कोरबा : आरपीएफ ने 2003 से फरार एक आरोपी को बिहार से गिरफ्तार कर लिया है. पकड़ा गया आरोपी रेलवे पुलिस को चकमा देकर 20 साल पहले फरार हुआ था.तब से लेकर आज तक उसे पकड़ा नहीं जा सका था.लेकिन आरपीएफ ने आखिरकार उसे गिरफ्तार करके जेल भेजा है. आरपीएफ से मिली जानकारी के मुताबिक वारंटी आरोपी उपेंद्र सीवान जिले के पचरूखी थाना क्षेत्र के जसौली पश्चिम टोला का रहने वाला है. जो हीरापुर टाटीबंध के पास थाना बुढ़ातालाब रायपुर में रहता था. इसके खिलाफ रेलवे पुलिस ने 20 साल पहले 2003 में रेलवे फाटक तोड़ने का अपराध दर्ज किया गया था.
क्या था पूरा मामला ?: रेलवे पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार ये पूरा मामला 2003 का है. बिहार निवासी उपेंद्र रायपुर में किराए का मकान पर रहकर ड्राइवरी का काम करता था. उपेंद्र कई साल पहले कोरबा के भैंसमा में बंद फाटक को तेज गति से ट्रक चलाते हुए तोड़ दिया था.जिसके कारण एक बड़ा रेल हादसा होने से टल गया था.इस घटना के बाद आरोपी ट्रक मौके पर छोड़कर फरार हो गया था.
आरपीएफ ने दर्ज किया था मामला : कोरबा में आरपीएफ ने मामला दर्ज कर आरोपी की तलाश शुरु की थी.ट्रक मालिक से ड्राइवर की जानकारी लेने के बाद उपेंद्र की तलाश शुरु की गई थी.लेकिन पुलिस हर बार उपेंद्र को पकड़ने में नाकाम रही.आरपीएफ उसे पकड़ने के लिए कई बार रायपुर के किराये के मकान तक आई,लेकिन उपेंद्र के मूल निवास का पता नहीं चल पा रहा था.तभी कोरबा में आरपीएफ को मुखबिर से सूचना मिली कि उपेंद्र किसी काम से रायपुर आया है. जो बिहार में कहीं दूसरे जगह पर नाम बदलकर रहता है.
''बिलासपुर से पूछताछ करने आरोपी को बिहार में छिपे होने की सूचना मिली थी. आरोपी कई साल से नाम बदलकर बिहार में छिपा था. जिसे गिरफ्तार करने के बाद आरोपी को न्यायालय में पेश किया गया है.'' एसके शर्मा, उप निरीक्षक रेल
नाम बदलकर बिहार में छिपा : कोरबा रेलवे आरपीएफ को आरोपी के नाम बदलकर बिहार में छिपे होने की जानकारी मिली.इसके बाद आरपीएफ ने टीम बनाकर बिहार के लिए रवाना किया. जिसके बाद कोरबा रेलवे पुलिस की टीम आरोपी को ढूंढने में सफल रही. बिहार से आरोपी को गिरफ्तार करके रेलवे पुलिस कोरबा लेकर आई.जहां से उसे न्यायिक रिमांड पर भेजा गया.