सागर। करीब दो साल शहर में महज 5 दिनों में 4 चौकीदारों की हत्या की वारदातों को अंजाम देने वाले सीरियल किलर को जिला कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. न्यायाधीश ने सजा सुनाते हुए टिप्पणी की कि "एक सोता हुआ व्यक्ति बच्चे के समान होता है, जो तत्काल अपनी सुरक्षा करने में सक्षम नहीं होता है". सीरियल किलर को कोर्ट ने 10 साल, 3 साल सहित आजीवन कारावास की सजा सुनाई और 10 हजार का जुर्माना भी लगाया. बता दें कि सागर में हत्या की 3 वारदातों को अंजाम देने के बाद आरोपी ने भोपाल में भी एक चौकीदार की हत्या की थी. इसी वारदात के बाद सागर पुलिस ने आरोपी को भोपाल में गिरफ्तार करने में सफलता पाई थी.
मोबाइल को माना गया अहम साक्ष्य
मध्य प्रदेश और देश में चर्चा का विषय बने सीरियल किलर को पकड़ना पुलिस के लिए बड़ी चुनौती थी. रोजाना हत्या की वारदातों को अंजाम दे रहे सीरियल किलर को कैसे पकड़ा जाए. कहते हैं कि अपराधी अपने जुर्म के सबूत खुद छोड़ देता है और ऐसी ही गलती सीरियल किलर ने की. सागर में हत्या की अंतिम वारदात को अंजाम देने के बाद मृतक चौकीदार का मोबाइल वह अपने साथ ले गया. यही मोबाइल उसकी गिरफ्तारी की वजह बना और जब शुक्रवार को उसे सजा सुनाई गई तो मोबाइल को अहम साक्ष्य माना गया.
क्या है मामला
लगातार हत्या की वारदातों को अंजाम दे रहे सीरियल किलर को सागर पुलिस ने पकड़ा. यह सीरियल किलर सागर जिले की केसली तहसील के केंकरा गांव का एक 20 साल का आदिवासी युवक निकला. जिसका नाम शिव प्रसाद धुर्वे उर्फ हल्कू था. 2022 में अगस्त महीने के आखिरी हफ्ते में सागर में लगातार तीन चौकीदारों की हत्या की वारदात ने दहशत का माहौल बना दिया था.
- सबसे पहला मामला कैंट थाना के भैंसा बाईपास इलाके में सामने आया था जहां एक ट्रक बॉडी तैयार करने के कारखाने की चौकीदार कल्याण की हत्या की गई थी. हत्यारे ने कल्याण के सिर पर पत्थर पटककर उसे मारा था.
- इसके बाद सिरफिरे ने रेलवे स्टेशन पर ग्रीन होटल के बाहर सो रहे शख्स पर हमला किया लेकिन किस्मत से वह व्यक्ति बच गया.
- तीसरी वारदात आर्ट एवं कॉमर्स कॉलेज के चौकीदार शंभुदयाल की हत्या के रूप में सामने आई.
- चौथी वारदात मोतीनगर में और पांचवी घटना भोपाल के खजुरिया रोड पर की.
आरोपी को आजीवन कारावास की सजा
जिला न्यायालय सागर ने चौकीदार शंभुदयाल दुबे निवासी आनंद नगर मकरोनिया की हत्या के मामले में आरोपी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई. जिला सत्र न्यायाधीश प्रशांत कुमार सक्सेना ने अभियोजन के तर्कों को मानते हुए आरोपी शिव प्रसाद को सामान्य मानसिक स्थिति का व्यक्ति मानकर सजा सुनाई. इसके अलावा अन्य वारदातों में आरोपी को 10 साल, तीन 3 साल और 10 हजार का जुर्माना भी लगाया है. न्यायालय ने सीरियल किलर को सजा देने के लिए मृतक से लूटे मोबाइल को सबसे अहम सबूत माना.
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25 लोगों को बनाया गया गवाह
अभियोजन पक्ष के वकील एडीपीओ सौरभ डिम्हा ने बताया कि "मामले में 25 लोगों को गवाह बनाया गया. साक्ष्य के रूप में मृतक शंभुदयाल के मोबाइल की भूमिका अहम रही. दरअसल आरोपी चौकीदार शंभुदयाल को मारने के बाद मोबाइल अपने साथ ले गया था. पुलिस उसी के जरिए आरोपी को पकड़ने में कामयाब रही."