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बहन को न्याय दिलाने के लिए भाई ने लड़ी लड़ाई, कोर्ट ने आरोपी को सुनाई 7 साल कैद की सजा - Arun Bairagi sentenced

Court sentenced the accused for inciting suicide पत्नी को आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप में जिला एवं सत्र न्यायालय रुद्रपुर की कोर्ट ने पति को 7 वर्ष का कठोर कारावास और पचास हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई है.

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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Feb 12, 2024, 10:58 PM IST

रुद्रपुरः पत्नी को आत्महत्या के लिए उकसाने के मामले में जिला एवं सत्र न्यायालय की तृतीय अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश द्वारा आरोपी को सात साल का कठोर कारावास और पचास हजार रुपए जुर्माने का सजा सुनाई गई है. इस दौरान अपर जिला शासकीय अधिवक्‍ता (एडीजीसी) लक्ष्मी नारायण पटवा द्वारा कोर्ट के समक्ष 17 गवाह पेश किए गए.

एडीजीसी लक्ष्मी नारायण पटवा ने बताया कि ग्राम भुडिया कॉलोनी बहेड़ी निवासी प्रशांत मंडल, जिला बरेली ने 14 फरवरी 2021 को सितारगंज थाने में तहरीर देते हुए बताया था कि साल 2010 में उसकी बहन अलका बैरागी की शादी गोविंदनगर पारागांव शक्ति फार्म, सितारगंज निवासी अरुण बैरागी के साथ हुई थी. शादी के बाद पता चला कि युवक नशे का आदि है और पत्नी पर गलत कार्य करने का दबाव बनाता है. इस कारण वह उसके साथ मारपीट करता रहता था.

इस प्रताड़ना में बहन का देवर वरुण बैरागी, ससुर काली दास और सास वंदना बैरागी भी साथ देते हैं. प्रताड़ना से तंग आकर बहन मायके रहने लगी. लेकिन ससुरालियों द्वारा माफीनामा देने के बाद बहन फिर ससुराल लौट आई. इसके बाद 14 फरवरी 2021 को ससुराल पक्ष की ओर से देवर की कॉल आई और बताया कि अलका ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली है. जब वह लोग मौके पर पहुंचे तो ससुराल वाले घर से फरार हो चुके थे. बहन का शव पंखे की कुंडी से लटका हुआ था. जबकि पैर जमीन से सटे हुए थे. ऐसा प्रतीत हो रहा था कि बहन को मारकर जबरन लटकाया गया है.

मामले में थाना पुलिस ने विवेचना कर चार्जशीट कोर्ट में पेश की. तब से लेकर मामला तृतीय अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश मीना देऊपा की कोर्ट में चल रहा था. इस दौरान एडीजीसी लक्ष्मी नारायण पटवा ने अदालत के सामने 17 गवाह पेश किए. दोनों पक्षों की जिरह सुनने के बाद अदालत ने आज मृतका के पति अरुण बैरागी को 306 का दोषी करार देते हुए सात साल कठोर कारावास और 50 हजार रुपये अर्थदंड देने की सजा सुनाई है.

ये भी पढ़ेंः विवाहिता ने की आत्महत्या, भाई ने ससुराल पक्ष पर लगाया हत्या का आरोप

रुद्रपुरः पत्नी को आत्महत्या के लिए उकसाने के मामले में जिला एवं सत्र न्यायालय की तृतीय अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश द्वारा आरोपी को सात साल का कठोर कारावास और पचास हजार रुपए जुर्माने का सजा सुनाई गई है. इस दौरान अपर जिला शासकीय अधिवक्‍ता (एडीजीसी) लक्ष्मी नारायण पटवा द्वारा कोर्ट के समक्ष 17 गवाह पेश किए गए.

एडीजीसी लक्ष्मी नारायण पटवा ने बताया कि ग्राम भुडिया कॉलोनी बहेड़ी निवासी प्रशांत मंडल, जिला बरेली ने 14 फरवरी 2021 को सितारगंज थाने में तहरीर देते हुए बताया था कि साल 2010 में उसकी बहन अलका बैरागी की शादी गोविंदनगर पारागांव शक्ति फार्म, सितारगंज निवासी अरुण बैरागी के साथ हुई थी. शादी के बाद पता चला कि युवक नशे का आदि है और पत्नी पर गलत कार्य करने का दबाव बनाता है. इस कारण वह उसके साथ मारपीट करता रहता था.

इस प्रताड़ना में बहन का देवर वरुण बैरागी, ससुर काली दास और सास वंदना बैरागी भी साथ देते हैं. प्रताड़ना से तंग आकर बहन मायके रहने लगी. लेकिन ससुरालियों द्वारा माफीनामा देने के बाद बहन फिर ससुराल लौट आई. इसके बाद 14 फरवरी 2021 को ससुराल पक्ष की ओर से देवर की कॉल आई और बताया कि अलका ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली है. जब वह लोग मौके पर पहुंचे तो ससुराल वाले घर से फरार हो चुके थे. बहन का शव पंखे की कुंडी से लटका हुआ था. जबकि पैर जमीन से सटे हुए थे. ऐसा प्रतीत हो रहा था कि बहन को मारकर जबरन लटकाया गया है.

मामले में थाना पुलिस ने विवेचना कर चार्जशीट कोर्ट में पेश की. तब से लेकर मामला तृतीय अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश मीना देऊपा की कोर्ट में चल रहा था. इस दौरान एडीजीसी लक्ष्मी नारायण पटवा ने अदालत के सामने 17 गवाह पेश किए. दोनों पक्षों की जिरह सुनने के बाद अदालत ने आज मृतका के पति अरुण बैरागी को 306 का दोषी करार देते हुए सात साल कठोर कारावास और 50 हजार रुपये अर्थदंड देने की सजा सुनाई है.

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