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खाद की जगह किसानों को मिले लात-घूंसे, राहतगढ़ मंडी में खड़े ट्रक को भेजा दूसरी जगह

सागर में खाद लेने पहुंचे किसानों ने एक दूसरे पर हमला कर दिया. दो किसानों के विवाद के बाद प्रशासन और पुलिस को आना पड़ा.

SAGAR FERTILIZER CRISIS
सागर में खाद लेने आए किसानों की आपस में झड़प (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : 3 hours ago

सागर: सरकार की ओर से खाद संकट को लेकर स्थिति नियंत्रण में होने की बात कही जा रही है. हालांकि ग्रामीण इलाकों में खाद की मारामारी को लेकर विवाद की स्थिति बन रही है. ऐसा ही मामला सोमवार को राहतगढ़ से सामने आया. जहां कृषि उपज मंडी में बनाए गए खाद वितरण केंद्र में खाद की मांग को लेकर दो किसानों के बीच विवाद हुआ. देखते ही देखते मामला इतना तूल पकड़ लिया कि दोनों ने एक दूसरे पर लात घूंसे और चप्पल-जूतों से हमला करने लगे. फिर पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर स्थिति नियंत्रित की. टोकन की व्यवस्था लागू करने के बाद खाद वितरण हो सका. हालांकि झड़प का वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है.

क्या है पूरा मामला?

सोमवार को राहतगढ़ खाद वितरण केंद्र पर खाद का वितरण किया जा रहा था. इस दौरान लाइनों में लगे किसानों ने पहले खाद हासिल करने के लिए दूसरों से आगे निकलने की कोशिश करने लगे. हालात बेकाबू हो गए और किसानों में जमकर लात-घूंसे और जूते-चप्पल चलने लगे. इसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. जानकारी मिलते ही मौके पर नायब तहसीलदार राहुल सिंह गोड़ और पुलिस पहुंच गई. प्रशासन ने किसानों की लाइन लगवाई और टोकन देकर खाद का वितरण चालू कराया. फिर जाकर हालात काबू में हुए.

खाद वितरण केंद्र पर किसानों में चले लात-घूंसे (ETV Bharat)

किसानों का क्या है आरोप?

किसानों ने आरोप लगाते हुए कहा कि "मंडी में एक ट्रक खाद से भरा हुआ मौजूद था. लेकिन उसे बेरखेड़ी समिति भेज दिया गया. जब दूसरी समिति का खाद था तो किसानों को राहतगढ़ मंडी क्यों बुलाया गया. जब खाद कि कुछ बोरियां बची थी और किसानों की संख्या ज्यादा थी. ऐसे में केंद्र संचालक ने व्यवस्था क्यों नहीं की. अगर व्यवस्था सही होती तो किसान आपस में नहीं लड़ते."

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खाद विक्रेता ने क्या कहा?

खाद वितरण केंद्र प्रभारी राजेंद्र ने बताया "70 टन खाद आया था. इसमें से 30 टन खाद समिति को दे दी गई. बाकी बचे 40 टनों में से किसानों को वितरित किया जा रहा था. पहले खाद हासिल करने की कोशिश में किसान आपस में भिड़ गए. पुलिस की सहायता से मामले को शांत कराया गया."

सागर: सरकार की ओर से खाद संकट को लेकर स्थिति नियंत्रण में होने की बात कही जा रही है. हालांकि ग्रामीण इलाकों में खाद की मारामारी को लेकर विवाद की स्थिति बन रही है. ऐसा ही मामला सोमवार को राहतगढ़ से सामने आया. जहां कृषि उपज मंडी में बनाए गए खाद वितरण केंद्र में खाद की मांग को लेकर दो किसानों के बीच विवाद हुआ. देखते ही देखते मामला इतना तूल पकड़ लिया कि दोनों ने एक दूसरे पर लात घूंसे और चप्पल-जूतों से हमला करने लगे. फिर पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर स्थिति नियंत्रित की. टोकन की व्यवस्था लागू करने के बाद खाद वितरण हो सका. हालांकि झड़प का वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है.

क्या है पूरा मामला?

सोमवार को राहतगढ़ खाद वितरण केंद्र पर खाद का वितरण किया जा रहा था. इस दौरान लाइनों में लगे किसानों ने पहले खाद हासिल करने के लिए दूसरों से आगे निकलने की कोशिश करने लगे. हालात बेकाबू हो गए और किसानों में जमकर लात-घूंसे और जूते-चप्पल चलने लगे. इसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. जानकारी मिलते ही मौके पर नायब तहसीलदार राहुल सिंह गोड़ और पुलिस पहुंच गई. प्रशासन ने किसानों की लाइन लगवाई और टोकन देकर खाद का वितरण चालू कराया. फिर जाकर हालात काबू में हुए.

खाद वितरण केंद्र पर किसानों में चले लात-घूंसे (ETV Bharat)

किसानों का क्या है आरोप?

किसानों ने आरोप लगाते हुए कहा कि "मंडी में एक ट्रक खाद से भरा हुआ मौजूद था. लेकिन उसे बेरखेड़ी समिति भेज दिया गया. जब दूसरी समिति का खाद था तो किसानों को राहतगढ़ मंडी क्यों बुलाया गया. जब खाद कि कुछ बोरियां बची थी और किसानों की संख्या ज्यादा थी. ऐसे में केंद्र संचालक ने व्यवस्था क्यों नहीं की. अगर व्यवस्था सही होती तो किसान आपस में नहीं लड़ते."

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खाद वितरण केंद्र प्रभारी राजेंद्र ने बताया "70 टन खाद आया था. इसमें से 30 टन खाद समिति को दे दी गई. बाकी बचे 40 टनों में से किसानों को वितरित किया जा रहा था. पहले खाद हासिल करने की कोशिश में किसान आपस में भिड़ गए. पुलिस की सहायता से मामले को शांत कराया गया."

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