अयोध्या: राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के लिए देश के तीन प्रमुख मूर्तिकारों ने मूर्ति तैयार की थी. जिसमें बेंगलुरु के मूर्तिकार अरुण योगीराज की बनाई गई मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा कराई गई. जबकि दो अन्य मूर्तिकारों की मूर्तियां ट्रस्ट के पास सुरक्षित रखी हैं.
ट्रस्ट ने बताया कि मूर्तिकारों को पारिश्रमिक दिए जाने पर विचार किया गया था, जिसमें सभी मूर्तिकारों को एक समान धनराशि दी गई है. ट्रस्ट के मुताबिक सभी मूर्तिकारों ने एक समय में मूर्ति बनाई थी. इसलिए सभी मूर्तिकारों को 75 -75 लख रुपए दिए गए हैं.
महासचिव चंपत राय ने बताया कि बीते 4 वर्षों में श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट को 13 कुंतल चांदी और 20 किलो सोना प्राप्त हुआ है. धातु सही है या नहीं, इसके लिए भारत सरकार की संस्था मिंट के द्वारा जांच कराई जाने की योजना सभी ट्रस्टियों की सहमति के बाद बनाई गई है.
इसके लिए पहले चरण में 9 कुंतल 44 किलो चांदी पूरे रिकॉर्ड के साथ जांच के लिए दी गई है. जिसे हैदराबाद के टकसाल में जांच किया जाएगा. इसके लिए ट्रस्ट के दो सदस्य जाएंगे, जहां उनके सामने चांदी को गलाया जाएगा. यह कार्य सितंबर में किया जाएगा.
श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट का लेखा जोखा ERP के माध्यम से किया जा रहा है. ट्रस्ट के मुताबिक इस सॉफ्टवेयर से अकाउंट का लेखा-जोखा में कागज का कार्य बहुत ही काम हो जाता है. डुप्लीकेसी बहुत ही आसानी से पकड़ में आती है. उन्होंने बताया कि जिस प्रकार की रिपोर्ट निकालनी हो, सिर्फ बटन दबाते ही वह सामने आ जाती है.
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