एक धक्का और दो
— Rashtriya Janata Dal (@RJDforIndia) September 1, 2024
जातिवादी उत्पीड़न, असमानता, पूर्वाग्रह की बेड़ियाँ तोड़ दो!#तेजस्वी #यादव का है यह आह्वान
65% आरक्षण ही समानता का होगा प्रमाण!
श्री @yadavtejashwi जी द्वारा आहूत राष्ट्रीय जनता दल के एक दिवसीय धरना का हिस्सा बनकर दलित, पिछड़ा, आदिवासी विरोधी केंद्र एवं राज्य की… pic.twitter.com/Fe7MToTrb9
पटना: जाति जनगणना को लेकर राष्ट्रीय जनता दल काफी मुखर है. इसी को लेकर आज पटना में आरजेडी कार्यालय के बाहर धरना कार्यक्रम चल रहा है. जिसमें प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह के अलावे तमाम बड़े नेता शामिल हुए हैं. नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी प्रसाद यादव भी आज के धरने को दोपहर 2 बजे संबोधित करेंगे. उनके निशाने पर केंद्र की मोदी सरकार के साथ-साथ बिहार की नीतीश सरकार भी होगी.
"बिहार में बहुजनों के लिए आरक्षण को 65% किए जाने को नौवीं अनुसूची में नहीं डालने के विरोध में और देश भर में जातिगत आरक्षण जनगणना करवाने की मांग के साथ ही केंद्र और बिहार की एनडीए सरकार की नीतियों के विरुद्ध बिहार के सभी जिला मुख्यालय पर विशाल धरना-प्रदर्शन कार्यक्रम आयोजित है. आप सभी से अपील है कि आप बड़ी से बड़ी संख्या में इस धरना प्रदर्शन का हिस्सा बनकर एनडीए की केंद्र एवं राज्य सरकार को अपनी एकजुटता और ताकत के एहसास करवाए और बहुजन विरोधी नीतियों पर झुकने के लिए बाध्य करें."- तेजस्वी यादव, नेता प्रतिपक्ष
आरक्षण बढ़ाने का आरजेडी ने लिया श्रेय: आरजेडी लगातार बिहार सरकार से मांग कर रहा है कि बिहार सरकार ने आरक्षण का दायरा 65 प्रतिशत बढ़ाया था, उसे केंद्र सरकार 9वीं अनुसूची में शामिल करें. आरजेडी आरक्षण का क्रेडिट खुद लेना चाह रहा है. यही कारण है कि तमाम बड़े नेता यह कह रहे हैं कि बिहार सरकार ने कैबिनेट से पास करके बिहार में आरक्षण का दायरा 65 प्रतिशत तक बढ़ाने का फैसला तेजस्वी यादव के दबाव में लिया था.
अनुसूची 9 में शामिल करने की मांग: आरजेडी नेताओं का दावा है कि तेजस्वी यादव के 17 महीने के छोटे से कार्यकाल में बिहार में आरक्षण का दायरा बढ़ाया गया. केंद्र की सरकार के पास 9वीं अनुसूची में शामिल करने के लिए प्रस्ताव भेजा गया था लेकिन आज तक यह मामला अटका हुआ है. लिहाजा इसे संविधान की 9वीं अनुसूची में शामिल की जाए.
नीतीश और मोदी पर निशाना: आज के धरना के माध्यम से आरजेडी के निशाने पर बिहार और केंद्र दोनों की सरकार रहेगी. पार्टी का मानना है कि बिहार में आरक्षण का दायरा 65% नहीं होने के पीछे बिहार और केंद्र की सरकार दोषी है. आरजेडी को लग रहा है कि आरक्षण के मुद्दे पर वह केंद्र की नरेंद्र मोदी की सरकार और बिहार की नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली सरकार को आगामी विधानसभा चुनाव में घेर सकता है.
आरक्षण को लेकर आरजेडी मुखर: जाति आधारित गणना पूरे देश में करवाने और बिहार में आरक्षण का दायरा 65 प्रतिशत करना आरजेडी के एजेंडे में है. आरजेडी को लग रहा है कि 2025 में होने वाले बिहार विधानसभा के चुनाव में वह इन मुद्दों के आधार पर बिहार की एनडीए की सरकार के खिलाफ लोगों का समर्थन हासिल किया जा सकता है. यही कारण है कि पार्टी के नेता इन मुद्दों को लगातार उठा रहे हैं.
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