सागर। सागर सहित खरगोन और गुना में आगामी सत्र से राजकीय विश्वविद्यालय शुरू होने जा रहे हैं. इसी का उद्घाटन करने सागर पहुंचे मुख्यमंत्री मोहन यादव ने सबसे पहले बड़तूमा में बन रहे संत रविदास मंदिर एवं संग्रहालय का जायजा लिया. इस अवसर पर खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री गोविंद सिंह राजपूत, सागर विधायक शैलेंद्र जैन और नरयावली विधायक प्रदीप लारिया सहित कमिश्नर-कलेक्टर, आईजी-एसपी सहित तमाम प्रशासनिक अधिकारी मौजूद रहे.
पीएम मोदी ने किया था मंदिर का भूमिपूजन
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने मंदिर निर्माण की प्रगति का जायजा लिया. वहीं उन्होंने मंदिर और संग्रहालय का मॉडल देखकर बन रहे भव्य मंदिर की जानकारी ली. बता दें कि पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने 2023 में संत रविदास जयंती के अवसर पर सागर में आयोजित एक कार्यक्रम में 100 करोड़ की लागत से संत रविदास के भव्य मंदिर और संग्रहालय के निर्माण का ऐलान किया था. रविदास मंदिर और संग्रहालय का भूमिपूजन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने किया था. मंदिर और संग्रहालय निर्माण कार्य अगस्त 2025 तक पूरा होने का लक्ष्य रखा गया है.
कैसा होगा संत रविदास मंदिर और संग्रहालय
रविदास मंदिर और संग्रहालय के निर्माण कार्य पर केंद्र और राज्य सरकार द्वारा लगातार नजर रखी जा रही है. इस सिलसिले में केंद्र और राज्य सरकार के संस्कृति और धर्मस्व विभाग के अधिकारी लगातार दौरा करते रहते हैं और तय समय में मंदिर निर्माण होगा कि नहीं, इसकी प्रगति का जायजा लेते रहते हैं. सरकार ने संत रविदास की अनमोल विरासत को सहेजने और सुरक्षित रखने के साथ-साथ उनके संदेश और दर्शन को नई पीढ़ी तक पहुंचाने के लिए सागर में 100 करोड़ की लागत से संत रविदास मंदिर और संग्रहालय का निर्माण कार्य शुरू किया है.
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संत रविदास मंदिर का डिजाइन वास्तु कला के आधार पर
संत रविदास में आस्था रखने वाले और उनके दर्शन और साहित्य पर शोध करने वाले विद्वानों और भक्तों के लिए यह एक अनुपम सौगात होगी. मंदिर का डिजाइन वास्तु कला के आधार पर तैयार किया गया है. करीब 12 एकड़ भूमि में मंदिर का निर्माण किया जा रहा है. अध्योध्या के राम मंदिर में लगे राजस्थान के धोलपुर वंशीपहाड़पुर के लाल पत्थरों से संत रविदास मंदिर का निर्माण किया जा रहा है. संत रविदास मंदिर 66 फीट ऊंचा होगा. मंदिर के गर्भगृह में लोहे का उपयोग नहीं करके केवल पत्थर, रेत, गिटटी का उपयोग किया जा रहा है. मंदिर में अत्याधुनिक संसाधन के साथ-साथ मंदिर परिसर में विशेष रूप से पेड़ पौधे लगाकर हरियाली की जा रही है. रात में आकर्षक साज सज्जा के साथ रोशनी की भी व्यवस्था की जा रही है.