ETV Bharat / state

संवेदनहीनता की हद! रोहतास में अस्पताल के बाहर पेड़ के नीचे हुई डिलीवरी, लापरवाही के कारण नवजात की मौत - Delivery Outside Hospital

Delivery Outside Hospital:रोहतास जिले में स्वास्थ्य सेवाओं की सच्चाई उस समय सामने आ गयी जब एक महिला ने इलाज के अभाव में अस्पताल के बाहर बच्चे को जन्म दिया और लापरवाही के कारण नवजात की मौत भी हो गयी. इतना ही नहीं शव ले जाने के लिए अस्पताल ने एंबुलेंस भी नहीं उपलब्ध कराई जिसके बाद दुःखी पिता अपने बेटे को शव को ठेले पर लेकर अपने घर गया, पढ़िये पूरी खबर

अस्पताल के बाहर डिलीवरी, नवजात की मौत
अस्पताल के बाहर डिलीवरी, नवजात की मौत
author img

By ETV Bharat Bihar Team

Published : Apr 9, 2024, 1:53 PM IST

अस्पताल के बाहर डिलीवरी, नवजात की मौत

रोहतासः बिहार के सरकारी अस्पतालों में अच्छे इलाज और अच्छी व्यवस्था के दावों की पोल करगहर के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में खुल गयी. यहां अस्पताल प्रशासन ने संवेदनहीनता की हद पार करते हुए डिलीवरी के लिए आई महिला को सदर अस्पताल रेफर कर दिया और अस्पताल से बाहर निकाल दिया. जिसके बाद अस्पताल के बाहर ही डिलीवरी हो गयी. सबसे दुखद बात कि इलाज के अभाव में नवजात की मौत भी हो गयी.

महिला का हीमोग्लोबीन कम थाः बताया जाता है कि सिरसिया गांव का बबुआ मुसहर अपनी पत्नी की डिलीवरी के लिए उसे लेकर करगहर के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र आया था. अस्पताल में जांच के बाद पता चला कि महिला का हीमोग्लोबीन काफी कम है. जिसके बाद डॉक्टरों ने उसे सासाराम सदर अस्पताल रेफर कर दिया और अस्पताल से बाहर निकाल दिया.

अस्पताल के बाहर हुई डिलीवरीः महिला के पति का आरोप है कि "वो अपनी पत्नी को सदर अस्पताल ले जाने के लिए पैसों का इंतजाम करने गया था तभी अस्पताल वालों ने उसे बाहर निकाल दिया. जिसके कारण अस्पताल के बाहर ही एक पेड़ के नीचे महिला ने एक बच्चे को जन्म दिया. लेकिन इलाज नहीं मिलने के कारण नवजात की मौत हो गयी."

ठेले पर घर लेकर गया नवजात का शवः अस्पताल की संवेदनहीनता और लापरवाही के कारण नवजात की मौत होने के बाद भी अस्पताल प्रशासन का संवेदनहीन रवैया जारी रहा. अस्पताल प्रशासन ने प्रसूता ओर नवजात के शव को ले जाने के लिए एंबुलेंस तक उपलब्ध नहीं कराई. जिसके बाद बबुआ मुसहर ने ठेले का इंतजाम किया और अपनी पत्नी के साथ-साथ नवजात का शव लेकर अपने घर गया.

बहाने बना रहा है अस्पताल प्रशासनः इस मामले को लेकर अस्पताल प्रशासन बहाने बना रहा है. सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के चिकित्सा प्रभारी का कहना है कि "हीमोग्लीबीन की कमी के कारण उसे सदर अस्पताल रेफर किया गया था."उन्होंने अस्पताल से बाहर निकालने के आरोपों को खारिज कर दिया. साथ ही कहा कि "अगर पीड़ित ने एंबुलेंस की मांग की होती तो जरूर उसे उपलब्ध कराई जाती."

कब सुधरेंगी स्वास्थ्य सेवाएं ?: रोहतास के करगहर की ये घटना बताती है कि राज्य में स्वास्थ्य सेवाओं की क्या स्थिति है और स्वास्थ्य सेवाओं से जुड़े लोगों की मानसिकता किस तरह की है. सरकार की ओर से अस्पतालो में इलाज के लिए सुविधाओं और मुफ्त दवाओं का दावा किया जाता है. लेकिन यहां तो अस्पताल की लापरवाही ने ही एक नवजात की जान ले ली और फिर एंबुलेंस तक नहीं उपलब्ध कराई गयी.

ये भी पढ़ेंःआरा सदर अस्पताल में लापरवाही: परिसर में दर्द से चीखती रही प्रसूता, खुले में ही जना बच्चा
ये भी पढ़ेंःगोपालगंज में नर्स के भरोसे प्रसूता की जिंदगानी, 12 घंटे बाद इलाज करने पहुंचे डॉक्टर

अस्पताल के बाहर डिलीवरी, नवजात की मौत

रोहतासः बिहार के सरकारी अस्पतालों में अच्छे इलाज और अच्छी व्यवस्था के दावों की पोल करगहर के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में खुल गयी. यहां अस्पताल प्रशासन ने संवेदनहीनता की हद पार करते हुए डिलीवरी के लिए आई महिला को सदर अस्पताल रेफर कर दिया और अस्पताल से बाहर निकाल दिया. जिसके बाद अस्पताल के बाहर ही डिलीवरी हो गयी. सबसे दुखद बात कि इलाज के अभाव में नवजात की मौत भी हो गयी.

महिला का हीमोग्लोबीन कम थाः बताया जाता है कि सिरसिया गांव का बबुआ मुसहर अपनी पत्नी की डिलीवरी के लिए उसे लेकर करगहर के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र आया था. अस्पताल में जांच के बाद पता चला कि महिला का हीमोग्लोबीन काफी कम है. जिसके बाद डॉक्टरों ने उसे सासाराम सदर अस्पताल रेफर कर दिया और अस्पताल से बाहर निकाल दिया.

अस्पताल के बाहर हुई डिलीवरीः महिला के पति का आरोप है कि "वो अपनी पत्नी को सदर अस्पताल ले जाने के लिए पैसों का इंतजाम करने गया था तभी अस्पताल वालों ने उसे बाहर निकाल दिया. जिसके कारण अस्पताल के बाहर ही एक पेड़ के नीचे महिला ने एक बच्चे को जन्म दिया. लेकिन इलाज नहीं मिलने के कारण नवजात की मौत हो गयी."

ठेले पर घर लेकर गया नवजात का शवः अस्पताल की संवेदनहीनता और लापरवाही के कारण नवजात की मौत होने के बाद भी अस्पताल प्रशासन का संवेदनहीन रवैया जारी रहा. अस्पताल प्रशासन ने प्रसूता ओर नवजात के शव को ले जाने के लिए एंबुलेंस तक उपलब्ध नहीं कराई. जिसके बाद बबुआ मुसहर ने ठेले का इंतजाम किया और अपनी पत्नी के साथ-साथ नवजात का शव लेकर अपने घर गया.

बहाने बना रहा है अस्पताल प्रशासनः इस मामले को लेकर अस्पताल प्रशासन बहाने बना रहा है. सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के चिकित्सा प्रभारी का कहना है कि "हीमोग्लीबीन की कमी के कारण उसे सदर अस्पताल रेफर किया गया था."उन्होंने अस्पताल से बाहर निकालने के आरोपों को खारिज कर दिया. साथ ही कहा कि "अगर पीड़ित ने एंबुलेंस की मांग की होती तो जरूर उसे उपलब्ध कराई जाती."

कब सुधरेंगी स्वास्थ्य सेवाएं ?: रोहतास के करगहर की ये घटना बताती है कि राज्य में स्वास्थ्य सेवाओं की क्या स्थिति है और स्वास्थ्य सेवाओं से जुड़े लोगों की मानसिकता किस तरह की है. सरकार की ओर से अस्पतालो में इलाज के लिए सुविधाओं और मुफ्त दवाओं का दावा किया जाता है. लेकिन यहां तो अस्पताल की लापरवाही ने ही एक नवजात की जान ले ली और फिर एंबुलेंस तक नहीं उपलब्ध कराई गयी.

ये भी पढ़ेंःआरा सदर अस्पताल में लापरवाही: परिसर में दर्द से चीखती रही प्रसूता, खुले में ही जना बच्चा
ये भी पढ़ेंःगोपालगंज में नर्स के भरोसे प्रसूता की जिंदगानी, 12 घंटे बाद इलाज करने पहुंचे डॉक्टर

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.