संभलः शाही जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान भड़की हिंसा में मारे गए लोगों के परिजनों से सपा का 11 सदस्यीय डेलिगेशन सोमवार को मिला. पीडब्ल्यूडी गेस्ट हाउस में पीड़ित परिवारों से मुलाकात कर उन्हें 5-5 लाख रुपये की सहायता राशि सौंपी. साथ ही पीड़ित परिजनों को हर संभव मदद का भरोसा दिलाया. वहीं, हिंसा के 36 दिन बाद आरोपी सपा सांसद जियाउर्रहमान बर्क भी सपा डेलिगेशन के साथ संभल पहुंचे. इस दौरान मीडिया से बातचीत करते हुए बर्क ने पुलिस-प्रशासन की कार्यशैली पर सवाल उठाए और अपने आपको निर्दोष बताया.
हमारे लोगों की हत्या भी हुई मुकदमा भीः सपा सांसद जियाउर्रहमान बर्क ने मीडिया से बातचीत में कहा कि संभल घटना से पूरा प्रदेश ही नहीं देश शर्मसार हुआ है. संभल अति संवेदनशील है, यहां पहले जरूर झगड़े होते थे लेकिन 29 साल से कोई हिन्दू मुस्लिम फसाद नहीं हुआ. यहां लोग सुकून से रह रहे हैं. इस सुकून को आग लगाई गई है. यह भी सच है कि हमारे 5 लोगों की जान गई. अखिलेश यादव और राम गोपाल यादव ने दोनों सदनों में आवाज उठाई. लेकिन अफसोस है कि हमारे लोगों की हत्या हुई और हमारे लोगो के खिलाफ मुकदमे दर्ज हुए यह कैसा इंसाफ है?
मेरी मौजूदगी में दंगा क्यों नहीं हुआ: सांसद ने कहा कि वह संविधान पर यकीन करते है, उन्हें न्यायालय पर पूरा भरोसा है. यदि पुलिस प्रशासन से इंसाफ नहीं मिलेगा तो न्यायालय से जरूर मिलेगा. हमने इसकी लड़ाई संसद और विधानसभा में मजबूती से लड़ी है. जिसका खामियाजा उन्हें, उनके पिता और सदर विधायक इकबाल महमूद के बेटे को भुगतना पड़ रहा है. पुलिस प्रशासन ने अपनी नाकामी और करतूत छिपाने की कोशिश के चलते यह काम किया. हमारे लोगो को इंसाफ मिलना चाहिए, वो भी इस देश के नागरिक है. उन्होंने कहा कि 19 नवंबर को सर्वे के दिन वह मौजूद थे, तब दंगा क्यों नहीं हुआ? 22 नवंबर को जुमे के दिन जब नमाज के लिए लोगों को रोक गया तब दंगा क्यों नहीं हुआ. बर्क ने कहा कि मेरी स्पीच में कुछ गलत नहीं था.
पुलिस कुछ भी आरोप लगा सकती हैः सपा सांसद ने कहा कि संभल की जनता को बदनाम करने का काम किया और विलेन बनाया और सिर्फ पुलिस प्रशाशन को हीरो बनाने का काम किया, जो गलत है. पुलिस प्रशासन अपनी TRP बढ़ाने के लिए तरह तरह की अपनी बातें पलटता रहा. पुलिस ने पत्थर दिखाए, किसी के हाथ में एक भी असलहा दिखाया क्या? जबकि प्रशासन ने ड्रोन भी उड़ाए थे. उन्होंने बिजली चोरी के आरोप में दर्ज FIR पर कहा कि कल को यह भी कह सकते है पुलिस का डंडा चोरी हो गया, सांसद जी ने चुरा लिया. कल को यह भी कह सकते हैं कि मीडिया का कैमरा सांसद जी ने चुरा लिया. इन लोगो ने सिर्फ अपनी नाकामी छिपाने के लिए उनके खिलाफ झूठे मुकदमे दर्ज कराए.
मुस्लिमों के प्रति संवेदनशील नहीं भाजपा सरकारः यूपी विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडे के नेतृत्व में सोमवार को सपा का 11 सदस्यीय डेलिगेशन संभल के PWD गेस्ट हाउस में दोपहर दो बजे पहुंचा. इस अवसर पर माता प्रसाद पांडे ने कहा कि सपा का डेलिगेशन पिछली बार नहीं आ पाया था. लेकिन आज पीड़ित परिवारों को सहायता राशि के चेक लेकर आए हैं. मौजूदा भाजपा सरकार को मुस्लिमों के प्रति संवेदना नहीं है. यह सरकार दाऊद इब्राहिम को तो जानती है परन्तु वीर अब्दुल हमीद, बिग्रेडियर उस्मान को नहीं जानती, जिन्होंने सीमाओं पर अपनी जान दी. इनके मन में सद्भावना नहीं है. यह मन में जातीय विषमता पैदा करके हिंदू मुस्लिम में तनाव पैदा करना चाहते हैं. हिंदू मुस्लिम यहां हजारों साल से प्रेम से एक साथ रह रहे है. उसमें दूरी पैदा कर दे रहे हैं, जिससे इनकी राजनीति सफल हो सके. पुलिस यहां बड़े पैमाने पर उत्पीड़न की कार्रवाई कर रही है. उन्होंने कहा कि पुलिस तो कहती है असलहा है ही नहीं. लेकिन जब कभी नाजायज असलहे पकड़े जाते हैं तो मालखाने में रख लेती है. जब जरूरत होती है तो मालखाने से निकाल लेते हैं और उसका प्रयोग करते है और बहाना बना देते है कि पुलिस की गोली से नहीं मारा गया. भाजपा की सरकार है यह झूठ आधारित बातों का ज्यादा प्रचार करते हैं, हमारे प्रदेश की हालत खराब होती जा रही है.
आखिर पांच लोगों की हत्या किसने की: उत्तर प्रदेश विधान परिषद नेता प्रतिपक्ष लाल बिहारी यादव ने कहा कि एक ही समय एक ही घटना पर एक ही मुकदमा दर्ज किया गया. लेकिन 7 मुकदमे दर्ज किए गए. हर मुकदमे में सात सौ, आठ सौ अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया. अज्ञात में मुकदमा इसलिए दर्ज किया गया कि पुलिस जिसको चाहे उसका उतना उत्पीड़न कर सके. जितना उत्पीड़न करना चाहती है, उतना कर भी रही है. पुलिस के भय से लोग अपने घर में रह नहीं रहे है. पुलिस कानून को अपने हाथों में लेकर काम कर रही है. उन्होंने कहा कि हिंसा में पांच लोगों की हत्या हुई लेकिन आजतक किसी पर मुकदमा दर्ज नहीं हुआ. अगर हत्या हुई तो मुकदमा दर्ज होना चाहिए. उन्होंने आरोप लगाया कि हत्या पुलिस ने प्राइवेट असलहे से की है. पुलिस ने ही हत्या की है. जब हत्या हो गई तो पब्लिक ने ईंट और पत्थर अपने बचाव में चलाने का काम किया. सरकार पुलिस पर पहले हत्या का मुकदमा दर्ज करे. जिन लोगों ने गोली चलाई और पांच लोगों की निर्मम हत्या की.
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