हरिद्वार: धर्मनगरी में डीएमके सांसद दयानिधि मारन द्वारा संसद में संस्कृत भाषा को लेकर दिए गए बयान के विरोध में संतों और संस्कृत छात्रों ने संस्कृत आक्रोश यात्रा निकालकर प्रदर्शन किया. साथ ही ऋषिकुल तिराहे पर दयानिधि मारन का पुतला फूंका. इसी बीच सभी प्रदर्शनकारियों ने डीएमके सांसद दयानिधि मारन से सार्वजनिक रूप से माफी मांगने और अपने पद से इस्तीफा देने की मांग उठाई. इसके अलावा सिटी मजिस्ट्रेट कार्यालय जाकर ज्ञापन भी सौंपा.
हरिद्वार में संतों ने DMK सांसद दयानिधि मारन का पुतला जलाया: स्वामी रवि देवेश शास्त्री ने कहा कि आज पूरा संस्कृत समाज इकट्ठा होकर डीएमके सांसद दयानिधि मारन का पुतला फूंक रहा है. यह इसलिए किया गया है कि अभी कुछ दिन पहले लोकसभा में जब 22 भाषा में सुनने की व्यवस्था की गई थी, तब उस व्यवस्था को लेकर डीएमके सांसद दयानिधि मारान ने संस्कृत भाषा का विरोध किया था कि संस्कृत भाषा की क्या जरूरत है. संस्कृत भाषा को यहां रखने की आवश्यकता नहीं है.
संत बोले सांसद दयानिधि मारन अपने पद से दें इस्तीफा: स्वामी रवि देवेश शास्त्री ने कहा कि दयानिधि मारन का स्वयं का नाम संस्कृत से निकल कर आया है. संस्कृत भाषा विश्व की भाषा है, विश्व की जननी है और सभी भाषाओं की उपज है. इस भाषा का ऐसे अपमान किया जाना बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. उन्होंने कहा कि संत समाज चाहता है कि वह तत्काल अपने पद से इस्तीफा दें और नैतिकता के आधार पर माफी मांगे.
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