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हिमाचल के इस जिले में 80 करोड़ रुपये की लागत से बनेगा रोपवे, पर्यटन गतिविधियों को मिलेगा बढ़ावा - KULLU ROPEWAY

हिमाचल प्रदेश में 80 करोड़ रुपये की लागत से एक और रोपवे का निर्माण होगा. इसके निर्माण के लिए मंजूरी दे दी गई है.

कुल्लू से पीज तक बनेगा रोपवे
कुल्लू से पीज तक बनेगा रोपवे (कॉन्सेप्ट इमेज)
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Feb 24, 2025, 7:33 PM IST

शिमला: हिमाचल सरकार प्रदेश में विश्व स्तरीय पर्यटन अधोसंरचना को विकसित कर रही है. जिला कुल्लू में पर्यटन गतिविधियों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से पहल करते हुए सरकार ने कुल्लू बस अड्डे से पीज पैराग्लाइडिंग पॉइंट तक 80 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से एरियल रोपवे के निर्माण को मंजूरी प्रदान की है.

प्रदेश सरकार के एक प्रवक्ता ने बताया कि, 'कुल्लू जिला का पीज गांव सड़क मार्ग से करीब 12 किलोमीटर दूरी पर स्थित है. यहां 1.20 किलोमीटर लंबे रोपवे के निर्मित होने से पर्यटकों और लोगों के लिए सुरक्षित और सुविधाजनक परिवहन का विकल्प उपलब्ध होगा. पीज गांव रमणीय और अद्वितीय सौन्दर्य से परिपूर्ण लग घाटी का प्रवेश द्वार है. इस पहल से पर्यटन गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा, जिससे स्थानीय लोगों की आर्थिकी सुदृढ़ होगी और साहसिक गतिविधियों में रूचि रखने वालों के लिए नए अवसर सृजित होंगे. रोपवे परियोजना बनने के उपरांत स्थानीय लोग और पर्यटक आसानी से पीज पैराग्लाइडिंग पॉइंट तक पहुंच सकेंगे. अनुभवी पैराग्लाइडर के लिए यह एक आदर्श स्थान बन जाएगा. ये परियोजना साहसिक, धार्मिक और जल आधारित पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए प्रदेश सरकार के व्यापक प्रयासों की ओर एक और महत्त्वपूर्ण कदम है.'

इको-टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए भी चल रहा काम

सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि राज्य की अर्थव्यवस्था में पर्यटन क्षेत्र महत्त्वपूर्ण स्थान रखता है. राज्य सरकार प्रदेश में इको-टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए प्रमुखता से काम कर रही है. इसका उद्देश्य पर्यटकों को प्राकृतिक और अनछूंए गंतव्य स्थलों का अनुभव प्रदान करना है, इसके साथ प्रदेश सरकार प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण भी सुनिश्चित कर रही है. सरकार इस क्षेत्र के हर संभव विकास और संसाधनों के उचित दोहन के लिए काम कर रही है. सरकार के ठोस कदमों के फलस्वरूप राज्य में पर्यटकों की आमद में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है, जिससे प्रदेश की अर्थव्यवस्था को संबल मिल रहा है. राज्य में अलौकिक सौन्दर्य, नदियां, झीलें और पर्वतारोहन जैसे अनुभव लेने के लिए हर वर्ष करीब 2 करोड़ सैलानी प्रदेश में आते हैं, जिससे हिमाचल प्रदेश में पर्यटन क्षेेत्र पहले से अधिक गुलजार हो रहा है.

ये भी पढ़ें: ABVP के बीच हुआ टकराव, विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ता सीएम सुक्खू का जलाने जा रहे थे पुतला

शिमला: हिमाचल सरकार प्रदेश में विश्व स्तरीय पर्यटन अधोसंरचना को विकसित कर रही है. जिला कुल्लू में पर्यटन गतिविधियों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से पहल करते हुए सरकार ने कुल्लू बस अड्डे से पीज पैराग्लाइडिंग पॉइंट तक 80 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से एरियल रोपवे के निर्माण को मंजूरी प्रदान की है.

प्रदेश सरकार के एक प्रवक्ता ने बताया कि, 'कुल्लू जिला का पीज गांव सड़क मार्ग से करीब 12 किलोमीटर दूरी पर स्थित है. यहां 1.20 किलोमीटर लंबे रोपवे के निर्मित होने से पर्यटकों और लोगों के लिए सुरक्षित और सुविधाजनक परिवहन का विकल्प उपलब्ध होगा. पीज गांव रमणीय और अद्वितीय सौन्दर्य से परिपूर्ण लग घाटी का प्रवेश द्वार है. इस पहल से पर्यटन गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा, जिससे स्थानीय लोगों की आर्थिकी सुदृढ़ होगी और साहसिक गतिविधियों में रूचि रखने वालों के लिए नए अवसर सृजित होंगे. रोपवे परियोजना बनने के उपरांत स्थानीय लोग और पर्यटक आसानी से पीज पैराग्लाइडिंग पॉइंट तक पहुंच सकेंगे. अनुभवी पैराग्लाइडर के लिए यह एक आदर्श स्थान बन जाएगा. ये परियोजना साहसिक, धार्मिक और जल आधारित पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए प्रदेश सरकार के व्यापक प्रयासों की ओर एक और महत्त्वपूर्ण कदम है.'

इको-टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए भी चल रहा काम

सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि राज्य की अर्थव्यवस्था में पर्यटन क्षेत्र महत्त्वपूर्ण स्थान रखता है. राज्य सरकार प्रदेश में इको-टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए प्रमुखता से काम कर रही है. इसका उद्देश्य पर्यटकों को प्राकृतिक और अनछूंए गंतव्य स्थलों का अनुभव प्रदान करना है, इसके साथ प्रदेश सरकार प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण भी सुनिश्चित कर रही है. सरकार इस क्षेत्र के हर संभव विकास और संसाधनों के उचित दोहन के लिए काम कर रही है. सरकार के ठोस कदमों के फलस्वरूप राज्य में पर्यटकों की आमद में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है, जिससे प्रदेश की अर्थव्यवस्था को संबल मिल रहा है. राज्य में अलौकिक सौन्दर्य, नदियां, झीलें और पर्वतारोहन जैसे अनुभव लेने के लिए हर वर्ष करीब 2 करोड़ सैलानी प्रदेश में आते हैं, जिससे हिमाचल प्रदेश में पर्यटन क्षेेत्र पहले से अधिक गुलजार हो रहा है.

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