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मध्य प्रदेश में कोरोना कमबैक? वायरल बुखार से मरीजों का तेजी से गिर रहा ऑक्सीजन लेवल

मध्य प्रदेश के बुंदेलखंड़ इलाके में अजीबो गरीब वायरल फीवर फैला. क्या यह कोरोना का नया रूप है? डॉक्टरों की माने तो मरीजों के फेफड़ों पर इस बार असर दिख रहा है.

SAGAR CORONA SYMPTOMS VIRAL FEVER
वायरल के साथ कोरोना जैसे लक्षण (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : 2 hours ago

Updated : 1 hours ago

सागर: बारिश के बाद वायरल बुखार के मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है. इस बार चिंता की बात ये है कि आम तौर पर वायरल फीवर से 5 दिन में ठीक होने की संभावना रहती है. इस बार वायरल फीवर नए रूप में नजर आ रहा है. वायरल फीवर के लक्षण कुछ-कुछ कोरोना वायरस की तरह नजर आ रहे हैं. कोरोना की तरह मरीज को सांस लेने में तकलीफ हो रही है. शहर की एक निजी अस्पताल में पिछले 3 महीने में सामने आए लगभग 300 मरीजों में ऐसे लक्षण देखने मिले हैं. चिकित्सकों की माने तो वायरल फीवर में फेफड़ों पर कम असर देखने मिलता है. अक्सर लोगों को बुखार और बदन दर्द जैसी शिकायत रहती थी लेकिन इस बार फेफड़े प्रभावित हो रहे हैं. मरीजों को ऑक्सीजन के अलावा वेंटीलेटर तक की जरुरत पड़ रही है.

वायरल के साथ कोरोना जैसे लक्षण

इस बार शहर के एक निजी अस्पताल में सामने आए वायरल फीवर के मरीजों ने चिकित्सा जगत की चिंता बढ़ा दी है. आमतौर पर वायरल फीवर 3 से 5 दिन में ठीक हो जाता था और मरीज को सामान्य दवाइयां दी जाती थी. वायरल फीवर में तेज बुखार, सर्दी खांसी के साथ-साथ पैर और बदन दर्द की शिकायत सुनने मिलती थी. लेकिन इस साल वायरल फीवर के मरीजों को सांस लेने में तकलीफ हो रही है. इसका मतलब है कि इन मरीजों के फेफड़े प्रभावित हो रहे हैं. ऐसी स्थिति में कई मरीजों को ऑक्सीजन की जरूरत पड़ रही है. वहीं एक केस में तो मरीज को वेंटिलेटर पर रखना पड़ा. मरीज को वायरल के लक्षणों के साथ-साथ कोरोना जैसे लक्षणों का सामना करना पड़ रहा है.

वायरल बुखार में तेजी से गिर रहा ऑक्सीजन लेवल (ETV Bharat)

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'300 से ज्यादा मरीजों में दिखे लक्षण'

पल्मोनोलॉजिस्ट डॉ अखिलेश जैन बताते हैं कि "पिछले 3 से 4 महीने में वायरल फीवर के बहुत से मरीज देखे गए. जिनके लक्षण चिंता करने लायक हैं. हमारे अस्पताल में पिछले 3 से 4 महीनों में 300 से ज्यादा ऐसे मरीज सामने आए हैं जिन्हें वायरल फीवर की समस्या थी. इन मरीजों को तेज बुखार, शरीर में बहुत ज्यादा दर्द और सर्दी खांसी के लक्षण देखने मिल रहे हैं. इन मरीजों के साथ कुछ ऐसे भी मरीज सामने आए जिनको सांस लेने में काफी दिक्कत हो रही थी. उनकी हालत में सुधार लाने के लिए ऑक्सीजन की भी जरूरत पड़ी. हमने कोरोना के समय देखा था कि कई ऐसे मरीज थे जिनको ऑक्सीजन की जरूरत पड़ी थी, पिछले दिनों तो एक ऐसा मरीज आया था जिसके दोनों फेफड़े पूरी तरह से प्रभावित हो गए थे और उसके इलाज में वेंटिलेटर की आवश्यकता पड़ी थी तब जाकर वह रिकवर हो पाया था."

सागर: बारिश के बाद वायरल बुखार के मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है. इस बार चिंता की बात ये है कि आम तौर पर वायरल फीवर से 5 दिन में ठीक होने की संभावना रहती है. इस बार वायरल फीवर नए रूप में नजर आ रहा है. वायरल फीवर के लक्षण कुछ-कुछ कोरोना वायरस की तरह नजर आ रहे हैं. कोरोना की तरह मरीज को सांस लेने में तकलीफ हो रही है. शहर की एक निजी अस्पताल में पिछले 3 महीने में सामने आए लगभग 300 मरीजों में ऐसे लक्षण देखने मिले हैं. चिकित्सकों की माने तो वायरल फीवर में फेफड़ों पर कम असर देखने मिलता है. अक्सर लोगों को बुखार और बदन दर्द जैसी शिकायत रहती थी लेकिन इस बार फेफड़े प्रभावित हो रहे हैं. मरीजों को ऑक्सीजन के अलावा वेंटीलेटर तक की जरुरत पड़ रही है.

वायरल के साथ कोरोना जैसे लक्षण

इस बार शहर के एक निजी अस्पताल में सामने आए वायरल फीवर के मरीजों ने चिकित्सा जगत की चिंता बढ़ा दी है. आमतौर पर वायरल फीवर 3 से 5 दिन में ठीक हो जाता था और मरीज को सामान्य दवाइयां दी जाती थी. वायरल फीवर में तेज बुखार, सर्दी खांसी के साथ-साथ पैर और बदन दर्द की शिकायत सुनने मिलती थी. लेकिन इस साल वायरल फीवर के मरीजों को सांस लेने में तकलीफ हो रही है. इसका मतलब है कि इन मरीजों के फेफड़े प्रभावित हो रहे हैं. ऐसी स्थिति में कई मरीजों को ऑक्सीजन की जरूरत पड़ रही है. वहीं एक केस में तो मरीज को वेंटिलेटर पर रखना पड़ा. मरीज को वायरल के लक्षणों के साथ-साथ कोरोना जैसे लक्षणों का सामना करना पड़ रहा है.

वायरल बुखार में तेजी से गिर रहा ऑक्सीजन लेवल (ETV Bharat)

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'300 से ज्यादा मरीजों में दिखे लक्षण'

पल्मोनोलॉजिस्ट डॉ अखिलेश जैन बताते हैं कि "पिछले 3 से 4 महीने में वायरल फीवर के बहुत से मरीज देखे गए. जिनके लक्षण चिंता करने लायक हैं. हमारे अस्पताल में पिछले 3 से 4 महीनों में 300 से ज्यादा ऐसे मरीज सामने आए हैं जिन्हें वायरल फीवर की समस्या थी. इन मरीजों को तेज बुखार, शरीर में बहुत ज्यादा दर्द और सर्दी खांसी के लक्षण देखने मिल रहे हैं. इन मरीजों के साथ कुछ ऐसे भी मरीज सामने आए जिनको सांस लेने में काफी दिक्कत हो रही थी. उनकी हालत में सुधार लाने के लिए ऑक्सीजन की भी जरूरत पड़ी. हमने कोरोना के समय देखा था कि कई ऐसे मरीज थे जिनको ऑक्सीजन की जरूरत पड़ी थी, पिछले दिनों तो एक ऐसा मरीज आया था जिसके दोनों फेफड़े पूरी तरह से प्रभावित हो गए थे और उसके इलाज में वेंटिलेटर की आवश्यकता पड़ी थी तब जाकर वह रिकवर हो पाया था."

Last Updated : 1 hours ago
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