अनूपगढ़. राजस्थान में अनूपगढ़ जिले के गांव 2LC में गुरुवार को दो हिरणों के शिकार के बाद हुई मौत के मामले ने तूल पकड़ लिया. शिकारियों को पकड़ने की मांग को लेकर विश्नोई समाज के लोग शुक्रवार को बड़ी संख्या में धरने पर बैठ गए और रास्ते जाम कर दिए. चौथे दौर की वार्ता में आखिरकार प्रशासन और ग्रामीणों में सहमति बानी और धरना हटा लिया गया.
बता दें कि गुरुवार को गांव 2LC की रोही में दो हिरण मृत अवस्था में मिले थे. इन्हें गोली लगी हुई थी. ग्रामीणों का कहना था कि इन हिरणों को गोली मारी गई है. ग्रामीणों ने वन विभाग के रेंजर पर भी लापरवाही के आरोप लगाए. इसके बाद गांव डाबला, मसानीवाला, मुकलावा और जैतसर के लोग एकत्रित हुए और शिकारी को पकड़ने की मांग को लेकर धरना लगा दिया.
रास्ते जाम किए : ग्रामीणों ने जैतसर-पदमपुर मार्ग को जाम कर दिया. इसके साथ-साथ कई अन्य गांवों के रास्तों को भी जाम कर दिया है, जिससे यातायात बुरी तरह से प्रभावित हो रहा है. प्रशासन और ग्रामीणों के बीच तीन दौर की वार्ता सफल नहीं हो पाई. ग्रामीणों का कहना है कि पहले भी शिकारी हिरणों का शिकार कर चुके हैं, लेकिन उन पर कोई कार्रवाई नहीं होती. ग्रामीण शिकारी को पकड़ने की मांग पर अड़े हुए हैं. ग्रामीणों ने कहा कि इस बार भी शिकारियों ने छह हिरणो का शिकार किया जिसमे चार हिरन वे ले जाने में कामयाब हो गए, जबकि दो हिरन मौके पर ही रह गए.
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बता दें कि ग्रामीणों ने गुरुवार दोपहर से ही दोनों हिरणों के शव को सड़क पर रखकर धरना लगा दिया. वन विभाग के डीएफओ दिलीप सिंह ने कहा कि हिरणों के शरीर पर गोली लगने के निशान पाए गए हैं, लेकिन पोस्टमार्टम के बाद ही पूरी तस्वीर साफ हो पाएगी. विभाग की टीम ने कई जगह दबिश दी है.
ग्रामीणों के धरने के बाद हरकत में आये प्रशासन ने कार्रवाई की और तीन युवकों पर नामजद मामला दर्ज किया गया है. जिसके बाद ग्रामीणों ने रास्ता खोल दिया और धरना हटा लिया. जिला कलेक्टर अवधेश मीणा ने बताया कि रेंजर अशोक कुमार व वनरक्षक तेजपाल को सस्पेंड किया गया है. वहीं, शिकार के मामले में तीन आरोपियों पर मामला दर्ज कर उनकी तलाश शुरू कर दी गई है. जिला कलेक्टर ने ग्रामीणों की अन्य मांगों पर भी सकारात्मक आश्वासन दिया है.