सागर। जिले के दक्षिण वन मंडल के बिलहरा इलाके में एक तेंदुए के शिकार का मामला सामने आया है. माना जा रहा है कि मादा तेंदुआ का फंदा लगाकर शिकार किया गया है. आशंका है कि करीब दो दिन पहले उसका शिकार किया गया होगा. तेंदुए के शिकार की जानकारी मिलते ही डीएफओ दक्षिण वनमंडल मौके पर पहुंचे और उन्होंने घटनास्थल का मुआयना किया,जहां कुछ फंदे पाए गए हैं. घटना के बाद पूरे इलाके में डॉग स्क्वायड से सर्चिंग करायी जा रही है. टीम के लिए कुछ अहम सुराग मिले हैं और संभावना व्यक्त की जा रही है कि जल्द ही शिकारियों का पता लग जाएगा.
तेंदुए के शव की मिली सूचना
डीएफओ दक्षिण वन मंडल महेन्द्र सिंह से मिली जानकारी के अनुसार बिलहरा से सूचना मिली थी कि एक खेत में एक तेंदुआ के शव पड़ा हुआ है. सूचना पर जब वन अमला मौके पर पहुंचा, तो शव सड़ना शुरू हो गया था और मौके पर मिले सबूतों से साफ हो गया कि तेंदुए के शिकार के लिए खेत में फंदा लगाया गया था. इस बात से अंदाजा लगाया जा रहा है कि करीब दो दिन पहले तेंदुआ फंदे में फंसा होगा. ग्रामीणों के लिए जब तेंदुए के सड़ने के कारण बदबू आना शुरू हुई , तब ग्रामीणों को पता चला और इसकी सूचना वन विभाग को दी गयी.
वन विभाग की कार्यप्रणाली पर उठे सवाल
इस मामले में वन विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल उठ रहे हैं. दरअसल सागर रेंज में हुई इस घटना में बिलहरा कस्बे के पास शिकारी फंदा लगाते रहे और वन विभाग को खबर भी नहीं मिली. तेंदुए का शिकार हो गया और दो दिन बाद जब शव ने सड़ांध मारना शुरू कर दिया तब ग्रामीणों ने जाकर देखा और शिकार के बारे में पता चला,जबकि वनविभाग हमेशा मैदानी गश्त और मुखबिर तंत्र सक्रिय होने की बात करता है.
जांच टीम को मिले अहम सबूत
डीएफओ दक्षिण वन मंडल महेन्द्र सिंह का कहना है कि "तेंदुए के शिकार के बारे में ज्यादा कुछ नहीं बताया जा सकता है. मैं खुद घटनास्थल पर गया था और मामले की जांच कर रही टीम के लिए कुछ अहम सबूत मिले हैं और आसपास फंदे भी मिले हैं. इन सबूतों के बाद हम आरोपियों को जल्द पकड लेंगे. जहां तक वन विभाग की लापरवाही की बात है, तो मामले की जांच में सब सामने आएगा और नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी.