कुचामनसिटी. मातृ और शिशु मृत्यु दर को कम करने के लिए भारत सरकार की ओर से शुरू किया गया प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व दिवस अभियान अपने मकसद में कामयाब हो रहा है. अभियान के जरिए उस क्षेत्र के राजकीय अस्पतालों में महीने में तीन बार गर्भवती महिलाओं के स्वास्थ्य की जांच की जाती है और उन्हें प्रेग्नेंसी पीरियड और प्रसव के बाद रखने वाली सावधानियां बताई जाती हैं.
कुचामनसिटी के राजकीय जिला अस्पताल की स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉक्टर कल्पना गुप्ता ने बताया कि गर्भावस्था व प्रसव के दौरान जोखिम को कम करने के लिए चिकित्सा संस्थानों में प्रधानमंत्री मातृत्व दिवस अभियान के तहत गर्भवती महिलाओं की विभिन्न जांचें की जाती है और उन्हें जागरूक किया जाता है. इसके तहत सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, एसडीएच, जिला अस्पताल में गर्भवती महिलाओं की स्वास्थ्य जांच अभियान के तहत हर महीने तीन दिन की जाती है.
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उन्होंने बताया कि अभियान के तहत गर्भवती महिलाओं में हीमोग्लोबिन, एचआईवी, ब्लड प्रेशर, तापमान की जांच, हृदय स्पंदन व प्रसव से संबंधित जटिलताओं की जांच की जाती है. प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व दिवस का उद्देश्य महिलाओं की मातृत्व सुरक्षा को बढ़ावा देना, नवजात शिशु तथा उनकी रक्षा करना है. प्रधानमंत्री मातृत्व सुरक्षा दिवस अभियान के तहत अस्पताल में जांच के लिए आने वाली गर्भवती महिलाओं ने भी माना कि पिछले कुछ साल से राजकीय अस्पतालों में महिलाओं और शिशुओं के लिए सरकार ने चिकित्सा सुविधाओं में विस्तार किया है. अब पहले के मुकाबले बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही है.