रांची: राज्य का सबसे बड़ा अस्पताल रिम्स अपनी लचर व्यवस्था को लेकर इन दिनों चर्चा का विषय बना हुआ है. अस्पताल में नए निदेशक डॉक्टर राजकुमार के आने के बाद अस्पताल की लचर व्यवस्था में सुधार को लेकर लगातार प्रयास किए जा रहे हैं. इस संबंध में नए निदेशक डॉक्टर राजकुमार के नेतृत्व में रिम्स प्रबंधन की ओर से शुक्रवार को एक प्रेस वार्ता की गई. जिसमें रिम्स अस्पताल के अधीक्षक डॉ हीरेन बिरुवा, उपाधीक्षक डॉ शैलेश त्रिपाठी, डीन डॉ विद्यापति, डॉ शीतल मलुआ, डॉ राजीव रंजन सहित कई पदाधिकारी मौजूद रहे.
आने वाले कुछ वर्षों में रिम्स की बिल्डिंग बनकर तैयार हो जाएगी
प्रेस वार्ता के दौरान रिम्स के नए निदेशक डॉ राजकुमार ने रिम्स को बेहतर बनाने की बात कही. उन्होंने कहा कि आने वाले कुछ वर्षों में रिम्स की नई बिल्डिंग भी तैयार हो जाएगी. जिसमें ओपीडी और इंडोर जैसी सुविधाएं मौजूद रहेगी. इसके अलावा अतिक्रमण, भवन निर्माण सहित कई बिंदुओं पर रिम्स प्रबंधन और राज्य सरकार अन्य विभागों से तालमेल बैठाकर काम करने का प्रयास कर रहा है.
गवर्निंग बॉडी की बैठक नहीं होने से कई योजनाएं अधर में लटकी
उन्होंने कहा कि रिम्स एक ऑटोनॉमस संस्थान जरूर है, लेकिन यहां पर निर्णय और पॉलिसी बनाने के लिए राज्य सरकार के द्वारा बनाई गई नियमावली का पालन करना आवश्यक है. उन्होंने कहा कि किसी भी व्यवस्था को लागू करने के लिए रिम्स के गवर्निंग बॉडी से अनुमति लेना बहुत जरूरी है. गर्वनिंग बॉडी की बैठक अमूमन 6 महीने में होती है, लेकिन इस बार पिछले एक साल से ज्यादा समय से बैठक नहीं हो पाई है.
नौ जुलाई को होगी रिम्स गवर्निंग बॉडी की बैठक
वर्ष 2023 में पूर्व निदेशक डॉक्टर कामेश्वर प्रसाद की अध्यक्षता में बैठक हुई थी. उसके बाद अब तक एक बार भी बैठक नहीं हुई है. इस वजह से कई योजनाओं पर मुहर नहीं लग पाई है, लेकिन स्वास्थ्य मंत्री की तरफ से अगली गवर्निंग बॉडी की बैठक के लिए अनुमति मिल गई है. आगामी 9 जुलाई को गवर्निंग बॉडी की बैठक आयोजित की जाएगी. जिसमें सभी समस्याओं के निदान के लिए विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की जाएगी.
रिम्स में मैनपावर की घोर कमी
रिम्स के निदेशक डॉ राजकुमार ने कहा कि जब तक रिम्स में मैनपावर की समस्या का निदान नहीं होगा, तब तक अन्य समस्याओं का निदान होना संभव नहीं है. उन्होंने कहा कि फिलहाल रिम्स में सिर्फ 305 नर्स कार्यरत हैं. ढाई हजार मरीजों पर 305 नर्स से काम चलाना एक चुनौती है. जिससे हम प्रतिदिन जूझते हैं. इसके अलावा फोर्थ ग्रेड स्टाफ की भी रिम्स में घोर कमी है. इस कारण साफ सफाई का काम काम बाधित होता है.
रिम्स की सुरक्षा होगी मजबूत, जगह-जगह बनाए जाएंगे पुलिस पिकेट
इसके अलावा रिम्स की सुरक्षा व्यवस्था को बढ़ाने के लिए डीजीपी से भी बात की गई है. आने वाले समय में रिम्स में विभिन्न जगहों पर पुलिस पिकेट बनाए जाएंगे और वहां पर हथियार के साथ पुलिस की तैनाती की जाएगी.
रिम्स निदेशक के बेटे के नामांकन मामले में डिप्टी सुप्रिटेंडेंट ने दी सफाई
वहीं स्वास्थ्य विभाग में यह चर्चा का विषय बना हुआ है कि रिम्स निदेशक डॉक्टर राजकुमार ने अस्पताल में हॉस्पिटल एडमिनिस्ट्रेशन कोर्स की शुरुआत की है. जिसमें अपने बेटे का नामांकन करवाया है. इस पर रिम्स के डिप्टी सुप्रिटेंडेंट डॉक्टर शैलेश त्रिपाठी ने सफाई देते हुए कहा कि उस विभाग में पहले से ही जगह खाली पड़ी थी. जिसमें निदेशक के बेटे का नामांकन कराया गया है. इसमें कहीं कोई आपत्ति नहीं है. सभी प्रक्रिया में पारदर्शिता बरती गई है.
जल्द रिम्स की कमियों को किया जाएगा सुधारः निदेशक
राज्य के सबसे बड़े अस्पताल रिम्स के निदेशक डॉ राज कुमार ने कहा कि इसमें कोई शक नहीं है कि रिम्स अस्पताल में कमियां नहीं हैं. कई कमियां हैं,जिसे सुधारने का प्रयास किया जा रहा है. उम्मीद है कि आने वाले समय में सभी समस्याओं का निदान जल्द हो जाएगा.
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