अयोध्या: अधिकारियों के द्वारा जिस विकास के लंबे दावे किए जा रहे थे, उसका सारा सच सामने आ गया. स्मार्ट नगरी बन रही अयोध्या मानसून की पहली बरसात भी नहीं झेल पायी. पहली बरसात ने ही सड़को की पोल खोल दी. जब सड़के धसने लगी और मोहल्ले में जल भराव होने लगा तो लोगों का उनका घर से निकलना मुश्किल हो गया. सहादतगंज से लेकर नया घाट तक 20 से अधिक स्थानों पर सड़के धंस गई. जिसको लेकर अब लोग सवाल भी उठाने लगे हैं. लोगों का कहना है, कि दूर दराज से आने वाले भक्तों के लिए क्या बारिश में अयोध्या तैयार है?
तो वहीं, दूसरी तरफ अयोध्या नगर निगम हनुमान कुंड वार्ड बेहद खास माना जाता है. यह क्षेत्र राम मंदिर से जुड़ा होने के साथ ही मॉडल रेलवे स्टेशन भी है. जहां पर श्रद्धालुओं की सबसे अधिक भीड़ होती है. तो वही इस क्षेत्र में बड़ी संख्या में धर्मशालाएं भी हैं. जहां आए दिन हजारों की संख्या में श्रद्धालु आकर रुकते हैं. लेकिन बीती रात पहली बरसात में राम मंदिर के मुख्य द्वार और रेलवे स्टेशन के बीच स्थित जलवानपुरा कॉलोनी जलमग्न हो गयी. इस कॉलोनी में रहने वाले लोगों के घरों में पानी भरा हुआ है.
स्थानीय निवासी चंद्रप्रकाश श्रीवास्तव का आरोप है, कि यहां के जनप्रतिनिधि हो या अधिकारी कोई भी इस स्थिती को देखने तक नहीं पहुंचता है. इस समस्या को लेकर कई बार पत्रों के माध्यम से भी अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों को सूचना दी गई है. लेकिन, अब तक कोई समाधान नहीं मिला है.
वही, चंडीगढ़ से आई महिला श्रद्धालु ने अयोध्या के विकास में इस क्षेत्र को देखने के बाद विकास के कार्यों पर आपत्ति जाताई हैं. उनका कहना है, कि यह कैसा विकास है? जब यहां के लोग ही पानी में रह रहे हैं. पहले यहां के लोगों की जो समस्या है, उसे दूर किया जाना चाहिए.