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प्रवर्तन टीम की सुस्ती का फायदा उठा रहे डग्गामार एजेंट, यात्रियों की जेब पर डाल रहे डाका, खुलेआम लग रहा रोडवेज को चूना - arbitrariness of Dagmar agent

परिवहन विभाग की प्रवर्तन टीम सुस्त, यात्रियों की जेब पर डाका डाल रहे डग्गामार एजेंट

ARBITRARINESS OF DAGMAR AGENT
ARBITRARINESS OF DAGMAR AGENT
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Mar 30, 2024, 10:53 PM IST

लखनऊ: उत्तर प्रदेश की राजधानी में ही सरकार के नाक के नीचे परिवहन विभाग के अधिकारी सुस्त और बेपरवाह बने हुए हैं. राजधानी की सड़कों पर ही जमकर डग्गेमारी हो रही है. यात्रियों की जेब पर डाका डाला जा रहा है. लेकिन आरटीओ की प्रवर्तन टीम की अब तक नींद नहीं टूटी है. इसका नतीजा यह है कि डग्गामार संचालक आपराधिक घटनाओं को भी अंजाम देने से गुरेज नहीं कर रहे हैं. पहले तो वह रोडवेज कर्मचारियों को निशाना बना रहे थे लेकिन अब यात्रियों के साथ भी आपराधिक घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं. डग्गामार संचालक एजेंसी बनाकर न सिर्फ बस स्टेशन पर सवारियां भर रहे हैं, बल्कि आरटीओ की प्रवर्तन की टीम को खुली चुनौती भी दे रहे हैं. परिवहन विभाग की प्रवर्तन टीम को परिवहन निगम के अधिकारी पत्र लिखकर कार्रवाई करने का अनुरोध करते-करते थक गए हैं. लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही है.

डग्गामार एजेंट लगा रहे रोडवेज को चूना: आलमबाग के एआरएम जितेंद्र प्रसाद के मुताबिक, आलमबाग के ओमनगर निवासी उबैद्दुर की शिकायत मिली है. यात्री के मुताबिक आलमबाग बस स्टेशन के सामने बनी एजेंसियों के एजेंटों ने उनको प्राइवेट बस से कम किराये और जल्दी पहुंचाने का लालच दिया.उनकी बुकिंग की भी की गई. वहां पर पहुंचने पर बहुत मुश्किल से बस मिली. एआरएम ने पुलिस को शिकायतकर्ता का नंबर और पता देते हुए आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है.

arbitrariness of Dagmar agen
arbitrariness of Dagmar agen

डग्गामारों से आम जनता परेशान: परिवहन विभाग के अधिकारी कार्रवाई के नाम पर खानापूरी कर रहे हैं. आरटीओ कार्यालय से सिर्फ चार किलोमीटर की दूरी पर आलमबाग में डग्गामारी का सिंडिकेट कई सालों से चल रहा है. अधिकारियों की पूरी टीम इधर से कई चक्कर लगाती है, लेकिन उनको कुछ दिखता ही नहीं. इसका खामियाजा आम जनता भुगत रही है. साथ ही सरकार को हर रोज लाखों के राजस्व का नुकसान उठाना पड़ रहा है.


ये भी पढ़ें: यूपी मदरसा एक्ट असंवैधानिक घोषित करने के हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती

लखनऊ: उत्तर प्रदेश की राजधानी में ही सरकार के नाक के नीचे परिवहन विभाग के अधिकारी सुस्त और बेपरवाह बने हुए हैं. राजधानी की सड़कों पर ही जमकर डग्गेमारी हो रही है. यात्रियों की जेब पर डाका डाला जा रहा है. लेकिन आरटीओ की प्रवर्तन टीम की अब तक नींद नहीं टूटी है. इसका नतीजा यह है कि डग्गामार संचालक आपराधिक घटनाओं को भी अंजाम देने से गुरेज नहीं कर रहे हैं. पहले तो वह रोडवेज कर्मचारियों को निशाना बना रहे थे लेकिन अब यात्रियों के साथ भी आपराधिक घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं. डग्गामार संचालक एजेंसी बनाकर न सिर्फ बस स्टेशन पर सवारियां भर रहे हैं, बल्कि आरटीओ की प्रवर्तन की टीम को खुली चुनौती भी दे रहे हैं. परिवहन विभाग की प्रवर्तन टीम को परिवहन निगम के अधिकारी पत्र लिखकर कार्रवाई करने का अनुरोध करते-करते थक गए हैं. लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही है.

डग्गामार एजेंट लगा रहे रोडवेज को चूना: आलमबाग के एआरएम जितेंद्र प्रसाद के मुताबिक, आलमबाग के ओमनगर निवासी उबैद्दुर की शिकायत मिली है. यात्री के मुताबिक आलमबाग बस स्टेशन के सामने बनी एजेंसियों के एजेंटों ने उनको प्राइवेट बस से कम किराये और जल्दी पहुंचाने का लालच दिया.उनकी बुकिंग की भी की गई. वहां पर पहुंचने पर बहुत मुश्किल से बस मिली. एआरएम ने पुलिस को शिकायतकर्ता का नंबर और पता देते हुए आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है.

arbitrariness of Dagmar agen
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डग्गामारों से आम जनता परेशान: परिवहन विभाग के अधिकारी कार्रवाई के नाम पर खानापूरी कर रहे हैं. आरटीओ कार्यालय से सिर्फ चार किलोमीटर की दूरी पर आलमबाग में डग्गामारी का सिंडिकेट कई सालों से चल रहा है. अधिकारियों की पूरी टीम इधर से कई चक्कर लगाती है, लेकिन उनको कुछ दिखता ही नहीं. इसका खामियाजा आम जनता भुगत रही है. साथ ही सरकार को हर रोज लाखों के राजस्व का नुकसान उठाना पड़ रहा है.


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