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शाही जामा मस्जिद और कलकी मंदिर समेत पूरा संभल शहर वक्फ संपत्ति; थाना, तहसील सहित कई सरकारी दफ्तर भी - SAMBHAL WAQF PROPERTY DISPUTE

DM और SP ने कहा, तीन सदस्यीय कमेटी की रिपोर्ट के अनुसार प्रथम दृष्टया संपत्ति और वक्फ नामा के दस्तावेज भी फर्जी, की जाएगी कार्रवाई

संभल डीएम और एसपी ने प्रेस कांफ्रेस में दी जानकारी.
संभल डीएम और एसपी ने प्रेस कांफ्रेस में दी जानकारी. (Photo Credit; ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jan 2, 2025, 6:08 PM IST

संभल: शाही जामा मस्जिद के सामने बन रही सत्यव्रत पुलिस चौकी के वक्फ संपत्ति होने के दावे के बीच DM और SP ने बड़ा खुलासा किया है. डीएम डॉ. राजेंद्र पेंसियाऔर एसपी कृष्ण कुमार विश्नोई ने संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि संभल सदर का 4 किलोमीटर का एरिया वक्फ संपत्ति है.

सदर कोतवाली के साथ ही संभल का प्राचीन श्री कल्कि विष्णु मंदिर भी वक्फ संपत्ति में दर्ज है. DM और SP ने कहा कि जितने भी लोगों ने वक्फ की भूमि पर अवैध कब्जा कर लिया है, उन के खिलाफ FIR दर्ज की जाएगी.

DM और SP ने दी जानकारी. (Video Credit; ETV Bharat)

4 किलोमीटर क्षेत्र वक्फ संपत्ति में दर्जः बता दें कि संभल में शाही जामा मस्जिद के सामने बन रही सत्य व्रत पुलिस चौकी को लेकर तमाम तरह के दावे किए जा रहे हैं. AIMIM प्रमुख असदुद्दीन औवेसी ने इसे वक्फ की संपत्ति होने का दावा पेश करते हुए कागजात भी दिखा दिए थे.

अब इस मामले में नया मोड़ सामने आया है. तमाम दावों पर पूर्ण विराम लगाते हुए संभल के DM डॉ राजेंद्र पेंसिया और SP कृष्ण कुमार विश्नोई ने गुरुवार को सदर कोतवाली में संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस कर साफ कर दिया कि संभल सदर का 4 किलोमीटर का पूरा क्षेत्र वक्फ संपत्ति में दर्ज है. सदर कोतवाली, प्राचीन श्री कल्कि विष्णु मंदिर भी वक्फ की संपत्ति में दर्ज है.

ये भी पढ़ें-संभल में रानी की बावड़ी की खोदाई में ASI को मिले खतरनाक संकेत; भीतर से उठ रहा धुंआ, काम रोका गया

तीन सदस्यीय टीम ने संपत्तियों का परीक्षण कियाः DM डॉ राजेंद्र पेंसिया ने बताया कि प्रतिनिधिमंडल द्वारा कुछ कागज दिए गए थे. वर्तमान में जो विवादित धर्म स्थल है, उसके सामने सत्यव्रत पुलिस चौकी का निर्माण हो रहा है. उन्हें जो डॉक्यूमेंट दिए गए हैं, वह उर्दू में लिखे गए हैं. इसमें चारों ओर उत्तर, पूर्व, पश्चिम, दक्षिण की बाउंड्री के बीच की संपत्ति वक्फ की है.

23 अगस्त 1929 को मोहम्मद अब्दुल समद ने मोहल्ला कोट (पूर्व में मुरादाबाद जिले में आता था) को अनरजिस्टर्ड वक्फनामा किया है. जिसकी 1 से 20 बिंदुओं की संपत्तियों का भौतिक निरीक्षण और अभिलेखीय परीक्षण तीन सदस्यीय टीम SDM, CO और नगर पालिका EO ने किया.

वक्फ की जमीन में स्वामित्व का उल्लेख नहींः डीएम ने बताया कि टीम की रिपोर्ट में सबसे प्रमुख बात यह है कि अभी तक किसी भी व्यक्ति ने कोई भी आवेदन नहीं दिया है कि यह हमारी संपत्ति है. कोई विधिक पक्षकार हमारे सामने नहीं आया है.

टीम ने जो परीक्षण किया, उसमें क्रम संख्या 9 में ग्राम बिचौली से शेर खा सराय की दूरी 4 किलो मीटर पूरी वक्फ के अंदर लिखी हुई है. साथ ही वक्फ की जमीन में स्वामित्व का उल्लेख अवश्य होता है. इसमें कोई उल्लेख नहीं है. उस जगह पर वर्तमान में कोई मकान और नाम भी अस्तित्व में नहीं है.

ये भी पढ़ेंः संभल में सैकड़ों साल पुराने एक और कूप की खोदाई, बगल में प्राचीन माता मंदिर पर कब्जा

वक्फनामे में जनपद की हजारों बीघा भूमि का बैनामाः डीएम ने कहा कि जिस भूमि की बात की जा रही है, उसकी वास्तविकता क्या है. वक्फनामे में जनपद संभल की हजारों बीघा भूमि का बैनामा कर दिया गया. जबकि मोहम्मद समद ने अपनी संपत्ति का उल्लेख नहीं किया है. वक्फनामे में लिखा है कि अपनी संपत्ति को मदरसे का निर्माण के लिए दे रहा हूं. क्या कोई व्यक्ति हजारों बीघा भूमि मदरसे के निर्माण के लिए दे सकता है?

ये भी पढ़ेंः यूपी BJP को जल्द मिलेगा नया प्रदेश अध्यक्ष; पीयूष गोयल को दी गई जिम्मेदारी, जानिए रेस में कौन-कौन

1 से 20 तक की संपत्तियों में कहां मदरसा बनना है? कहां इसका निर्माण होना है? इसका उल्लेख नहीं है. नगर पालिका के आसपास के क्षेत्र में सरकारी स्थान, पुलिस थाना, पुलिस चौकी, विवादित धर्म स्थल, तहसील, डाक घर, श्री कल्कि मंदिर सभी उसी के चौहद्दी में आ रहा है. 50 रुपए के स्टांप पर है, जो कि अनरजिस्टर्ड है. डीएम ने कहा कि तीन सदस्यीय कमेटी की रिपोर्ट के अनुसार प्रथम दृष्टया संपत्ति 1 से 20 तक यह फर्जी प्रतीत हो रही है. साथ में सलंग्न वक्फ नामा के दस्तावेज भी फर्जी प्रतीत हो रहे हैं.

सदर कोतवाली भी वक्फ संपत्तिः SP कृष्ण कुमार बिश्नोई ने बताया कि अभी तक के जो कागजात हैं, उनका अवलोकन करने पर पाया गया है कि संभल की 1905 में बनी सदर कोतवाली भी वक्फ की जमीन है. उन्होंने बताया कि इस तरह के जो कागजात प्रस्तुत किए गए हैं. जितने भी वक़्फ़ संपत्ति के कागजात हैं, उन सभी की जांच करवाई जाएगी. जिन-जिनमें वक़्फ़ 1995 का सेक्शन 56 है और उसका जो वायलेशन हुआ है, उन सबकी भी जांच कराई जाएगी.

जहां-जहां इसके वायलेशन (उल्लंघन) पाया जाएगा. फर्जीवाड़ा करके डॉक्यूमेंट तैयार कर जो भी एग्रीमेंट किया गया है, उससे जो नुकसान हो रहा है, उन सभी पर भी कार्रवाई की जाएगी. एसपी ने बताया कि इस प्रकरण में एसडीएम और सीओ ने जो रिपोर्ट दी है, उसके आधार पर एक मुकदमा दर्ज किया जाएगा. फिलहाल मुकदमा अज्ञात के खिलाफ दर्ज किया जाएगा. बाद में जिन-जिन लोगों के द्वारा कागजात वक्फ में दिए गए होंगे, उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. संभल का 4 किलोमीटर का पूरा एरिया वक्फ की संपत्ति में दर्ज है.

ये भी पढ़ेंः आखिर 144 साल बाद ही क्यों आता है महाकुंभ; जानिए कुंभ, अर्धकुंभ से कितना अलग

संभल: शाही जामा मस्जिद के सामने बन रही सत्यव्रत पुलिस चौकी के वक्फ संपत्ति होने के दावे के बीच DM और SP ने बड़ा खुलासा किया है. डीएम डॉ. राजेंद्र पेंसियाऔर एसपी कृष्ण कुमार विश्नोई ने संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि संभल सदर का 4 किलोमीटर का एरिया वक्फ संपत्ति है.

सदर कोतवाली के साथ ही संभल का प्राचीन श्री कल्कि विष्णु मंदिर भी वक्फ संपत्ति में दर्ज है. DM और SP ने कहा कि जितने भी लोगों ने वक्फ की भूमि पर अवैध कब्जा कर लिया है, उन के खिलाफ FIR दर्ज की जाएगी.

DM और SP ने दी जानकारी. (Video Credit; ETV Bharat)

4 किलोमीटर क्षेत्र वक्फ संपत्ति में दर्जः बता दें कि संभल में शाही जामा मस्जिद के सामने बन रही सत्य व्रत पुलिस चौकी को लेकर तमाम तरह के दावे किए जा रहे हैं. AIMIM प्रमुख असदुद्दीन औवेसी ने इसे वक्फ की संपत्ति होने का दावा पेश करते हुए कागजात भी दिखा दिए थे.

अब इस मामले में नया मोड़ सामने आया है. तमाम दावों पर पूर्ण विराम लगाते हुए संभल के DM डॉ राजेंद्र पेंसिया और SP कृष्ण कुमार विश्नोई ने गुरुवार को सदर कोतवाली में संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस कर साफ कर दिया कि संभल सदर का 4 किलोमीटर का पूरा क्षेत्र वक्फ संपत्ति में दर्ज है. सदर कोतवाली, प्राचीन श्री कल्कि विष्णु मंदिर भी वक्फ की संपत्ति में दर्ज है.

ये भी पढ़ें-संभल में रानी की बावड़ी की खोदाई में ASI को मिले खतरनाक संकेत; भीतर से उठ रहा धुंआ, काम रोका गया

तीन सदस्यीय टीम ने संपत्तियों का परीक्षण कियाः DM डॉ राजेंद्र पेंसिया ने बताया कि प्रतिनिधिमंडल द्वारा कुछ कागज दिए गए थे. वर्तमान में जो विवादित धर्म स्थल है, उसके सामने सत्यव्रत पुलिस चौकी का निर्माण हो रहा है. उन्हें जो डॉक्यूमेंट दिए गए हैं, वह उर्दू में लिखे गए हैं. इसमें चारों ओर उत्तर, पूर्व, पश्चिम, दक्षिण की बाउंड्री के बीच की संपत्ति वक्फ की है.

23 अगस्त 1929 को मोहम्मद अब्दुल समद ने मोहल्ला कोट (पूर्व में मुरादाबाद जिले में आता था) को अनरजिस्टर्ड वक्फनामा किया है. जिसकी 1 से 20 बिंदुओं की संपत्तियों का भौतिक निरीक्षण और अभिलेखीय परीक्षण तीन सदस्यीय टीम SDM, CO और नगर पालिका EO ने किया.

वक्फ की जमीन में स्वामित्व का उल्लेख नहींः डीएम ने बताया कि टीम की रिपोर्ट में सबसे प्रमुख बात यह है कि अभी तक किसी भी व्यक्ति ने कोई भी आवेदन नहीं दिया है कि यह हमारी संपत्ति है. कोई विधिक पक्षकार हमारे सामने नहीं आया है.

टीम ने जो परीक्षण किया, उसमें क्रम संख्या 9 में ग्राम बिचौली से शेर खा सराय की दूरी 4 किलो मीटर पूरी वक्फ के अंदर लिखी हुई है. साथ ही वक्फ की जमीन में स्वामित्व का उल्लेख अवश्य होता है. इसमें कोई उल्लेख नहीं है. उस जगह पर वर्तमान में कोई मकान और नाम भी अस्तित्व में नहीं है.

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वक्फनामे में जनपद की हजारों बीघा भूमि का बैनामाः डीएम ने कहा कि जिस भूमि की बात की जा रही है, उसकी वास्तविकता क्या है. वक्फनामे में जनपद संभल की हजारों बीघा भूमि का बैनामा कर दिया गया. जबकि मोहम्मद समद ने अपनी संपत्ति का उल्लेख नहीं किया है. वक्फनामे में लिखा है कि अपनी संपत्ति को मदरसे का निर्माण के लिए दे रहा हूं. क्या कोई व्यक्ति हजारों बीघा भूमि मदरसे के निर्माण के लिए दे सकता है?

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1 से 20 तक की संपत्तियों में कहां मदरसा बनना है? कहां इसका निर्माण होना है? इसका उल्लेख नहीं है. नगर पालिका के आसपास के क्षेत्र में सरकारी स्थान, पुलिस थाना, पुलिस चौकी, विवादित धर्म स्थल, तहसील, डाक घर, श्री कल्कि मंदिर सभी उसी के चौहद्दी में आ रहा है. 50 रुपए के स्टांप पर है, जो कि अनरजिस्टर्ड है. डीएम ने कहा कि तीन सदस्यीय कमेटी की रिपोर्ट के अनुसार प्रथम दृष्टया संपत्ति 1 से 20 तक यह फर्जी प्रतीत हो रही है. साथ में सलंग्न वक्फ नामा के दस्तावेज भी फर्जी प्रतीत हो रहे हैं.

सदर कोतवाली भी वक्फ संपत्तिः SP कृष्ण कुमार बिश्नोई ने बताया कि अभी तक के जो कागजात हैं, उनका अवलोकन करने पर पाया गया है कि संभल की 1905 में बनी सदर कोतवाली भी वक्फ की जमीन है. उन्होंने बताया कि इस तरह के जो कागजात प्रस्तुत किए गए हैं. जितने भी वक़्फ़ संपत्ति के कागजात हैं, उन सभी की जांच करवाई जाएगी. जिन-जिनमें वक़्फ़ 1995 का सेक्शन 56 है और उसका जो वायलेशन हुआ है, उन सबकी भी जांच कराई जाएगी.

जहां-जहां इसके वायलेशन (उल्लंघन) पाया जाएगा. फर्जीवाड़ा करके डॉक्यूमेंट तैयार कर जो भी एग्रीमेंट किया गया है, उससे जो नुकसान हो रहा है, उन सभी पर भी कार्रवाई की जाएगी. एसपी ने बताया कि इस प्रकरण में एसडीएम और सीओ ने जो रिपोर्ट दी है, उसके आधार पर एक मुकदमा दर्ज किया जाएगा. फिलहाल मुकदमा अज्ञात के खिलाफ दर्ज किया जाएगा. बाद में जिन-जिन लोगों के द्वारा कागजात वक्फ में दिए गए होंगे, उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. संभल का 4 किलोमीटर का पूरा एरिया वक्फ की संपत्ति में दर्ज है.

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