देहरादून: समान नागरिक संहिता के लिहाज से आज का दिन ऐतिहासिक होने जा रहा है. दरअसल ड्राफ्ट तैयार करने वाली कमेटी आज तैयार ड्राफ्ट को मुख्यमंत्री को सौंप देगी. इस बीच यूसीसी पर तीन तलाक के खिलाफ लड़ाई लड़ने वाली सायरा बानो का भी बेहद अहम बयान सामने आया है. सायरा बानो ने यूनिफॉर्म सिविल कोड पर अपनी अहम राय रखते हुए इसे मुस्लिम समुदाय के लिए फायदेमंद बताया है. उन्होंने मुस्लिम समुदाय को भी इसके पक्ष में आगे आने की अपील की है.
सुप्रीम कोर्ट में तीन तलाक के खिलाफ लंबी लड़ाई लड़ने वाली सायरा बानो अब समान नागरिक संहिता के पक्ष में भी खड़ी हो गई हैं. उत्तराखंड में यूसीसी का ड्राफ्ट तैयार हो चुका है और आज ही ड्राफ्ट तैयार करने वाली पांच सदस्य समिति मुख्यमंत्री को इस तैयार ड्राफ्ट को सौंपने वाली है. ऐसे में ड्राफ्ट के तैयार होने के बाद सायरा बानो का यह बयान बेहद अहम माना जा रहा है. खास बात यह है कि सायरा बानो ने ना केवल तैयार ड्राफ्ट के पक्ष में अपनी राय रखी है, बल्कि उन्होंने मुस्लिम समुदाय को भी यूनिफॉर्म सिविल कोड के हक में सामने आने की अपील की है. सायरा बानो ने कहा कि यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू होने से मुस्लिम समुदाय की महिलाओं को इसका सबसे ज्यादा लाभ मिलेगा.
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उन्होंने उम्मीद जताई कि इस ड्राफ्ट को लेकर जल्द ही विधानसभा में विधेयक लाकर इसे कानून की शक्ल दे दी जाएगी.उधर सायरा बानो ने यह भी कहा कि यूसीसी लागू होने से मुस्लिम समुदाय की सामाजिक व्यवस्था में भी सुधार आएगा. उन्होंने कहा कि इसके लागू होने से किसी भी तरह का कोई नुकसान मुस्लिम समुदाय को नहीं होने जा रहा है और मुस्लिम समुदाय इसके आने के बाद सामाजिक विकास की तरफ आगे बढ़ेगा. सायरा बानो देश में उस समय चर्चाओं में आई थी, जब उन्होंने तीन तलाक को लेकर सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था.
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सायरा बानो के सुप्रीम कोर्ट जाने के बाद ही तीन तलाक का यह मुद्दा देश में तेजी से चर्चाओं में आया और इसके बाद भारत सरकार ने भी इस पर कानून बनाकर मुस्लिम समुदाय की महिलाओं को तीन तलाक की व्यवस्था से छुटकारा दिलाया.सायरा बानो उत्तराखंड के काशीपुर की रहने वाली हैं. उन्होंने एक लंबी लड़ाई के बाद तीन तलाक प्रथा को खत्म करने में भी कामयाबी हासिल की. भाजपा की ही पूर्व सरकार में उत्तराखंड में उन्हें राज्य मंत्री का दर्जा दिया गया था और महिला आयोग में उपाध्यक्ष की जिम्मेदारी दी गई थी.
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