछ लोगों की नींद खुल गई. बाहर गांव के साथ लगते नाले में पानी बढ़ चुका था. ये देखकर कुछ लोग घर छोड़कर भाग गए और दूसरों को भी सूचित कर दिया, लेकिन अफसोस कुछ लोग इतने खुशनसीब नहीं थे. इस गांव की बाढ़ के पहले और बाद की तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है. 31 जुलाई के बाद और उससे पहले की तस्वीरों को एक साथ देखने पर यकीन नहीं होता कि यहां एक खूबसूरत गांव भी था.

SAMEJ VILLAGE
समेज गांव की पुरानी तस्वीर (बाएं) तबाही के बाद की तस्वीर (दाएं) (ETV BHARAT)

कुल्लू-रामपुर में पड़ता है समेज गांव

समेज गांव कुल्लू और शिमला के रामपुर दो हिस्सों में बंटा हैं. सबसे अधिक नुकसान रामपुर में आने वाले इलाके में हुआ है, क्योंकि गांव के साथ ही एक नाला है. यहां आई बाढ़ में 36 लोग लापता हैं. कुछ स्थानीय लोग हैं, कुछ प्रवासी मजदूर थे, कुछ लोग किराए के घरों में रहते थे. समेज में आई त्रासदी को 3 दिन हो गए हैं, चौथे दिन भी रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है, लेकिन अभी तक लापता लोगों का कोई सुराग नहीं मिला है.

स्थानीय निवासी विपिन ने बताया कि 'शिमला में आने वाले समेज गांव के क्षेत्र में लगभग 15 मकान थे, जो बाढ़ में बह गए. इसके अलावा यहां पर एक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र भी था. अब यहां पर सिर्फ एक घर बच गया है, जिसमें अनिता रहती थी.

अनीता ने बताया कि "वह अपने अपने बच्चों के साथ रात को जंगल की ओर भाग गई, जहां पर उन्होंने पूरी रात बिताई. हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट में कार्यरत युवक दौड़ कर आए तब वो भी उनके साथ जंगल की ओर अपने बच्चों के साथ भाग गई, जिस कारण 11 लोगों की जान बच गई. रात भर जंगल में एक माता के मंदिर में पनाह ली थी."

वहीं, ग्राम पंचायत प्रधान ने बताया कि, 'उन्हें रात को इसकी जानकारी प्राप्त हो चुकी थी, लेकिन सुबह के समय वह यहां पर पहुंचे. यहां बहुमंजिला इमारतें थीं और खेत खलिहान हुआ करते थे एक ही रात में सब तबाह हो चुका था और पूरा इलाका मिट्टी और चट्टानों के ढेर में तब्दील हो गया है.'

रेस्क्यू ऑपरेशन जारी (ETV BHARAT)

कब क्या हुआ

  • 31 जुलाई देर रात 12ः15 बजे बादल फटने की घटना.
  • झाकड़ी पुलिस स्टेशन में सुबह सवा तीन बजे के करीब पंचायत उप प्रधान ने घटना की सूचना दी.
  • हेड कांस्टेबल संजीव की अगुवाई में पुलिस की टीम घटना स्थल के लिए साढ़े तीन बजे रवाना हुई.
  • करीब पौने चार बजे ग्रीनको कंपनी की ओर से एसडीएम रामपुर निशांत तोमर को सूचना मिली.
  • चार बजे एसडीएम ने एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, पैरामिलिटरी फोर्स और पुलिस से संपर्क कर लिया गया था.
  • करीब पांच बजे एसडीएम रामपुर अपनी टीम के साथ घटनास्थल के लिए रवाना हुए.
  • सुबह 5 बजकर 40 मिनट पर एसडीएम घटनास्थल पर पहुंचे.
  • खड्ड के दूसरी तरफ 10 लोग फंसे हुए थे, जिन्हें रेस्क्यू करने में करीब चार घंटे लगे.
  • सुबह 7 बजे के करीब सभी बचाव दल घटना स्थल पहुंचे.
  • सुबह सवा दस बजे के करीब उपायुक्त अनुपम कश्यप और पुलिस अधीक्षक संजीव गांधी घटना स्थल पर पहुंचे.
  • सुबह साढ़े दस बजे तक सभी लोगों को रेस्कयू कर लिया गया.
    छात्रों को अपने सहपाठियों को खोने का गम (ETV BHARAT)

85 किलोमीटर के एरिया में सर्च ऑप्रेशन

इस घटना के तीन दिन बीत चुके हैं. एनडीआरएफ की टीमें दिन रात जमीन की मिट्टी, चट्टानों को बदल बदल कर लापता जिंदगियों को तलाश कर रही है. एनडीआरएफ जवानों के हाथ, जूते, कपड़े मिट्टी से सने हैं, लेकिन कई घंटों के बाद भी अभी तक हाथ में सिर्फ निराशा लगी है. समय बीतने के साथ साथ लापता लोगों के जिंदा मिलने की उम्मीद अब लगभग खत्म हो रही है, लेकिन कई किलोमीटर तक फैले इस पहाड़ के मलबे में 36 लोगों की तलाश मलबे में गुम हुई सूई को ढूंढने के बराबर है, क्योंकि एक बहुत बड़े इलाके में सर्च ऑपरेशन चलाना पड़ रहा है. अपनों को खोने वाले की नजरें मलबे के ढेर की तरफ निगाह टिकाए हुए हैं. आपदा प्रभावित क्षेत्र को जिला प्रशासन ने क्षेत्र को छह हिस्सों में बांटा है. पहले हिस्से में एनडीआरएफ की टीम, दूसरे हिस्से में भारतीय सेना, तीसरे में सीआईएसएफ, चौथे में आईटीबीपी, पांचवें और छठे हिस्से में पुलिस, होम गार्ड और त्वरित कार्रवाई दल की तैनाती की गई है. पूरे 85 किलोमीटर के दायरे में ये सर्च ऑपरेशन चल रहा है. शिमला जिला उपायुक्त अनुपम कश्यप ने कहा कि "यहां करीब 85 किलोमीटर के इलाके में बचाव कार्य किया जाना है. जिसे देखते हुए प्रभावित क्षेत्र को 6 हिस्सों में बांटा गया है. पीड़ित परिवारों की हर संभव मदद के लिए प्रशासन की टीमें जुटी हुई हैं"

गांव में आई बाढ़ के बाद की तस्वीर
गांव में आई बाढ़ के बाद की तस्वीर (ETV BHARAT)

एक पल भी नहीं सोए प्रत्यक्षदर्शी

गांव के साथ लगते एक हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट भी बाढ़ की चपेट में आया था. जहांं नाइट डयूटी के दौरान तीन कर्मी थे. इनमें सुरक्षा कर्मी पूर्ण, इंजीनियर पदम और इलेक्ट्रिशियन हितेष शामिल थे. जब रात को बादल फटा तो तीनों ने इसकी सूचना प्रोजेक्ट के आला प्रबंधन को दी. तीनों यहां से निकलना चाहते थे, लेकिन बाहर पानी अधिक होने के कारण वह अंदर ही फंस गए थे. सुबह सात बजे ये तीनों यहां से रेस्क्यू किए गए. पूर्ण ने बताया कि "जब अचानक पानी खड्ड में बढ़ गया तो हमने बाहर जाने की कोशिश करनी चाही, लेकिन तीनों ने फिर फैसला लिया कि टनल के अंदर ही रुककर सुबह तक का इंतजार करें. रात को बिजली भी नहीं थी, ऐसे में गांव के बारे में अंदाजा नहीं लगाया जा रहा था. ये रात हमारे लिए भयानक रात थी. हम पूरी रात जागते रहे और एक पल के लिए भी नहीं सोए."

स्कूल के लापता छात्र
स्कूल के लापता छात्र (ETV BHARAT)

8 स्कूली छात्र भी लापता हैं

समेज स्कूल में पढ़ने वाले कार्तिक ठाकुर, अर्णव, राखी ने बताया कि, 'उनके दोस्त अरुण, आरुषि, रितिका, अंजलि समेत उनके कई दोस्त लापता है. उनकी राधिका दीदी का भी कोई पता नहीं चल पाया है. वो सभी राधिका दीदी के पास पढ़ते थे. उनकी राधिका दीदी उनका होमवर्क करवाती थी. उन्होंने अगले दिन अपनी दीदी को ढूंढा, लेकिन उनका कोई सुराग नहीं लगा. अब उनका होमवर्क कौन करवाएगा.'

आठवीं कक्षा में पढ़ने वाले अश्विनी चौहान ने बताया कि, 'उन्हें अपने साथियों को खो कर बहुत बुरा लग रहा है. उनका स्कूल भी बंद हो गया है. उस रात को बहुत बारिश हो रही थी. रातभर वो सो नहीं पाए. बारिश रुकने के बाद वो पांच बजे स्कूल के पास नीचे आए, लेकिन उन्हें कोई नहीं मिला. स्कूल पानी में डूबा हुआ था.'

समेज गांव में सैलाब (ETV Bharat)

राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला समेज की कार्यकारी प्रिंसिपल कमला नंद ठाकुर ने बताया कि, 'बुधवार रात को समेज में आई बाढ़ में 8 छात्र लापता हो गए हैं. जिनका अभी तक रेस्क्यू टीम को कोई सुराग नहीं मिला है. इन छात्रों में कक्षा बारहवीं की कृतिका और रितिका, कक्षा दसवीं की अंजलि, जिया, राधिका और अरुण, कक्षा नौवीं की आरुषि और कक्षा छठी की योग प्रिया शामिल हैं. प्रिंसिपल ने बताया कि इन सभी बच्चों का पढ़ाई के साथ-साथ खेलों में काफी अच्छा प्रदर्शन रहा है. हाल ही में हुई मंडल स्तरीय खेलकूद प्रतियोगिता में इन छात्राओं ने बेहतर प्रदर्शन किया था और वॉलीबॉल, बास्केटबॉल और बैडमिंटन आदि में अव्वल स्थान हासिल किया था. वहीं, आरुषि और वरुण अपने परिजनों के साथ लापता हुए हैं. जबकि अन्य छात्रों के परिजन कहीं और रहने के कारण बच गए हैं.'

समेज गांव का स्कूल
समेज गांव का स्कूल (ETV BHARAT)

गाद से भर गई स्कूल की बेसमेंट

गांव में ही बने सीनियर सेकेंडरी स्कूल समेज स्कूल की निचली मंजिल की कक्षाओं में गाद भर चुकी है. आधी इमारत इस गाद में दबी हुई है, जिस स्कूल में कभी बच्चों का शोर सुनाई देता था आज वहां पानी के तेज बहाव का शोर है और स्कूल में सन्नाटा पसरा हुआ है. स्कूल की ऊपरी मंजिल पर मलबे के ऊपर पड़ी एक ट्रॉफी और दीवारों को तोड़कर अंदर घुसी बड़ी-बड़ी चट्टानें और मलबा उस खौफनाक मंजर की गवाही दे रही हैं.

समेज गांव में सैलाब (ETV Bharat)

पत्नी को बचाने का नहीं मिला मौका

समेज गांव के रहने वाले 76 वर्षीय प्रेम चंद सिर पर हाथ रखकर मायूस चेहरे के साथ उस पल के भयावह दृश्य और पत्नी को याद कर रोते हुए नजर आए. गांव के लोग उन्हें हौंसला दे रहे हैं. ईटीवी भारत को उन्होंने अपनी आपबीती सुनाई. उन्होंने बताया कि , 'जब बुधवार रात को बाढ़ आई उस समय उनको किसी अनहोनी होने का अंदाजा हो गया था. सुबह चार बजे के करीब जब वो अपने घर से बाहर निकले, तभी उन्हें मालूम हुआ कि बाहर भारी बारिश हो रही है. इस दौरान उन्होंने देखा की घर के साथ पानी का स्तर बढ़ता जा रहा है. जिसके बाद वो घर के अंदर गए और अपनी पत्नी नेवता देवी (65 वर्ष) को उठाने का प्रयास किया, लेकिन वह उठ नहीं पाई. प्रेम चंद ने बताया कि वे घर से बाहर आ गए और एक लकड़ी के सहारे ऊपर की ओर चढ़ गए. देखते ही देखते उनके सामने उनका घर और उनकी पत्नी बाढ़ में बह गई. प्रेम चंद ने बताया कि दोनों पति-पत्नी लगभग 40 साल से समेज में रहते थे. वे एक छोटी सी चाय की दुकान चलाकर घर का गुजारा किया करता थे.'

समेज गांव का स्कूल
समेज गांव का स्कूल (ETV BHARAT)

पत्नी और दो बच्चों को खो दिया

कांदरी के जयसिंह के लिए ये रात कभी ना भूलने वाली बन गई. जब जयसिंह किसी काम से अपने घर गए थे तो उनकी पत्नी कल्पना और दो बच्चे समेज में रह रहे थे. यहां पर उनकी पत्नी हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट में नौकरी करती थी. उनकी पांच साल की एक बेटी और तीन साल का एक बेटा था, वह भी इस बाढ़ में लापता हैं. अब अकेले जयपाल रह गए हैं. जयपाल को दुख इस बात का है कि क्यों नहीं वे भी अपने बच्चे और पत्नी के साथ ही बाढ़ में बह गए, अब वो इस दुनिया में अपनों के बिना अकेले रह गए हैं.

कल्पना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल

मौत के कुछ घंटे पहले ही जयसिंह की पत्नी ने इंस्टाग्राम पर एक रील शेयर की थी. इस रील में बैकग्राउंड वॉयस पर रील बनाते समय कल्पना कहतीं हैं, काम करने से मौत नहीं आती, लेकिन मैं ये रिस्क नहीं ले सकती, अगर मौत आ गई तो...उसके कुछ घंटों बाद ही कल्पना अपने दो बच्चों के साथ लापता हैं. परिजन उन्हें ढांढसा बंधा रहे हैं. मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक गांव के ही बख्शी केदारटा के परिवार से 16 लोग लापता हैं.

सीएम ने किया गांव का दौरा

वहीं, शुक्रवार को सीएम सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कल समेज गांव का दौर किया और प्रभावित परिवारों को हर संभव मदद का आश्वासन दिलाया. वहीं, मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना ने कहा कि आपदा प्रभावितों को राहत प्रदान करने के लिए राज्य सरकार प्रति परिवार 50 हजार रुपये की वित्तीय सहायता के साथ किराए के मकान के लिए तीन माह तक प्रतिमाह 5,000 रुपये प्रदान करेगी. इसके अलावा, इन परिवारों को निःशुल्क राशन, रसोई गैस और कम्बल की सुविधा भी प्रदान की जाएगी.

समेज गांव को मिले ये जख्म अब कभी भर नहीं सकते. इस गांव को अपने पैरों पर खड़ा करने के लिए कई पीढ़ियों को संघर्ष करना पड़ेगा. बादल फटने के बाद आए सैलाब में कई परिवार मलबे के कई फीट ढेर के नीचे दफन हो चुके हैं. हसंती खेलती जिंदगियां एक दम से खामोश हो गईं. खूबसूरत सा दिखने वाले गांव में अब नदियों के पानी और लोगों की सिसकियों के शोर के अलावा कुछ नहीं बचा.

लापता (प्रवासी श्रमिकों) की सूची

स्थान- समेज

  • 1.ममता पत्नी राज कुमार पांडे निवासी झारखंड
  • 2.मुस्कान पुत्री राज कुमार पांडे निवासी झारखंड
  • 3. रूपनी देवी पत्नी भोला नाथ उरांव निवासी झारखण्ड
  • 4. अंजलि पुत्री भोला नाथ उरांव, झारखण्ड

लापता लोगों की सूची (स्थानीय लोग )

स्थान- कुशवा बाइफ्रिकेशन के पास गांव कंदराहड़

  • 1.सूरत राम पुत्र स्वर्गीय कौल राम गांव कनराहड़, उम्र 58 वर्ष
  • 2.संतोष कुमारी पत्नी सूरत राम, उम्र 54 वर्ष
  • 3. नीरज कुमार पुत्र सूरत राम, उम्र 30 वर्ष
  • 4. रचना पत्नी राजेश कुमार उम्र 23 वर्ष
  • 5.अनीता पत्नी अशोक कुमार उम्र 40 वर्ष
  • 6. योग प्रिया पुत्री अशोक कुमार उम्र 11 वर्ष
  • 7.मुकेश पुत्र अशोक कुमार उम्र 19 वर्ष
  • 8.वेद राज पुत्र कौल राम उम्र 55 साल
  • लापता ग्रीनको समेज हाइड्रो एनर्जी प्राइवेट लिमिटेड की सूची
  • 1.पुष्प देव शर्मा ग्राम खुन्ना रामपुर
  • 2.हरदीप सिंह ग्राम नगरोटा बगवा कांगड़ा
  • 3.हरदेव सिंह ग्राम सैंज, कुल्लू
  • 4.अजय कुमार निवासी शिलाई, सिरमौर
  • 5. भाग चंद निवासी शिंगला रामपुर
  • 6. सिद्धार्थ खेड़ा निवासी कांगड़ा
  • 7.रूप सिंह गांव सिका सेरी सरपारा, रामपुर
  • लापता लोगों की सूची (स्थानीय लोग) स्थान- समेज
  • 1.शिक्षा पत्नी गोपाल गांव व डाकघर सुगा निवासी रामपुर उम्र 37 वर्ष
  • 2. जिया पुत्री गोपाल, उम्र 15 वर्ष
  • 3.कल्पना पत्नी जय सिंह सनैल गांव कांदरी डा फांचा तह. रामपुर उम्र 34 साल
  • 4.अक्षिता पुत्री जय सिंह सनैल, उम्र 07 वर्ष
  • 5.अद्विक पुत्र जय सिंह सनैल, उम्र 04 वर्ष
  • 6.कृष्णा देवी पत्नी स्वर्गीय पुरूषोत्तम ग्राम सरपारा तह रामपुर उम्र 70 वर्ष
  • 7. श्याम सिंह पुत्र चंदर सिंह ग्राम समेज उम्र 39 वर्ष
  • 8.आरुषि पुत्री श्याम सिंह ग्राम समेज उम्र 13 वर्ष
  • 9.अरुण पुत्र श्याम सिंह ग्राम समेज उम्र 15 साल
  • 10. सरस्वती पत्नी श्याम सिंह गांव समेज उम्र 33 वर्ष
  • 11. तनु केदारटा पुत्री रविंदर केदारनाथ गांव समेज उम्र 15 वर्ष
  • 12. रानू केदारटा पुत्री रविंदर केदारटा, उम्र 16 वर्ष
  • 13.आरुषि पुत्री श्याम सिंह ग्राम समेज
  • 14.मंगला देवी पत्नी सुना राम ग्राम समेज उम्र 70 वर्ष

ये भी पढ़ें: आपदा में हिमाचल के इस गांव का मिट गया नामोनिशान, मलबे में दफन हुए सभी मकान, लापता लोगों का नहीं मिला अब तक कोई सुराग

शिमला: पहाड़ों की गोद में शिमला के रामपुर और कुल्लू की सीमा पर बसा समेज गांव अब यादों और अतीत के पन्नों में सिमट कर रह गया है. इस गांव में भी स्कूल, मंदिर, खेत-खलिहान, अस्पताल सब थे, लेकिन आज सबकुछ मिट्टी के ढेर में बदल चुका है. 31 जुलाई की आधी रात से पहले तक सब कुछ ठीक ठाक था. लोग आने वाले खतरे से अनजान थे, रात 12 बजे के बाद जब लोग गहरी नींद में थे उस दौरान समेज गांव के ऊपर पहाड़ी पर बादल फटा और तेज बारिश शुरू हो गई. तेज बारिश के कारण गांव के साथ लगते नाले में बाढ़ आ गई. बाढ़ में बहकर आए मलबे, बड़े-बड़े पत्थरों ने पूरे गांव का नामों निशान मिटा दिया.

अभी भी लापता लोगों की तलाश जारी (ETV BHARAT)

समेज गांव में आई तबाही को 3 दिन बीत गए हैं, लेकिन यहां पर बाढ़ में लापता हुए 36 लोगों का अभी तक कुछ पता नहीं चल पाया है. परिजन रोज अपनों के मिलने की आस में पत्थराई आंखों से यहां आते हैं, लेकिन रोज उनके हाथ निराशा ही लगती है. आज चौथे दिन भी रेस्क्यू एंड सर्च ऑपरेशन जारी है. जिसमें एनडीआरएफ, पुलिस, आईटीबीवी, आर्मी और सीआईएसएफ के 301 जवान शामिल हैं. वहीं, 5 एलएनटी मशीनें मौके पर तैनात की गई हैं.

सैलाब में गुम गया एक गांव

समेज गांव में हंसते खेलते परिवार थे, आज से कुछ दिन पहले तक पक्के मकानों में रहते थे, लेकिन आसमान से दबे पांव बारिश ऐसी कयामत बनकर बरसी कि आज ये टेंट मे रहने को मजबूर हो गए. आज इनके पास आंसुओं के सिवाय कुछ नहीं है. 31 जुलाई की रात जैसे ही पहाड़ी पर बादल फटा गांव के कुछ लोगों की नींद खुल गई. बाहर गांव के साथ लगते नाले में पानी बढ़ चुका था. ये देखकर कुछ लोग घर छोड़कर भाग गए और दूसरों को भी सूचित कर दिया, लेकिन अफसोस कुछ लोग इतने खुशनसीब नहीं थे. इस गांव की बाढ़ के पहले और बाद की तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है. 31 जुलाई के बाद और उससे पहले की तस्वीरों को एक साथ देखने पर यकीन नहीं होता कि यहां एक खूबसूरत गांव भी था.

SAMEJ VILLAGE
समेज गांव की पुरानी तस्वीर (बाएं) तबाही के बाद की तस्वीर (दाएं) (ETV BHARAT)

कुल्लू-रामपुर में पड़ता है समेज गांव

समेज गांव कुल्लू और शिमला के रामपुर दो हिस्सों में बंटा हैं. सबसे अधिक नुकसान रामपुर में आने वाले इलाके में हुआ है, क्योंकि गांव के साथ ही एक नाला है. यहां आई बाढ़ में 36 लोग लापता हैं. कुछ स्थानीय लोग हैं, कुछ प्रवासी मजदूर थे, कुछ लोग किराए के घरों में रहते थे. समेज में आई त्रासदी को 3 दिन हो गए हैं, चौथे दिन भी रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है, लेकिन अभी तक लापता लोगों का कोई सुराग नहीं मिला है.

स्थानीय निवासी विपिन ने बताया कि 'शिमला में आने वाले समेज गांव के क्षेत्र में लगभग 15 मकान थे, जो बाढ़ में बह गए. इसके अलावा यहां पर एक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र भी था. अब यहां पर सिर्फ एक घर बच गया है, जिसमें अनिता रहती थी.

अनीता ने बताया कि "वह अपने अपने बच्चों के साथ रात को जंगल की ओर भाग गई, जहां पर उन्होंने पूरी रात बिताई. हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट में कार्यरत युवक दौड़ कर आए तब वो भी उनके साथ जंगल की ओर अपने बच्चों के साथ भाग गई, जिस कारण 11 लोगों की जान बच गई. रात भर जंगल में एक माता के मंदिर में पनाह ली थी."

वहीं, ग्राम पंचायत प्रधान ने बताया कि, 'उन्हें रात को इसकी जानकारी प्राप्त हो चुकी थी, लेकिन सुबह के समय वह यहां पर पहुंचे. यहां बहुमंजिला इमारतें थीं और खेत खलिहान हुआ करते थे एक ही रात में सब तबाह हो चुका था और पूरा इलाका मिट्टी और चट्टानों के ढेर में तब्दील हो गया है.'

रेस्क्यू ऑपरेशन जारी (ETV BHARAT)

कब क्या हुआ

  • 31 जुलाई देर रात 12ः15 बजे बादल फटने की घटना.
  • झाकड़ी पुलिस स्टेशन में सुबह सवा तीन बजे के करीब पंचायत उप प्रधान ने घटना की सूचना दी.
  • हेड कांस्टेबल संजीव की अगुवाई में पुलिस की टीम घटना स्थल के लिए साढ़े तीन बजे रवाना हुई.
  • करीब पौने चार बजे ग्रीनको कंपनी की ओर से एसडीएम रामपुर निशांत तोमर को सूचना मिली.
  • चार बजे एसडीएम ने एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, पैरामिलिटरी फोर्स और पुलिस से संपर्क कर लिया गया था.
  • करीब पांच बजे एसडीएम रामपुर अपनी टीम के साथ घटनास्थल के लिए रवाना हुए.
  • सुबह 5 बजकर 40 मिनट पर एसडीएम घटनास्थल पर पहुंचे.
  • खड्ड के दूसरी तरफ 10 लोग फंसे हुए थे, जिन्हें रेस्क्यू करने में करीब चार घंटे लगे.
  • सुबह 7 बजे के करीब सभी बचाव दल घटना स्थल पहुंचे.
  • सुबह सवा दस बजे के करीब उपायुक्त अनुपम कश्यप और पुलिस अधीक्षक संजीव गांधी घटना स्थल पर पहुंचे.
  • सुबह साढ़े दस बजे तक सभी लोगों को रेस्कयू कर लिया गया.
    छात्रों को अपने सहपाठियों को खोने का गम (ETV BHARAT)

85 किलोमीटर के एरिया में सर्च ऑप्रेशन

इस घटना के तीन दिन बीत चुके हैं. एनडीआरएफ की टीमें दिन रात जमीन की मिट्टी, चट्टानों को बदल बदल कर लापता जिंदगियों को तलाश कर रही है. एनडीआरएफ जवानों के हाथ, जूते, कपड़े मिट्टी से सने हैं, लेकिन कई घंटों के बाद भी अभी तक हाथ में सिर्फ निराशा लगी है. समय बीतने के साथ साथ लापता लोगों के जिंदा मिलने की उम्मीद अब लगभग खत्म हो रही है, लेकिन कई किलोमीटर तक फैले इस पहाड़ के मलबे में 36 लोगों की तलाश मलबे में गुम हुई सूई को ढूंढने के बराबर है, क्योंकि एक बहुत बड़े इलाके में सर्च ऑपरेशन चलाना पड़ रहा है. अपनों को खोने वाले की नजरें मलबे के ढेर की तरफ निगाह टिकाए हुए हैं. आपदा प्रभावित क्षेत्र को जिला प्रशासन ने क्षेत्र को छह हिस्सों में बांटा है. पहले हिस्से में एनडीआरएफ की टीम, दूसरे हिस्से में भारतीय सेना, तीसरे में सीआईएसएफ, चौथे में आईटीबीपी, पांचवें और छठे हिस्से में पुलिस, होम गार्ड और त्वरित कार्रवाई दल की तैनाती की गई है. पूरे 85 किलोमीटर के दायरे में ये सर्च ऑपरेशन चल रहा है. शिमला जिला उपायुक्त अनुपम कश्यप ने कहा कि "यहां करीब 85 किलोमीटर के इलाके में बचाव कार्य किया जाना है. जिसे देखते हुए प्रभावित क्षेत्र को 6 हिस्सों में बांटा गया है. पीड़ित परिवारों की हर संभव मदद के लिए प्रशासन की टीमें जुटी हुई हैं"

गांव में आई बाढ़ के बाद की तस्वीर
गांव में आई बाढ़ के बाद की तस्वीर (ETV BHARAT)

एक पल भी नहीं सोए प्रत्यक्षदर्शी

गांव के साथ लगते एक हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट भी बाढ़ की चपेट में आया था. जहांं नाइट डयूटी के दौरान तीन कर्मी थे. इनमें सुरक्षा कर्मी पूर्ण, इंजीनियर पदम और इलेक्ट्रिशियन हितेष शामिल थे. जब रात को बादल फटा तो तीनों ने इसकी सूचना प्रोजेक्ट के आला प्रबंधन को दी. तीनों यहां से निकलना चाहते थे, लेकिन बाहर पानी अधिक होने के कारण वह अंदर ही फंस गए थे. सुबह सात बजे ये तीनों यहां से रेस्क्यू किए गए. पूर्ण ने बताया कि "जब अचानक पानी खड्ड में बढ़ गया तो हमने बाहर जाने की कोशिश करनी चाही, लेकिन तीनों ने फिर फैसला लिया कि टनल के अंदर ही रुककर सुबह तक का इंतजार करें. रात को बिजली भी नहीं थी, ऐसे में गांव के बारे में अंदाजा नहीं लगाया जा रहा था. ये रात हमारे लिए भयानक रात थी. हम पूरी रात जागते रहे और एक पल के लिए भी नहीं सोए."

स्कूल के लापता छात्र
स्कूल के लापता छात्र (ETV BHARAT)

8 स्कूली छात्र भी लापता हैं

समेज स्कूल में पढ़ने वाले कार्तिक ठाकुर, अर्णव, राखी ने बताया कि, 'उनके दोस्त अरुण, आरुषि, रितिका, अंजलि समेत उनके कई दोस्त लापता है. उनकी राधिका दीदी का भी कोई पता नहीं चल पाया है. वो सभी राधिका दीदी के पास पढ़ते थे. उनकी राधिका दीदी उनका होमवर्क करवाती थी. उन्होंने अगले दिन अपनी दीदी को ढूंढा, लेकिन उनका कोई सुराग नहीं लगा. अब उनका होमवर्क कौन करवाएगा.'

आठवीं कक्षा में पढ़ने वाले अश्विनी चौहान ने बताया कि, 'उन्हें अपने साथियों को खो कर बहुत बुरा लग रहा है. उनका स्कूल भी बंद हो गया है. उस रात को बहुत बारिश हो रही थी. रातभर वो सो नहीं पाए. बारिश रुकने के बाद वो पांच बजे स्कूल के पास नीचे आए, लेकिन उन्हें कोई नहीं मिला. स्कूल पानी में डूबा हुआ था.'

समेज गांव में सैलाब (ETV Bharat)

राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला समेज की कार्यकारी प्रिंसिपल कमला नंद ठाकुर ने बताया कि, 'बुधवार रात को समेज में आई बाढ़ में 8 छात्र लापता हो गए हैं. जिनका अभी तक रेस्क्यू टीम को कोई सुराग नहीं मिला है. इन छात्रों में कक्षा बारहवीं की कृतिका और रितिका, कक्षा दसवीं की अंजलि, जिया, राधिका और अरुण, कक्षा नौवीं की आरुषि और कक्षा छठी की योग प्रिया शामिल हैं. प्रिंसिपल ने बताया कि इन सभी बच्चों का पढ़ाई के साथ-साथ खेलों में काफी अच्छा प्रदर्शन रहा है. हाल ही में हुई मंडल स्तरीय खेलकूद प्रतियोगिता में इन छात्राओं ने बेहतर प्रदर्शन किया था और वॉलीबॉल, बास्केटबॉल और बैडमिंटन आदि में अव्वल स्थान हासिल किया था. वहीं, आरुषि और वरुण अपने परिजनों के साथ लापता हुए हैं. जबकि अन्य छात्रों के परिजन कहीं और रहने के कारण बच गए हैं.'

समेज गांव का स्कूल
समेज गांव का स्कूल (ETV BHARAT)

गाद से भर गई स्कूल की बेसमेंट

गांव में ही बने सीनियर सेकेंडरी स्कूल समेज स्कूल की निचली मंजिल की कक्षाओं में गाद भर चुकी है. आधी इमारत इस गाद में दबी हुई है, जिस स्कूल में कभी बच्चों का शोर सुनाई देता था आज वहां पानी के तेज बहाव का शोर है और स्कूल में सन्नाटा पसरा हुआ है. स्कूल की ऊपरी मंजिल पर मलबे के ऊपर पड़ी एक ट्रॉफी और दीवारों को तोड़कर अंदर घुसी बड़ी-बड़ी चट्टानें और मलबा उस खौफनाक मंजर की गवाही दे रही हैं.

समेज गांव में सैलाब (ETV Bharat)

पत्नी को बचाने का नहीं मिला मौका

समेज गांव के रहने वाले 76 वर्षीय प्रेम चंद सिर पर हाथ रखकर मायूस चेहरे के साथ उस पल के भयावह दृश्य और पत्नी को याद कर रोते हुए नजर आए. गांव के लोग उन्हें हौंसला दे रहे हैं. ईटीवी भारत को उन्होंने अपनी आपबीती सुनाई. उन्होंने बताया कि , 'जब बुधवार रात को बाढ़ आई उस समय उनको किसी अनहोनी होने का अंदाजा हो गया था. सुबह चार बजे के करीब जब वो अपने घर से बाहर निकले, तभी उन्हें मालूम हुआ कि बाहर भारी बारिश हो रही है. इस दौरान उन्होंने देखा की घर के साथ पानी का स्तर बढ़ता जा रहा है. जिसके बाद वो घर के अंदर गए और अपनी पत्नी नेवता देवी (65 वर्ष) को उठाने का प्रयास किया, लेकिन वह उठ नहीं पाई. प्रेम चंद ने बताया कि वे घर से बाहर आ गए और एक लकड़ी के सहारे ऊपर की ओर चढ़ गए. देखते ही देखते उनके सामने उनका घर और उनकी पत्नी बाढ़ में बह गई. प्रेम चंद ने बताया कि दोनों पति-पत्नी लगभग 40 साल से समेज में रहते थे. वे एक छोटी सी चाय की दुकान चलाकर घर का गुजारा किया करता थे.'

समेज गांव का स्कूल
समेज गांव का स्कूल (ETV BHARAT)

पत्नी और दो बच्चों को खो दिया

कांदरी के जयसिंह के लिए ये रात कभी ना भूलने वाली बन गई. जब जयसिंह किसी काम से अपने घर गए थे तो उनकी पत्नी कल्पना और दो बच्चे समेज में रह रहे थे. यहां पर उनकी पत्नी हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट में नौकरी करती थी. उनकी पांच साल की एक बेटी और तीन साल का एक बेटा था, वह भी इस बाढ़ में लापता हैं. अब अकेले जयपाल रह गए हैं. जयपाल को दुख इस बात का है कि क्यों नहीं वे भी अपने बच्चे और पत्नी के साथ ही बाढ़ में बह गए, अब वो इस दुनिया में अपनों के बिना अकेले रह गए हैं.

कल्पना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल

मौत के कुछ घंटे पहले ही जयसिंह की पत्नी ने इंस्टाग्राम पर एक रील शेयर की थी. इस रील में बैकग्राउंड वॉयस पर रील बनाते समय कल्पना कहतीं हैं, काम करने से मौत नहीं आती, लेकिन मैं ये रिस्क नहीं ले सकती, अगर मौत आ गई तो...उसके कुछ घंटों बाद ही कल्पना अपने दो बच्चों के साथ लापता हैं. परिजन उन्हें ढांढसा बंधा रहे हैं. मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक गांव के ही बख्शी केदारटा के परिवार से 16 लोग लापता हैं.

सीएम ने किया गांव का दौरा

वहीं, शुक्रवार को सीएम सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कल समेज गांव का दौर किया और प्रभावित परिवारों को हर संभव मदद का आश्वासन दिलाया. वहीं, मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना ने कहा कि आपदा प्रभावितों को राहत प्रदान करने के लिए राज्य सरकार प्रति परिवार 50 हजार रुपये की वित्तीय सहायता के साथ किराए के मकान के लिए तीन माह तक प्रतिमाह 5,000 रुपये प्रदान करेगी. इसके अलावा, इन परिवारों को निःशुल्क राशन, रसोई गैस और कम्बल की सुविधा भी प्रदान की जाएगी.

समेज गांव को मिले ये जख्म अब कभी भर नहीं सकते. इस गांव को अपने पैरों पर खड़ा करने के लिए कई पीढ़ियों को संघर्ष करना पड़ेगा. बादल फटने के बाद आए सैलाब में कई परिवार मलबे के कई फीट ढेर के नीचे दफन हो चुके हैं. हसंती खेलती जिंदगियां एक दम से खामोश हो गईं. खूबसूरत सा दिखने वाले गांव में अब नदियों के पानी और लोगों की सिसकियों के शोर के अलावा कुछ नहीं बचा.

लापता (प्रवासी श्रमिकों) की सूची

स्थान- समेज

  • 1.ममता पत्नी राज कुमार पांडे निवासी झारखंड
  • 2.मुस्कान पुत्री राज कुमार पांडे निवासी झारखंड
  • 3. रूपनी देवी पत्नी भोला नाथ उरांव निवासी झारखण्ड
  • 4. अंजलि पुत्री भोला नाथ उरांव, झारखण्ड

लापता लोगों की सूची (स्थानीय लोग )

स्थान- कुशवा बाइफ्रिकेशन के पास गांव कंदराहड़

  • 1.सूरत राम पुत्र स्वर्गीय कौल राम गांव कनराहड़, उम्र 58 वर्ष
  • 2.संतोष कुमारी पत्नी सूरत राम, उम्र 54 वर्ष
  • 3. नीरज कुमार पुत्र सूरत राम, उम्र 30 वर्ष
  • 4. रचना पत्नी राजेश कुमार उम्र 23 वर्ष
  • 5.अनीता पत्नी अशोक कुमार उम्र 40 वर्ष
  • 6. योग प्रिया पुत्री अशोक कुमार उम्र 11 वर्ष
  • 7.मुकेश पुत्र अशोक कुमार उम्र 19 वर्ष
  • 8.वेद राज पुत्र कौल राम उम्र 55 साल
  • लापता ग्रीनको समेज हाइड्रो एनर्जी प्राइवेट लिमिटेड की सूची
  • 1.पुष्प देव शर्मा ग्राम खुन्ना रामपुर
  • 2.हरदीप सिंह ग्राम नगरोटा बगवा कांगड़ा
  • 3.हरदेव सिंह ग्राम सैंज, कुल्लू
  • 4.अजय कुमार निवासी शिलाई, सिरमौर
  • 5. भाग चंद निवासी शिंगला रामपुर
  • 6. सिद्धार्थ खेड़ा निवासी कांगड़ा
  • 7.रूप सिंह गांव सिका सेरी सरपारा, रामपुर
  • लापता लोगों की सूची (स्थानीय लोग) स्थान- समेज
  • 1.शिक्षा पत्नी गोपाल गांव व डाकघर सुगा निवासी रामपुर उम्र 37 वर्ष
  • 2. जिया पुत्री गोपाल, उम्र 15 वर्ष
  • 3.कल्पना पत्नी जय सिंह सनैल गांव कांदरी डा फांचा तह. रामपुर उम्र 34 साल
  • 4.अक्षिता पुत्री जय सिंह सनैल, उम्र 07 वर्ष
  • 5.अद्विक पुत्र जय सिंह सनैल, उम्र 04 वर्ष
  • 6.कृष्णा देवी पत्नी स्वर्गीय पुरूषोत्तम ग्राम सरपारा तह रामपुर उम्र 70 वर्ष
  • 7. श्याम सिंह पुत्र चंदर सिंह ग्राम समेज उम्र 39 वर्ष
  • 8.आरुषि पुत्री श्याम सिंह ग्राम समेज उम्र 13 वर्ष
  • 9.अरुण पुत्र श्याम सिंह ग्राम समेज उम्र 15 साल
  • 10. सरस्वती पत्नी श्याम सिंह गांव समेज उम्र 33 वर्ष
  • 11. तनु केदारटा पुत्री रविंदर केदारनाथ गांव समेज उम्र 15 वर्ष
  • 12. रानू केदारटा पुत्री रविंदर केदारटा, उम्र 16 वर्ष
  • 13.आरुषि पुत्री श्याम सिंह ग्राम समेज
  • 14.मंगला देवी पत्नी सुना राम ग्राम समेज उम्र 70 वर्ष

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Last Updated : Aug 4, 2024, 2:09 PM IST
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