संभल: यूपी के संभल जिले में शाही जामा मस्जिद के आसपास की गलियों से कभी बच्चों के चीखने और शोर मचाने की आवाज आया करती थी. बच्चे खेला करते थे. एक घर से दूसरे और तीसरे घर में जाकर उछल कूद किया करते थे. घरों के दरवाजे पर महिलाएं खड़ीं होकर एक दूसरे से बातें किया करती थीं. पुरुष सुबह काम पर जाने के बाद जब शाम को घर लौटते थे तो इन गलियों में खूब चहल-पहल हुआ करती थी.
लेकिन, 24 नवंबर के बाद से ये गलियां सूनी पड़ी हैं. गलियों में बने घरों पर ताली लटके हुए हैं. अब इन गलियों से बच्चों के खेलने कूदने की भी आवाज नहीं आती. गलियों में पसरे सन्नाटे के बीच आपको सिर्फ पुलिस के बूटों की ठप-ठप ही सुनाई देगी. फिर इक्का-दुक्का बुजुर्ग आपको सड़क पर चलते-फिरते दिखाई दे जाएंगे. दरअसल, संभल में 24 नवंबर को शाही जामा मस्जिद के हरिहर मंदिर होने के दावे को लेकर कोर्ट के आदेश पर सर्वे हुआ था.
उसी दिन इस इलाके में ऐसी हिंसा भड़की कि माहौल पूरी तरह से बदल गया. यहां 4 लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी तो वहीं कई पुलिस कर्मी जख्मी हुए. इस घटना के बाद पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए करीब 3000 अज्ञात लोगों के खिलाफ गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया. हालांकि, पुलिस ने 30 से अधिक आरोपियों को जेल भेज दिया.
इस कार्रवाई के बाद तमाम लोग घरों को छोड़कर फरार हो गए. जबकि, कई घरों पर तो डर की वजह से ताले लग गए. जामा मस्जिद के आसपास तमाम ऐसे घर हैं, जिन पर ताले लटके हुए हैं. यहां की रौनक अब पहले जैसी नहीं रही. हालांकि प्रशासन का साफ कहना है कि किसी भी निर्दोष के खिलाफ कार्रवाई नहीं की जाएगी लेकिन, जो दोषी हैं उन्हें कड़ी सजा दी जाएगी.
बहरहाल अब संभल के हालात धीरे-धीरे सामान्य हो रहे हैं. मगर, घरों पर आज भी ताले लटके हुए हैं. हार्डवेयर दुकानदार मोहम्मद उवैस का कहना है कि हिंसा से पहले उनकी अच्छी खासी दुकानदारी चल रही थी लेकिन, अब ग्राहक दुकान पर नहीं आ रहे. सुबह से लेकर शाम तक खाली बैठना पड़ रहा है. उन्होंने बताया कि धीरे-धीरे माहौल सही होने के बाद ही स्थिति पहले जैसी सामान्य हो पाएगी.
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