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लखनऊ KGMU में भी रोबोट से होगी सर्जरी, 53 हजार रुपये होंगे खर्च - ROBOTIC SURGERY IN KGMU

डॉक्टरों को प्रशिक्षण देने में भी किया जाएगा रोबोट का इस्तेमाल.

लखनऊ KGMU
लखनऊ KGMU (Photo credit: ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : 13 hours ago

लखनऊ : प्रदेश सरकार रोबोटिक सर्जरी को लेकर काफी गंभीर है. इसे बढ़ावा देने के लिए एसजीपीजीआई और केजीएमयू जैसे बड़े संस्थान को प्रोत्साहित किया जा रहा है. एशिया के टॉप कॉलेजों में शामिल केजीएमयू में महज 53 हजार रुपये में रोबोटिक सर्जरी कराई जा सकेगी. संस्थान में इसकी प्राथमिक फीस को मंजूरी मिल गई है. यह सर्जरी के आकार और जटिलता के हिसाब से तय होगी.


केजीएमयू के प्रवक्ता प्रो. केके सिंह के मुताबिक, कम कीमत पर सुरक्षित और श्रेष्ठतम इलाज उपलब्ध कराने के लिए रोबोट लगाया जा रहा है. संस्थान में फिलहाल दो रोबोट लाने की बात चल रही है. पहले रोबोट से ऑपरेशन होंगे और दूसरे का इस्तेमाल बाकी डॉक्टरों को प्रशिक्षण देने में किया जाएगा.

ऐसे सर्जरी करता है रोबोट : उन्होंने बताया कि रोबोटिक सर्जरी में भी मुख्य भूमिका चिकित्सक की ही रहती है. बाकी सर्जरी की तरह इसे भी डॉक्टर ही करते हैं, लेकिन इसमें रोबोट का इस्तेमाल होता है. रोबोट का एक भाग मरीज और दूसरा डॉक्टर के पास रहता है. डॉक्टर उसके माध्यम से मरीज से कुछ दूरी पर बैठकर सर्जरी करते हैं. उन्होंने कहा कि आमतौर पर लोग इसे गलत तरीके से समझ लेते हैं. उन्हें लगता है कि एक रोबोट मशीन मरीज का ऑपरेशन करेगी, लेकिन ऐसा नहीं है. रोबोट को चलाने वाला एक एक्सपर्ट ही होता है, जो उसके बारे में एक-एक सारी चीज बारीकी से जानता है. रोबोट को निर्देश देने के लिए विशेषज्ञ सिस्टम से ऑपरेट करते हैं. सेटिंग के हिसाब से एक-एक स्टेप से रोबोट सर्जरी करता है.

उन्होंने बताया कि रोजाना करीब 10 से 15 हजार मरीज इलाज कराने के लिए किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी में आते हैं. प्रदेश भर से मरीजों का यहां पर आना होता है. ऐसे में एक एक्सपर्ट पर आप समझ सकते हैं कि कितना लोड होगा. छोटी सर्जरी जिसमें हर्निया, अपेंडिक्स व पथरी शामिल हैं. उन ऑपरेशन की कीमत 53 से 65 हजार के बीच में होगी. बहुत सारे गंभीर ऑपरेशन होते हैं. न्यूरोलॉजी, यूरोलॉजी व कार्डियोलॉजी विभाग में होने वाले सभी ऑपरेशन अधिक समय लेते हैं. इन विभाग में छोटे से छोटा ऑपरेशन भी गंभीर ऑपरेशन होता है. इनमें समय लगता है. साथ ही इसे बड़े ऑपरेशन का नाम दिया जाता है, इसलिए इनकी कीमत करीब 70 हजार से एक लाख रुपये के बीच में रखी गई है.

रोबोटिक सर्जरी के फायदे

स्पष्टता : रोबोट में मरीज के भीतरी अंगों की थ्रीडी इमेज बनती है. इससे डॉक्टर को ये अंग स्पष्ट दिखाई देते हैं. सामान्य आंखों से इन्हें देखना संभव नहीं होता है.

सटीकता : सामान्य सर्जरी में डॉक्टर चीरे की लंबाई और गहराई का अंदाजा लगाकर काम करते हैं, इससे जरूरत से बड़ा चीरा लगाना पड़ता है. रोबोट तय लंबाई और गहराई का ही चीरा लगाते हैं.

कम रक्तस्राव : सटीक चीरा लगने से खून कम बहता है और घाव भी जल्दी भरता है. मरीज को अस्तपाल से जल्द छुट्टी मिल जाती है.

बता दें कि राजधानी में एसजीपीजीआई के पास अपना रोबोट है. इसकी न्यूनतम फीस एक लाख रुपये के करीब है. पीजीआई में अब दूसरे रोबोट की खरीद प्रक्रिया चालू हुई है. उधर, केजीएमयू ने भी अपने यहां पीपीपी मॉडल पर शताब्दी फेज-1 भवन में रोबोट लगाने की प्रक्रिया शुरू की है.

यह भी पढ़ें : यूपी में अभी SGPGI में होता है बोन मैरो ट्रांसप्लांट, अगले साल से KGMU में भी होगा, पढ़िए डिटेल - SGPGI MEDICAL FACILITY

लखनऊ : प्रदेश सरकार रोबोटिक सर्जरी को लेकर काफी गंभीर है. इसे बढ़ावा देने के लिए एसजीपीजीआई और केजीएमयू जैसे बड़े संस्थान को प्रोत्साहित किया जा रहा है. एशिया के टॉप कॉलेजों में शामिल केजीएमयू में महज 53 हजार रुपये में रोबोटिक सर्जरी कराई जा सकेगी. संस्थान में इसकी प्राथमिक फीस को मंजूरी मिल गई है. यह सर्जरी के आकार और जटिलता के हिसाब से तय होगी.


केजीएमयू के प्रवक्ता प्रो. केके सिंह के मुताबिक, कम कीमत पर सुरक्षित और श्रेष्ठतम इलाज उपलब्ध कराने के लिए रोबोट लगाया जा रहा है. संस्थान में फिलहाल दो रोबोट लाने की बात चल रही है. पहले रोबोट से ऑपरेशन होंगे और दूसरे का इस्तेमाल बाकी डॉक्टरों को प्रशिक्षण देने में किया जाएगा.

ऐसे सर्जरी करता है रोबोट : उन्होंने बताया कि रोबोटिक सर्जरी में भी मुख्य भूमिका चिकित्सक की ही रहती है. बाकी सर्जरी की तरह इसे भी डॉक्टर ही करते हैं, लेकिन इसमें रोबोट का इस्तेमाल होता है. रोबोट का एक भाग मरीज और दूसरा डॉक्टर के पास रहता है. डॉक्टर उसके माध्यम से मरीज से कुछ दूरी पर बैठकर सर्जरी करते हैं. उन्होंने कहा कि आमतौर पर लोग इसे गलत तरीके से समझ लेते हैं. उन्हें लगता है कि एक रोबोट मशीन मरीज का ऑपरेशन करेगी, लेकिन ऐसा नहीं है. रोबोट को चलाने वाला एक एक्सपर्ट ही होता है, जो उसके बारे में एक-एक सारी चीज बारीकी से जानता है. रोबोट को निर्देश देने के लिए विशेषज्ञ सिस्टम से ऑपरेट करते हैं. सेटिंग के हिसाब से एक-एक स्टेप से रोबोट सर्जरी करता है.

उन्होंने बताया कि रोजाना करीब 10 से 15 हजार मरीज इलाज कराने के लिए किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी में आते हैं. प्रदेश भर से मरीजों का यहां पर आना होता है. ऐसे में एक एक्सपर्ट पर आप समझ सकते हैं कि कितना लोड होगा. छोटी सर्जरी जिसमें हर्निया, अपेंडिक्स व पथरी शामिल हैं. उन ऑपरेशन की कीमत 53 से 65 हजार के बीच में होगी. बहुत सारे गंभीर ऑपरेशन होते हैं. न्यूरोलॉजी, यूरोलॉजी व कार्डियोलॉजी विभाग में होने वाले सभी ऑपरेशन अधिक समय लेते हैं. इन विभाग में छोटे से छोटा ऑपरेशन भी गंभीर ऑपरेशन होता है. इनमें समय लगता है. साथ ही इसे बड़े ऑपरेशन का नाम दिया जाता है, इसलिए इनकी कीमत करीब 70 हजार से एक लाख रुपये के बीच में रखी गई है.

रोबोटिक सर्जरी के फायदे

स्पष्टता : रोबोट में मरीज के भीतरी अंगों की थ्रीडी इमेज बनती है. इससे डॉक्टर को ये अंग स्पष्ट दिखाई देते हैं. सामान्य आंखों से इन्हें देखना संभव नहीं होता है.

सटीकता : सामान्य सर्जरी में डॉक्टर चीरे की लंबाई और गहराई का अंदाजा लगाकर काम करते हैं, इससे जरूरत से बड़ा चीरा लगाना पड़ता है. रोबोट तय लंबाई और गहराई का ही चीरा लगाते हैं.

कम रक्तस्राव : सटीक चीरा लगने से खून कम बहता है और घाव भी जल्दी भरता है. मरीज को अस्तपाल से जल्द छुट्टी मिल जाती है.

बता दें कि राजधानी में एसजीपीजीआई के पास अपना रोबोट है. इसकी न्यूनतम फीस एक लाख रुपये के करीब है. पीजीआई में अब दूसरे रोबोट की खरीद प्रक्रिया चालू हुई है. उधर, केजीएमयू ने भी अपने यहां पीपीपी मॉडल पर शताब्दी फेज-1 भवन में रोबोट लगाने की प्रक्रिया शुरू की है.

यह भी पढ़ें : यूपी में अभी SGPGI में होता है बोन मैरो ट्रांसप्लांट, अगले साल से KGMU में भी होगा, पढ़िए डिटेल - SGPGI MEDICAL FACILITY

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