कुचामनसिटी. प्रदेश में इन दिनों भीषण गर्मी का दौर जारी है. गर्मी से निजात पाने के लिए मानसून के जल्दी आने की लोग दुआएं कर रहे हैं, लेकिन एक वर्ग ऐसा भी है जो की यह दुआ कर रहा है कि यह भीषण गर्मी आने वाले दिनों में भी जारी रहे. दरअसल, नमक उत्पादन करने वाले उत्पादक और नमक मजदूर यही दुआ कर रहे हैं कि गर्मी का दौर आगे भी जारी रहे ताकि, भीषण गर्मी के कारण नमक का बंपर उत्पादन हो.
नमक व्यापारी मुरली मनोहर अग्रवाल ने बताया कि प्रदेश की सबसे बड़ी नमक मंडी में अब फिर से रौनक लौटने लगी है. तापमान में वृद्धि होने से नमक की क्यारियों में एक बार फिर नमक की ढेरियां नजर आ रही हैं. नमक उत्पादन होने के बाद नमक रिफाइनरियां भी अब दोबारा शुरू हो सकेंगी. लंबे समय से बेरोजगार नमक श्रमिकों को भी रोजगार मिल सकेगा. हालांकि, अब भी नावा सांभर झील के तटवर्ती खारड़ों के नमक उत्पादकों को प्रशासनिक कार्रवाई का भय सता रहा है, लेकिन नमक उत्पादन शुरू होने से व्यापार को गति मिल सकेगी.
बता दें कि इस साल प्रदेश में भीषण गर्मी से जहां आमजन परेशान रहा. वहीं, नमक उत्पादकों को काफी फायदा हुआ है. आंकड़ों की बात करें तो नावां सांभर झील के आसपास हर साल करीब 20 लाख मीट्रिक टन नमक का उत्पादन होता है, लेकिन इस बार भीषण गर्मी पड़ने से नमक उत्पादन में काफी बढ़ोतरी हुई है. बताया जा रहा है कि अब तक करीब 25 लाख मीट्रिक टन नमक का उत्पादन हो चुका है और अभी भी उत्पादन जारी है. हालांकि, नमक का उत्पादन ज्यादा होने से नमक के भावों में कमी जरूर आई है, लेकिन खास बात यह है कि नमक का उत्पादन अधिक होने से रोजगार भी बढ़ा है. मजदूरों की आय भी बढ़ी है. नमक उत्पादक प्रीतम चौधरी ने बताया कि भीषण गर्मी इस बार नमक व्यवसाय से जुड़े सभी वर्गों के लिए फायदेमंद साबित हुई है.
श्रमिकों की रोजी-रोटी से जुड़ा है उद्योग : जिले के नावां, कुचामन व डीडवाना में हजारों परिवार नमक आधारित उद्योगों पर काम काज कर अपना पेट पाल रहे हैं. नमक उत्पादन में तेजी आने के साथ ही श्रमिकों के चेहरे भी खिल उठे हैं. नावां क्षेत्र में जहां मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश सहित कई राज्यों के नमक श्रमिकों अपना गुजारा चलाते हैं. वहीं, कुचामन नावां व डीडवाना में स्थानीय श्रमिकों को रोजगार मिल रहा है.