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आरक्षण कोटा को किया रद्द करने पर दरभंगा में राजद ने निकाला प्रतिरोध मार्च, सुप्रीम कोर्ट जाने की दी चेतावनी - Protest In Darbhanga

Protest In Darbhanga: पटना हाई कोर्ट ने आरक्षण सीमा को बढ़ाने वाले फैसले को रद्द कर दिया है. इस फैसले से नाराज राजद कार्यकर्ताओं ने दरभंगा में प्रतिरोध मार्च निकाला. यह मार्च युवा राजद के जिलाध्यक्ष के नेतृत्व में शहर के विभिन्न चौक होते हुए लहेरियासराय टावर पहुंचा. जहां राजद नेता अब्दुल मल्लिक ने कहा कि यह निर्णय वंचित समुदाय के प्रति घोर अन्याय है.

RJD workers protest march in Darbhanga
आरक्षण कोटा को किया रद्द करने पर दरभंगा में राजद ने निकाला प्रतिरोध मार्च (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Jun 21, 2024, 8:42 PM IST

दरभंगा: पटना उच्च न्यायालय ने आरक्षण की सीमा को 65 प्रतिशत करने के निर्णय को रद्द कर दिया है. इसको लेकर बिहार में सियासत तेज हो गई है. इंडी गठबंधन के साथी राजद ने कोर्ट के निर्णय को वंचित समुदाय के प्रति घोर अन्याय बताते हुए प्रतिरोध मार्च निकाला. यह मार्च युवा राजद के जिलाध्यक्ष के नेतृत्व में दरभंगा समाहरणालय स्थित धरना स्थल से निकाला गया. प्रतिरोध मार्च शहर के विभिन्न चौक होते हुए लहेरियासराय टावर पहुंचा. इस दौरान युवा नेताओं ने राज्य सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की.

'वंचित समुदाय के प्रति घोर अन्याय': वहीं, युवा राजद नेता अब्दुल मल्लिक ने कहा कि बिहार में महागठबंधन सरकार द्वारा दलित-वंचित समुदाय के आरक्षण की सीमा को 65 प्रतिशत करने के निर्णय को पटना उच्च न्यायालय द्वारा रद्द कर दिया गया है. यह निर्णय वंचित समुदाय के प्रति घोर अन्याय है.

वंचितों को कमजोर करने की कोशिश: उन्होंने कहा कि वंचित समुदाय के आरक्षण पर हो रहे संगठित हमले और उसे कमजोर किए जाने के इस दौर में सरकार ने जाति आधारित जनगणना के आधार पर ओबीसी, ईबीसी, दलित और आदिवासियों का आरक्षण बढ़ाकर 65 फीसदी किया था, जो बिल्कुल न्याय संगत था. लेकिन पटना उच्च न्यायालय ने उसे रद्द कर दिया.

"हमारे लोकप्रिय नेता तेजस्वी यादव के नेतृत्व में जब बिहार में जातीय जनगणना हुई, तो उसी के आधार पर आरक्षण को 50% से बढ़कर 65% किया गया. ताकि शोषित वंचित लोगों को मजबूत किया जा सकें. लेकिन वर्तमान की बिहार सरकार अपने पक्ष को मजबूती से न्यायालय में रख नहीं पाई, जिस वजह से उच्च न्यायालय ने रद्द कर दिया. इसी के खिलाफ हमलोगों ने आज प्रतिरोध मार्च निकाला हैं. अगर बिहार सरकार उच्च न्यायालय के आदेश के आलोक में सुप्रीम कोर्ट नहीं जाती, तो राष्ट्रीय जनता दल सुप्रीम कोर्ट जाकर आरक्षण लागू करने का काम करेंगी." - राकेश नायक, जिलाध्यक्ष, युवा राजद

इसे भी पढ़े- पटना हाईकोर्ट ने बढ़े हुए आरक्षण कोटा को किया रद्द, अब ऐसे में सरकार के पास क्या हैं ऑप्शन ? विशेषज्ञों से समझिये - reservation in Bihar

दरभंगा: पटना उच्च न्यायालय ने आरक्षण की सीमा को 65 प्रतिशत करने के निर्णय को रद्द कर दिया है. इसको लेकर बिहार में सियासत तेज हो गई है. इंडी गठबंधन के साथी राजद ने कोर्ट के निर्णय को वंचित समुदाय के प्रति घोर अन्याय बताते हुए प्रतिरोध मार्च निकाला. यह मार्च युवा राजद के जिलाध्यक्ष के नेतृत्व में दरभंगा समाहरणालय स्थित धरना स्थल से निकाला गया. प्रतिरोध मार्च शहर के विभिन्न चौक होते हुए लहेरियासराय टावर पहुंचा. इस दौरान युवा नेताओं ने राज्य सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की.

'वंचित समुदाय के प्रति घोर अन्याय': वहीं, युवा राजद नेता अब्दुल मल्लिक ने कहा कि बिहार में महागठबंधन सरकार द्वारा दलित-वंचित समुदाय के आरक्षण की सीमा को 65 प्रतिशत करने के निर्णय को पटना उच्च न्यायालय द्वारा रद्द कर दिया गया है. यह निर्णय वंचित समुदाय के प्रति घोर अन्याय है.

वंचितों को कमजोर करने की कोशिश: उन्होंने कहा कि वंचित समुदाय के आरक्षण पर हो रहे संगठित हमले और उसे कमजोर किए जाने के इस दौर में सरकार ने जाति आधारित जनगणना के आधार पर ओबीसी, ईबीसी, दलित और आदिवासियों का आरक्षण बढ़ाकर 65 फीसदी किया था, जो बिल्कुल न्याय संगत था. लेकिन पटना उच्च न्यायालय ने उसे रद्द कर दिया.

"हमारे लोकप्रिय नेता तेजस्वी यादव के नेतृत्व में जब बिहार में जातीय जनगणना हुई, तो उसी के आधार पर आरक्षण को 50% से बढ़कर 65% किया गया. ताकि शोषित वंचित लोगों को मजबूत किया जा सकें. लेकिन वर्तमान की बिहार सरकार अपने पक्ष को मजबूती से न्यायालय में रख नहीं पाई, जिस वजह से उच्च न्यायालय ने रद्द कर दिया. इसी के खिलाफ हमलोगों ने आज प्रतिरोध मार्च निकाला हैं. अगर बिहार सरकार उच्च न्यायालय के आदेश के आलोक में सुप्रीम कोर्ट नहीं जाती, तो राष्ट्रीय जनता दल सुप्रीम कोर्ट जाकर आरक्षण लागू करने का काम करेंगी." - राकेश नायक, जिलाध्यक्ष, युवा राजद

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