सागर। ओबीसी महासभा के प्रवक्ता याचिकाकर्ता एडवोकेट विश्वजीत रतौनिया का कहना है "ओबीसी महासभा द्वारा दाखिल प्रकरण में सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई करते हुए मंत्री गोविंद सिंह राजपूत के खिलाफ एसआईटी जांच के आदेश दिए हैं. ये मामला 2016 का है. मानसिंह पटेल ओबीसी महासभा का सदस्य है. उसकी जमीन व्यक्तिगत तौर पर गोविंद राजपूत द्वारा हडपी गई है. इसका विरोध मानसिंह पटेल ने किया और शिकायतें दर्ज कराईं. इस मामले में 145 सीआरपीसी के तहत सिटी मजिस्ट्रेट के पास शिकायत की गई."
मंत्री गोविंद सिंह राजपूत पर ये आरोप लगाए
याचिका में आरोप लगाया गया है " गोविंद सिंह राजपूत द्वारा मानसिंह पटेल को 21 अगस्त 2023 को बीच रास्ते में रोककर जान से मारने और देख लेने की बात कही गयी. 22 अगस्त को गोविंद सिंह राजपूत अपने साथियों के साथ मानसिंह पटेल के घर आते हैं और घर से ले जाते हैं. इसकी शिकायत मानसिंह पटेल के लडके ने पुलिस से की. दुर्भाग्यवश पुलिस उस शिकायत को गुमशुदगी में तब्दील कर देती है. जबकि सीआरपीसी और कानून में स्पष्ट उल्लेख है कि संज्ञेय अपराध की गयी शिकायत के अनुसार दर्ज होना चाहिए, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में एसआईटी गठन के आदेश दिए हैं"
ये खबरें भी पढ़ें... चुनाव से कुछ दिन पहले बीजेपी प्रत्याशी की बढ़ी मुश्किलें, मंत्री गोविंद सिंह के खिलाफ दर्ज हुई FIR |
गोविंद सिंह बोले- मुझे पूरा न्याय मिला, भ्रम नहीं फैलाएं
एसआईटी गठन के आदेश पर मंत्री गोविंद सिंह राजपूत का कहना है "सुप्रीम कोर्ट ने गुमशुदा व्यक्ति के खिलाफ एक एसआईटी का गठन किया है. मैं उसका स्वागत करता हूं, उसके परिवार को न्याय मिलना चाहिए. खासकर कुछ लोगों के मुंह से मैनें सुना है कि इसमें किसके खिलाफ टिप्पणी की गयी है. मेरे खिलाफ उच्च न्यायालय द्वारा कोई टिप्पणी की गयी है. ना ही मुझे कोई नोटिस जारी किया गया है. ना ही मुझे आज तक बुलाया गया है. मेरे खिलाफ राजनीतिक विरोधियों द्वारा षडयंत्र रचा गया है. मैं फिर कहना चाहूंगा कि सुप्रीम कोर्ट का बयान पढ़े बगैर जो भी मेरे खिलाफ अनर्गल बयानबाजी, अनर्गल भ्रामक प्रचार करेगा तो उनके खिलाफ न्यायालय में जाऊंगा. नहीं माने तो खिलाफ मानहानि का केस भी दर्ज करूंगा."