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राजस्थान में कई रूटों पर रोडवेज सेवा ठप, प्रदेश में 1470 बस सारथी उतरे हड़ताल पर... यात्री परेशान - Conductors On Strike - CONDUCTORS ON STRIKE

Conductors On Strike, रोडवेज के 1470 अस्थायी कंडक्टरों ने आज प्रदेशव्यापी हड़ताल बुलाई है. इसका असर सड़कों पर देखने को मिल रहा है. कई जगहों पर रोडवेज की बस सेवा ठप हो गई है, जिसका खामियाजा यात्रियों को भुगतना पड़ रहा है. राजधानी जयपुर, जोधपुर, कोटा, बीकानेर, अजमेर, भरतपुर सहित सभी संभागीय मुख्यालयों पर इसका असर देखने को मिल रहा है.

Conductors On Strike
कई रूटों पर रोडवेज सेवा ठप (ETV BHARAT KOTA)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Sep 25, 2024, 11:47 AM IST

Updated : Sep 25, 2024, 1:53 PM IST

कई रूटों पर रोडवेज सेवा ठप (ETV BHARAT KOTA)

कोटा : राजस्थान राज्य पथ परिवहन निगम (रोडवेज) में बस सारथी के पद पर लगे करीब 1470 अस्थायी कंडक्टरों ने आज प्रदेशव्यापी हड़ताल कर दी है. इसके चलते प्रदेश में कई जगहों पर रोडवेज की बस सेवा ठप हो गई है, जिसका खामियाजा यात्री भुगत रहे हैं. रोडवेज बस स्टैंड पर ये यात्री पहुंचे रहे हैं, लेकिन उन्हें बस सेवा का फायदा नहीं मिल पा रहा है. ऐसा जयपुर, जोधपुर, कोटा, बीकानेर, अजमेर, भरतपुर सहित सभी संभागीय मुख्यालयों के साथ-साथ जिलों में भी हो रहा है.

हाड़ौती के चारों जिले कोटा, बारां, बूंदी व झालावाड़ में भी करीब 185 के आसपास बस सारथी हड़ताल पर हैं. रोडवेज प्रबंधक आनन-फानन में अपने परमानेंट परिचालकों को बुलाकर उन्हें बसों को तय रूट पर रवाना करवाने में जुटा है. रोडवेज के कोटा डिपो के चीफ मैनेजर अजय कुमार मीणा का कहना है कि बस सारथी की डिमांड यूपी पैटर्न पर भर्ती करने की है. साथ ही उनके टारगेट में फ्री या रियायत पर बस यात्रा करने वाले लोगों का भुगतान भी जोड़ा जाए. इन लोगों से समझाइश की जा रही है, ताकि जल्द ही बसों का सुचारू संचालन किया जा सके. दूसरी तरफ बसों को रोक कर यह लोग नारेबाजी भी कर रहे हैं.

इसे भी पढ़ें - जयपुर: 6 महीने तक का टैक्स माफ नहीं करने पर बस ऑपरेटर्स में आक्रोश, RTO कार्यालय के बाहर खड़ी करेंगे बसें

हमारे खिलाफ हो रही FIR : बस सारथी हबीबुल्लाह काजी का कहना है कि हमने 1 महीने के लिए बस को कॉन्टैक्ट पर ले लेते हैं. इसके बावजूद अधिकारी जांच करते हैं. हमारे खिलाफ एफआईआर दर्ज करवा देते हैं. यह पूरी तरह से गलत है. हमारे पूरे राजस्थान में करीब 1470 बस सारथी लगे हुए हैं. इसके अलावा कोटा में 65 और कोटा संभाग में 185 बस सारथी हैं. यह चारों जिले कोटा, बारां, बूंदी व झालावाड़ में है. उन्हें 13000 मानदेय तय किया हुआ है. हर माह कॉन्टैक्ट पर रोडवेज बस सारथी को 35 से 45 रुपए प्रति किलोमीटर के अनुसार बस को कांटेक्ट पर देती है. इसके अनुसार ही उनसे रोज पैसा ले लिया जाता है, अगर इतना यात्री भार नहीं मिलता है तो वह पैसा उनकी जेब से देना पड़ता है, रोडवेज पूरी वसूली करता है.

रोडवेज का दावा ज्यादा नहीं पड़ा फर्क : चीफ मैनेजर मीणा का कहना है लंबे रूट की बसों को उन्होंने निकाल दिया है,जबकि कुछ छोटे रूट की बसे हैं, जहां पर यात्री भार कम रहता है. उन्हें अभी कटौती की है. छुट्टी पर गए, बुकिंग पर बैठे, और ड्यूटी ऑफ कर गए परिचालकों को बुलाकर बसों को रवाना कर रहे हैं. बुकिंग की व्यवस्था को कॉन्ट्रैक्ट वाले एजेंट भी संभाल सकते हैं, इसीलिए बुकिंग भी फिलहाल नयापुरा और संजय नगर बस स्टैंड दोनों में बंद कर दी गई है. ऐसा ही बारां, बूंदी व झालावाड़ सहित अन्य जिलों में भी किया गया है.

जानें क्या है मांग

  • महिला, परीक्षार्थी, दिव्यांग, वरिष्ठ नागरिक, पुलिस कार्मिक के किराए का पैसा उन्हें नहीं मिलता है. यह भी उनके किराए में शामिल किया जाए.
  • यूपी पैटर्न पर 2.5 प्रति किलोमीटर किराया हमें दिया जाए.
  • कॉन्ट्रैक्ट के तहत 13000 रुपए मिलते हैं, लेकिन 12400 ही दे रहे है, 600 काटे जा रहे हैं. इसके संबंध में स्पष्टीकरण.
  • बस को पूरी तरह से कांटेक्ट पर लेने के बावजूद अधिकारी बसों को रोक कर जांच करते हैं और कमी मिलने पर मुकदमे दर्ज कर देते हैं.
  • मानदेय 350 रुपए रोज है, लेकिन छुट्टी करने या नहीं आने पर 600 रुपए काटे जाते हैं.

कई रूटों पर रोडवेज सेवा ठप (ETV BHARAT KOTA)

कोटा : राजस्थान राज्य पथ परिवहन निगम (रोडवेज) में बस सारथी के पद पर लगे करीब 1470 अस्थायी कंडक्टरों ने आज प्रदेशव्यापी हड़ताल कर दी है. इसके चलते प्रदेश में कई जगहों पर रोडवेज की बस सेवा ठप हो गई है, जिसका खामियाजा यात्री भुगत रहे हैं. रोडवेज बस स्टैंड पर ये यात्री पहुंचे रहे हैं, लेकिन उन्हें बस सेवा का फायदा नहीं मिल पा रहा है. ऐसा जयपुर, जोधपुर, कोटा, बीकानेर, अजमेर, भरतपुर सहित सभी संभागीय मुख्यालयों के साथ-साथ जिलों में भी हो रहा है.

हाड़ौती के चारों जिले कोटा, बारां, बूंदी व झालावाड़ में भी करीब 185 के आसपास बस सारथी हड़ताल पर हैं. रोडवेज प्रबंधक आनन-फानन में अपने परमानेंट परिचालकों को बुलाकर उन्हें बसों को तय रूट पर रवाना करवाने में जुटा है. रोडवेज के कोटा डिपो के चीफ मैनेजर अजय कुमार मीणा का कहना है कि बस सारथी की डिमांड यूपी पैटर्न पर भर्ती करने की है. साथ ही उनके टारगेट में फ्री या रियायत पर बस यात्रा करने वाले लोगों का भुगतान भी जोड़ा जाए. इन लोगों से समझाइश की जा रही है, ताकि जल्द ही बसों का सुचारू संचालन किया जा सके. दूसरी तरफ बसों को रोक कर यह लोग नारेबाजी भी कर रहे हैं.

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हमारे खिलाफ हो रही FIR : बस सारथी हबीबुल्लाह काजी का कहना है कि हमने 1 महीने के लिए बस को कॉन्टैक्ट पर ले लेते हैं. इसके बावजूद अधिकारी जांच करते हैं. हमारे खिलाफ एफआईआर दर्ज करवा देते हैं. यह पूरी तरह से गलत है. हमारे पूरे राजस्थान में करीब 1470 बस सारथी लगे हुए हैं. इसके अलावा कोटा में 65 और कोटा संभाग में 185 बस सारथी हैं. यह चारों जिले कोटा, बारां, बूंदी व झालावाड़ में है. उन्हें 13000 मानदेय तय किया हुआ है. हर माह कॉन्टैक्ट पर रोडवेज बस सारथी को 35 से 45 रुपए प्रति किलोमीटर के अनुसार बस को कांटेक्ट पर देती है. इसके अनुसार ही उनसे रोज पैसा ले लिया जाता है, अगर इतना यात्री भार नहीं मिलता है तो वह पैसा उनकी जेब से देना पड़ता है, रोडवेज पूरी वसूली करता है.

रोडवेज का दावा ज्यादा नहीं पड़ा फर्क : चीफ मैनेजर मीणा का कहना है लंबे रूट की बसों को उन्होंने निकाल दिया है,जबकि कुछ छोटे रूट की बसे हैं, जहां पर यात्री भार कम रहता है. उन्हें अभी कटौती की है. छुट्टी पर गए, बुकिंग पर बैठे, और ड्यूटी ऑफ कर गए परिचालकों को बुलाकर बसों को रवाना कर रहे हैं. बुकिंग की व्यवस्था को कॉन्ट्रैक्ट वाले एजेंट भी संभाल सकते हैं, इसीलिए बुकिंग भी फिलहाल नयापुरा और संजय नगर बस स्टैंड दोनों में बंद कर दी गई है. ऐसा ही बारां, बूंदी व झालावाड़ सहित अन्य जिलों में भी किया गया है.

जानें क्या है मांग

  • महिला, परीक्षार्थी, दिव्यांग, वरिष्ठ नागरिक, पुलिस कार्मिक के किराए का पैसा उन्हें नहीं मिलता है. यह भी उनके किराए में शामिल किया जाए.
  • यूपी पैटर्न पर 2.5 प्रति किलोमीटर किराया हमें दिया जाए.
  • कॉन्ट्रैक्ट के तहत 13000 रुपए मिलते हैं, लेकिन 12400 ही दे रहे है, 600 काटे जा रहे हैं. इसके संबंध में स्पष्टीकरण.
  • बस को पूरी तरह से कांटेक्ट पर लेने के बावजूद अधिकारी बसों को रोक कर जांच करते हैं और कमी मिलने पर मुकदमे दर्ज कर देते हैं.
  • मानदेय 350 रुपए रोज है, लेकिन छुट्टी करने या नहीं आने पर 600 रुपए काटे जाते हैं.
Last Updated : Sep 25, 2024, 1:53 PM IST
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