जयपुर: विजयादशमी उत्सव के अवसर पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवकों ने शुक्रवार को जयपुर में पथ संचलन निकाला. इस अवसर पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवक त्रिवेणी नगर स्थित सामुदायिक केंद्र में एकत्रित हुए. यहां राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पूर्व सर कार्यवाह सुरेश भैयाजी जोशी ने शस्त्र पूजन किया.
उन्होंने स्वयंसेवकों को संबोधित करते हुए कहा कि व्यक्ति को जन्म के आधार पर विभाजित नहीं किया जा सकता. जाति का निर्धारण जन्म के आधार पर होता है. क्या कोई बता सकता है कि हरिद्वार किस जाति का है? क्या बता सकता है कि 12 ज्योतिर्लिंग किसी जाति के हैं? क्या देश के कोने-कोने में स्थित 51 शक्तिपीठ किसी जाति के हैं? जो लोग खुद को हिंदू मानते हैं और देश के सभी हिस्सों में रहते हैं. वे इन सभी को अपना मानते हैं. फिर भेद कहां है? जिस तरह से राज्य की सीमाएं हमारे बीच कोई भेद (विभाजन) पैदा नहीं कर सकती हैं, उसी तरह जन्म के आधार पर चीजें हमें विभाजित नहीं कर सकती हैं. अगर कोई गलत धारणाएं हैं, तो उसे बदलना होगा, अगर कोई भ्रम या बेकार का अहंकार है, तो उसे खत्म करना होगा.
भेदभाव खत्म करने होंगे: उन्होंने कहा कि सबके मंगल की कामना करने वाले किसी में भेद कैसे कर सकते हैं? ये भेद करने वाले भाव खत्म करने होंगे. तभी हिंदू शक्तिशाली होगा. हमने प्रकृति को ही ईश्वर माना है और आज उसे ही नष्ट करने में लगे हैं. प्रकृति के साथ खिलवाड़ क्यों करते हैं? तभी तो बाढ़ आती है, बादल फटतें हैं.
रावण का पुतला जलाने से कुछ नहीं होगा: सुरेश भैयाजी जोशी ने कहा, हमारे ही देश को स्वच्छ रखने के लिए अभियान चलाना पड़ता. देश के प्रधानमंत्री अभियान चलाते हैं. हमें अपने कर्तव्य पर चर्चा करनी चाहिए. हमेशा सरकार पर निर्भर होना सही नहीं है. समाज को आगे बढ़ना है तो हर महिला को मां के रूप में देखना होगा. आज के रावण कौन, कौरव कौन? भारत को विश्व गुरू बनना है. नियति में है तो उसके लिए काम करें, ये रावण का पुतला जलाने से कुछ नहीं होगा.