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हाजी इकबाल की बेनामी संपत्ति खरीदने वाला इंस्पेक्टर जल्द होगा गिरफ्तार, एक्शन से महकमे में खलबली

सहारनपुर एसएसपी के आदेश के बाद कार्रवाई, संपत्ति के बारे में पता लगते ही लालच में आ गया था इंस्पेक्टर

जल्द सलाखों के पीछे होगा आरोपी इंस्पेक्टर.
जल्द सलाखों के पीछे होगा आरोपी इंस्पेक्टर. (Photo Credit; ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Oct 19, 2024, 9:22 AM IST

सहारनपुर : पूर्व एमएलसी हाजी इकबाल की बेनामी संपत्ति अपनी पत्नी व परिचित के नाम कराने के मामले में निलंबित इंस्पेक्टर नरेश कुमार पर मुकदमा दर्ज कर लिया गया है. इस एक्शन के बाद से पुलिस महकमे में खलबली मची है. जल्द ही आरोपी इंस्पेक्टर की गिरफ्तारी भी हो सकती है. एसएसपी रोहित सिंह सजवाण के आदेश पर इंस्पेक्टर के खिलाफ कल ही भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धाराओं में थाना सदर बाजार में मुकदमा दर्ज किया गया था.

साल 2023 में मिर्जापुर में कोतवाली प्रभारी रहते हुए इंस्पेक्टर ने अपने पद का दुरुपयोग किया था. जांच में पता चला है कि इंस्पेक्टर नरेश कुमार को जैसे ही हाजी इकबाल की बेनामी संपत्ति की जानकारी हुई, वह लालच में आ गया. चूंकि उस दौरान हाजी इकबाल के बेटे और भाई जेल में थे. जबकि हाजी इकबाल फरार चल रहा था. पत्नी भी अंडरग्राउंड थी. लिहाजा इंस्पेक्टर को लगा कि यही सही मौका है जमीन हथियाने का.

इंस्पेक्टर नरेश कुमार मिर्जापुर में कोतवाली प्रभारी के पद पर तैनात थे. आरोप है कि तैनाती के दौरान पूर्व बसपा एमएलसी एवं खनन माफिया हाजी इकबाल के फैजाबाद निवासी परिचित इरशाद रावत और बादशाही बाग निवासी महबूब उनके संपर्क में आए. इनके जरिए नरेश कुमार ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए श्रवण व रोशनलाल की 49 बीघा जमीन जबरन अपनी पत्नी राजरानी व एक परिचित विजय कुमार के नाम करा ली. इस आरोप के बाद तत्कालीन एसएसपी डॉ. विपिन ताड़ा ने इंस्पेक्टर को निलंबित कर दिया था. जांच एसपी ग्रामीण सागर जैन को सौंपी थी.

पुलिस के मुताबिक उस समय विक्रेता रोशनलाल ने आरोप लगाया था कि दोनों जमीनों के विक्रय पत्र की 15 लाख रुपये की धनराशि उसके खाते में जमा कराने के बाद उसे जबरन किसी अन्य खाते में ट्रांसफर करा लिया गया. एसपी ग्रामीण द्वारा की गई जांच में बैंक खातों से धन के आदान-प्रदान के आरोप सही पाए गए हैं. एसपी द्वारा की गई निष्पक्ष जांच में यह भी पता चला कि यह संपत्ति पूर्व एमएलसी हाजी इकबाल की बेनामी संपत्ति का हिस्सा है. जांच में दोषी पाए जाने पर एसएसपी के आदेश पर निलंबित इंस्पेक्टर नरेश कुमार के खिलाफ थाना सदर बाजार में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है.

एसएसपी रोहित सिंह सजवाण का कहना है कि इंस्पेक्टर नरेश कुमार ने अपने पद और वर्दी का दुरुपयोग कर विवादित जमीन को अपनी पत्नी के नाम कराई थी. जांच में दोषी पाए जाने के बाद नरेश कुमार के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है. जल्द ही उसको गिरफ्तार कर लिया जाएगा. आरोप लगने पर इंस्पेक्टर को पहले ही निलंबित कर दिया गया था.

इस मामले में भी फंसा है हाजी इकबाल और उनका परिवार : इकबाल और उसके परिवार पर कई मुकदमे दर्ज हैं. बागपत की रहने वाली महिला ने मिर्जापुर कोतवाली पुलिस को तहरीर दी थी. आरोप लगाया था कि पति हाजी इकबाल की ग्लोकल यूनिवर्सिटी में नौकरी करता था. साल 2021 में पति के बीमार होने के बाद आर्थिक तंगी आने वह भी यूनिवर्सिटी में नौकरी करने लगी. इस दौरान हाजी इकबाल के बेटे वाजिद, जावेद, अलीशान, अफजाल के अलावा भाई पूर्व एमएलसी महमूद ने उसके साथ रेप किया. पुलिस ने मामले में 5 आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था.

पढ़िए कौन है हाजी इकबाल : साल 2007 से लेकर 2012 तक मायावती सरकार में हाजी इकबाल के दरबार में बड़े मंत्री और विधायक भी पहुंचते थे. मिर्जापुर इलाके में उसने 121 एकड़ में ग्लोकल यूनिवर्सिटी बनाई. नदियों तक पर कब्जा जमाया. मनी लॉन्ड्रिंग से भी कमाई की. बसपा ही नहीं सपा सरकार में भी उसकी तूती बोलती थी. वह पश्चिमी यूपी का सबसे बड़ा खनन माफिया माना था. बसपा सरकार में इकबाल ने कौड़ियों के दाम में कई चीनी मिले खरीद ली. इससे सरकार को एक हजार करोड़ से ज्यादा का नुकसान हुआ. साल 2017 में उसके बुरे दिन शुरु हो गए. पुलिस ने इकबाल समेत उसके छोटे भाई महमूद अली, चारों बेटों पर भी शिकंजा कसना शुरू कर दिया.

यह भी पढ़ें : हाजी इकबाल के 4 बेटों और भाई के खिलाफ केस दर्ज, नौकरानी के साथ किया था गैंगरेप

सहारनपुर : पूर्व एमएलसी हाजी इकबाल की बेनामी संपत्ति अपनी पत्नी व परिचित के नाम कराने के मामले में निलंबित इंस्पेक्टर नरेश कुमार पर मुकदमा दर्ज कर लिया गया है. इस एक्शन के बाद से पुलिस महकमे में खलबली मची है. जल्द ही आरोपी इंस्पेक्टर की गिरफ्तारी भी हो सकती है. एसएसपी रोहित सिंह सजवाण के आदेश पर इंस्पेक्टर के खिलाफ कल ही भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धाराओं में थाना सदर बाजार में मुकदमा दर्ज किया गया था.

साल 2023 में मिर्जापुर में कोतवाली प्रभारी रहते हुए इंस्पेक्टर ने अपने पद का दुरुपयोग किया था. जांच में पता चला है कि इंस्पेक्टर नरेश कुमार को जैसे ही हाजी इकबाल की बेनामी संपत्ति की जानकारी हुई, वह लालच में आ गया. चूंकि उस दौरान हाजी इकबाल के बेटे और भाई जेल में थे. जबकि हाजी इकबाल फरार चल रहा था. पत्नी भी अंडरग्राउंड थी. लिहाजा इंस्पेक्टर को लगा कि यही सही मौका है जमीन हथियाने का.

इंस्पेक्टर नरेश कुमार मिर्जापुर में कोतवाली प्रभारी के पद पर तैनात थे. आरोप है कि तैनाती के दौरान पूर्व बसपा एमएलसी एवं खनन माफिया हाजी इकबाल के फैजाबाद निवासी परिचित इरशाद रावत और बादशाही बाग निवासी महबूब उनके संपर्क में आए. इनके जरिए नरेश कुमार ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए श्रवण व रोशनलाल की 49 बीघा जमीन जबरन अपनी पत्नी राजरानी व एक परिचित विजय कुमार के नाम करा ली. इस आरोप के बाद तत्कालीन एसएसपी डॉ. विपिन ताड़ा ने इंस्पेक्टर को निलंबित कर दिया था. जांच एसपी ग्रामीण सागर जैन को सौंपी थी.

पुलिस के मुताबिक उस समय विक्रेता रोशनलाल ने आरोप लगाया था कि दोनों जमीनों के विक्रय पत्र की 15 लाख रुपये की धनराशि उसके खाते में जमा कराने के बाद उसे जबरन किसी अन्य खाते में ट्रांसफर करा लिया गया. एसपी ग्रामीण द्वारा की गई जांच में बैंक खातों से धन के आदान-प्रदान के आरोप सही पाए गए हैं. एसपी द्वारा की गई निष्पक्ष जांच में यह भी पता चला कि यह संपत्ति पूर्व एमएलसी हाजी इकबाल की बेनामी संपत्ति का हिस्सा है. जांच में दोषी पाए जाने पर एसएसपी के आदेश पर निलंबित इंस्पेक्टर नरेश कुमार के खिलाफ थाना सदर बाजार में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है.

एसएसपी रोहित सिंह सजवाण का कहना है कि इंस्पेक्टर नरेश कुमार ने अपने पद और वर्दी का दुरुपयोग कर विवादित जमीन को अपनी पत्नी के नाम कराई थी. जांच में दोषी पाए जाने के बाद नरेश कुमार के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है. जल्द ही उसको गिरफ्तार कर लिया जाएगा. आरोप लगने पर इंस्पेक्टर को पहले ही निलंबित कर दिया गया था.

इस मामले में भी फंसा है हाजी इकबाल और उनका परिवार : इकबाल और उसके परिवार पर कई मुकदमे दर्ज हैं. बागपत की रहने वाली महिला ने मिर्जापुर कोतवाली पुलिस को तहरीर दी थी. आरोप लगाया था कि पति हाजी इकबाल की ग्लोकल यूनिवर्सिटी में नौकरी करता था. साल 2021 में पति के बीमार होने के बाद आर्थिक तंगी आने वह भी यूनिवर्सिटी में नौकरी करने लगी. इस दौरान हाजी इकबाल के बेटे वाजिद, जावेद, अलीशान, अफजाल के अलावा भाई पूर्व एमएलसी महमूद ने उसके साथ रेप किया. पुलिस ने मामले में 5 आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था.

पढ़िए कौन है हाजी इकबाल : साल 2007 से लेकर 2012 तक मायावती सरकार में हाजी इकबाल के दरबार में बड़े मंत्री और विधायक भी पहुंचते थे. मिर्जापुर इलाके में उसने 121 एकड़ में ग्लोकल यूनिवर्सिटी बनाई. नदियों तक पर कब्जा जमाया. मनी लॉन्ड्रिंग से भी कमाई की. बसपा ही नहीं सपा सरकार में भी उसकी तूती बोलती थी. वह पश्चिमी यूपी का सबसे बड़ा खनन माफिया माना था. बसपा सरकार में इकबाल ने कौड़ियों के दाम में कई चीनी मिले खरीद ली. इससे सरकार को एक हजार करोड़ से ज्यादा का नुकसान हुआ. साल 2017 में उसके बुरे दिन शुरु हो गए. पुलिस ने इकबाल समेत उसके छोटे भाई महमूद अली, चारों बेटों पर भी शिकंजा कसना शुरू कर दिया.

यह भी पढ़ें : हाजी इकबाल के 4 बेटों और भाई के खिलाफ केस दर्ज, नौकरानी के साथ किया था गैंगरेप

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