कोटा : किसान रबी सीजन की बुवाई में लगे हैं, लेकिन डीएपी और अन्य फर्टिलाइजर की किल्लत की वजह से उनकी दिक्कतें बढ़ गई हैं. हाड़ौती संभाग सहित पूरे प्रदेश के किसान इससे परेशान हैं. हालांकि, जिन किसानों को खाद मिल भी रहा है, उन्हें भारी भरकम अटैचमेंट दिए जा रहे हैं. इसके चलते उन पर आर्थिक भार बढ़ रहा है. किसानों की इसी समस्या को लेकर सोमवार को भारतीय किसान संघ ने कोटा में धरना प्रदर्शन किया. इस दौरान हाड़ौती संभाग में बिना अटैचमेंट के डीएपी उपलब्ध कराने की मांग की गई.
भारतीय किसान संघ के जिला मंत्री रूपनारायण यादव ने राज्य की भजनलाल सरकार पर आरोप लगाया कि सरकार उपचुनाव में व्यस्त है. उसे किसानों की कोई फिक्र नहीं है. यही वजह है कि किसान डीएपी के लिए परेशान होने को मजबूर है. उन्होंने कहा कि रबी सीजन की फसल बुवाई का समय आ रहा है और किसानों को फसल बुवाई के लिए आवश्यक डीएपी खाद अभी तक मुहैया नहीं कराई गई है.
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दूसरी ओर खाद की कमी को देखते हुए विक्रेताओं और कंपनी ने किसानों का जबर्दस्त आर्थिक शोषण करना शुरू कर दिया है. डीएपी के दो कट्टों की कीमत जो 2700 रुपए है, लेकिन 1600 रुपए का अन्य फर्टिलाइजर या पेस्टिसाइड उन्हें अटैचमेंट के रूप में दिया जा रहा है. इससे किसानों पर आर्थिक भार बढ़ा है. किसानों को शोषण से मुक्ति दिलाने के लिए पर्याप्त डीएपी की आपूर्ति सहकारी समितियों के माध्यम बिना अटैचमेंट के किया जाएं. यदि सरकार किसानों के हित में ठोस कदम नहीं उठाती है तो मजबूरन किसानों को रोड पर उतरना पड़ेगा.
वहीं, सोमवार को भारतीय किसान संघ ने कोटा संभाग आयुक्त कार्यालय में वित्तीय सलाहकार रोहित दीक्षित को ज्ञापन सौंपा. इस ज्ञापन के जरिए किसानों को अविलंब राहत देने की मांग की गई. इस दौरान प्रतिनिधिमंडल में प्रांत अध्यक्ष शंकरलाल नागर, संभाग अध्यक्ष गिरिराज चौधरी, मंत्री भूपेंद्र शर्मा और कोटा जिलाध्यक्ष जगदीश शर्मा कलमंडा सहित अन्य पदाधिकारी मौजूद रहे.