इटावा : एजेंसी संचालक के उत्पीड़न से परेशान होकर एक सेल्समैन ने सोशल मीडिया पर सुसाइड नोट डालकर आत्महत्या कर ली. सुसाइड नोट में उसने लिखा है कि एजेंसी संचालक उस पर 20 लाख रुपये की धोखाधड़ी का आरोप लगा रहे हैं. वह लगातार रुपये वसूलने का दबाव बना रहे हैं. वहीं घटना के बाद परिजनों ने शव को एजेंसी के बाहर रखकर जाम लगा दिया. एजेंसी संचालक मौके से फरार हो गया. पुलिस ने कार्रवाई का आश्वासन देकर परिजनों को शांत कराया.
शहर के लालपुरा निवासी अमित राठौर (30) एक एजेंसी में सेल्समैन था. मंगलवार सुबह करीब 10 बजे अमित ने आत्महत्या कर ली. कमरे में उसकी लाश मिली. कमरे में एक सुसाइड नोट भी मिला. इसमें सेल्समैन ने एजेंसी संचालक पर गंभीर आरोप लगाए.
शव को एजेंसी के बाहर रख लगाया जाम : घटना के बाद मौके पर लोगों की भीड़ जुट गई. परिवार के लोग शव लेकर एजेंसी पर पहुंच गए. लाश को बाहर रखकर जाम लगा दिया. इस बीच एजेंसी संचालक शटर गिराकर फरार हो गया. सूचना पर कोतवाली पुलिस पहुंच गई. पुलिस ने परिजनों को मामले में कार्रवाई का आश्वासन देकर उन्हें शांत कराया.
कोतवाल विक्रम सिंह चौहान ने बताया कि परिजनों की तहरीर पर पुलिस मामले की जांच कर रही है. इसमें जो भी तथ्य निकलकर सामने आएंगे, उसके हिसाब से कार्रवाई की जाएगी. वहीं सेल्समैन ने सुसाइड नोट में एजेंसी संचालक पर गंभीर आरोप लगाए हैं.
पत्नी बोली- पति टेंशन में थे, उनकी बीपी बढ़ जाती थी : घटना के बाद से अमित की पत्नी माधुरी का रो-रोकर बुरा हाल है. उसने बताया कि 'वह टेंशन में रहते थे. रात में पति की बीपी बढ़ जाती है. चिकित्सक से उनकी दवा चल रही थी. सास समेत घर वाले एजेंसी संचालक से पति की इस हालत के बारे में पूछते थे तो वह कहता था कि सब ठीक है. अब 20 लाख रुपये के लिए पति ने जान दे दी. पति ने 2 पेज का सुसाइड नोट छोड़ा है, वीडियो भीबनाई है. हमें न्याय चाहिए'.
माधुरी ने बताया कि उनके परिवार में एक बेटा वरुण (6) व बेटी मानवी (4) है. मानवी के दिल में छेद है. दिल्ली के अस्पताल में इलाज चल रहा है. इसी महीने चिकित्सक ने ऑपरेशन के लिए बोला था. अब पति भी नहीं रहे. अब बेटी की जान कैसे बचेगी. परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है.
ये लिखा है सुसाइड नोट में : 'मुख्यमंत्री जी मुझे माफ करना. मेरे साथ साजिश हुई. मैं गलत था, लेकिन बहुत बड़ा अपराधी नहीं. मेरे पापा-मम्मी का मेरे मामले में कोई लेना-देना नहीं है. मुझे टॉर्चर किया गया. असली जड़ एजेंसी संचालक व मैनेजर हैं. इन्होंने टॉर्चर किया है. मेरी आत्महत्या की वजह संचालक और मैनेजर हैं. जब हमने काम छोड़ने की बात कही, तो यह लोग मेरे घर तक आने लगे'.
नोट में आगे लिखा है कि 'मेरे परिवार वालों को परेशान नहीं किया जाए. बेटी मानवी का ऑपरेशन करवा देना. परिवार की सुरक्षा महाराज जी के हाथ में है. मैं बहुत दुखी हूं. बेटी का ऑपरेशन नहीं करा सका'.
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