सागर। बुंदेलखंड के विश्व प्रसिद्ध पर्यटक स्थल खजुराहो में भीषण गर्मी के बीच भारी संख्या में पर्यटक पहुंच रहे हैं. यहां के चंदेलकालीन मंदिरों की मूर्ति और स्थापत्य कला पूरी दुनिया में मशहूर है. लेकिन फिलहाल खजुराहो का पारा 40 डिग्री के पार हो गया है, ऐसे में यहां आने वाले पर्यटकों को मंदिर के विशाल परिसर में घूमना काफी कष्टदायक हो जाता है. मंदिरों में बिना जूते चप्पलों के प्रवेश करना होता है जिससे पर्यटकों के पांव तपती गर्मी में जलने लगते हैं. इसको ध्यान में रखते हुए भारतीय पुरातत्व विभाग ने मंदिर परिसर में जूट की कारपेट बिछा दी है, जो पर्यटकों को काफी राहत दे रही है.
दुनिया भर में मशहूर है खजुराहो
बुंदेलखंड की लोककला, संस्कृति, वनसंपदा और विरासत की बात करें, तो यहां खजुराहो, ओरछा, दतिया और पन्ना जैसे स्थान हैं, जहां भारी संख्या में पर्यटक पहुंचते हैं. लेकिन खजुराहो सारी दुनिया में अपनी मूर्तिकला के लिए मशहूर है. भारत आने वाले विदेशी सैलानी यहां बड़ी संख्या में पहुंचते हैं. यहां के हजारों साल पुराने चंदेलकालीन मंदिरों की शानदार नक्काशी और कारीगरी देशी विदेशी पर्यटकों को आकर्षित करती है. खजुराहो के मंदिर की स्थापत्य कला पूरी दुनिया में मशहूर है, जिसे यूनेस्को ने विश्व धरोहर में स्थान दिया है.
40 पार पहुंचा खजुराहो का पारा
इन दिनों खजुराहो में तापमान 40 डिग्री सेल्सियस के पार है. बात करें 11 मई की तो खजुराहो का अधिकतम तापमान 41.4 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम 27.0 दर्ज किया गया है. वहीं, 10 मई को खजुराहो का अधिकतम तापमान 41.4 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम 26 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया. 9 मई को भी अधिकतम 41 डिग्री और न्यूनतम 26.6 डिग्री दर्ज किया गया था. ऐसे में खजुराहो आने वाले पर्यटकों को मंदिर भ्रमण में काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.
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पांव न जले इसलिए बिछाया जूट कारपेट
खजुराहो के मंदिर के सौंदर्य दर्शन के साथ-साथ ईश्वर में आस्था के कारण पर्यटक अपने जूते चप्पल उतारकर मंदिर परिसर में प्रवेश करते हैं. मंदिर के मुख्य द्वार में प्रवेश के ही समय अपने जूते इत्यादि उतार देते हैं और खजुराहो के पश्चिमी मंदिर समूह के दर्शन के लिए उन्हें काफी दूरी तक नंगे पैर चलना पड़ता है. ऐसे में पत्थर गरम होने के कारण उन्हें पांव में जलन होती है. इसलिए भारतीय पुरातत्व विभाग ने मंदिरों की तपती सीढ़ियों और चबूतरों पर जूट की मेट बिछा दी है. ऐसे में पर्यटक काफी राहत महसूस कर रहे हैं.