ETV Bharat / state

दिल्ली सरकार द्वारा बसें की संख्या बढ़ाए जाने के बावजूद राइडरशिप में आई कमी, 48.5 प्रतिशत घटी सवारियों की संख्या

Ridership decreased in buses: दिल्ली सरकार लोगों के लिए ज्यादा से ज्यादा बस सुविधा बढ़ाने पर जोर दे रही है. बावजूद इसके राइडरशिप में कमी आई है. सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरनमेंट की ताजा रिपोर्ट में यह बात सामने आई है. आइए जानते हैं इसके कारण..

author img

By ETV Bharat Delhi Team

Published : Mar 1, 2024, 2:27 PM IST

बसें बढ़ी लेकिन जाम के कारण राइडरशिप में आई कमी
बसें बढ़ी लेकिन जाम के कारण राइडरशिप में आई कमी

नई दिल्लीः दिल्ली सरकार द्वारा दिल्ली की सड़कों पर लगातार बसों की संख्या बढ़ाई जा रही है. वर्तमान में दिल्ली की सड़कों पर 7,582 बसें डीजीसी और डीआईटीएमएस के अधीन चल रही हैं. इनमें 1,650 इलेक्ट्रिक बसें हैं. सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरनमेंट (सीएसई) की रिपोर्ट में यह बात सामने आयी है कि बसें भले ही बढ़ रही हैं, लेकिन बसों में राइडरशिप 48.5 प्रतिशत कम हुई है. इसका प्रमुख कारण जाम के कारण धीमी रफ्तार से बसों का चलना है, जिससे यात्रियों को गंतव्य तक पहुंचने में ज्यादा वक्त लगता है.

सीएसई के अधिकारियों के मुताबिक दिल्ली में बसें खाली चल रही हैं. उनमें बहुत कम यात्री होते हैं. वहीं दिल्ली की सड़कों पर जगह-जगह जाम लगा रहता है, जिससे बसों की रफ्तार स्लो हो गई है. सुबह शाम पीक आवर में ही बसों में यात्रियों की संख्या ज्यादा रहती है. इतना ही नहीं, मेट्रो शहरों में बसों की राइडरशिप में सबसे ज्यादा कमी 2013 से 2018 के बीच दिल्ली में आई है. इस समय अवधि में दिल्ली में 16.9 प्रतिशत राइडरशिप में कमी आई. वहीं मुंबई में 12.4 प्रतिशत, चेन्नई में 6.5 प्रतिशत और बेंगलुरू में 4.1 प्रतिशत राइडरशिप में कमी दर्ज की गई.

ये भी पढ़ें : 350 नई इलेक्ट्रिक बसें दिल्ली की सड़कों पर उतारी जाएंगी: परिवहन विभाग

सीएसई की रिपोर्ट में राइडरशिप कम होने का एक कारण ये भी सामने आया है कि यात्रियों को बस स्टैंड पर बसों के लिए लंबा इंतजार करना पड़ रहा है. दिल्ली के सिर्फ एक प्रतिशत बस स्टैंड पर यात्रियों को 10 मिनट से कम समय में बस मिल जाती है. वहीं, 50 प्रतिशत बस स्टैंड पर यात्रियों को बस के लिए 15 मिनट से ज्यादा इंतजार करना पड़ता है. इतना ही नहीं सुबह 1 से दोपहर 12 बजे के बीच जगह जगह जाम के कारण बसों की स्पीड 32 प्रतिशत कम रहती है. वहीं शाम 5 से 8 बजे तक बसों की स्पीड 37 प्रतिशत तक कम हो जाती है. इससे बसों में सवार यात्रियों को गंतव्य तक पहुंचने में समय लग जाता है.

ये भी पढ़ें : मेट्रो की तरह DTC बस की टिकट भी व्हॉट्सऐप पर कर सकते हैं बुक, जल्द मिलेगी सुविधा

नई दिल्लीः दिल्ली सरकार द्वारा दिल्ली की सड़कों पर लगातार बसों की संख्या बढ़ाई जा रही है. वर्तमान में दिल्ली की सड़कों पर 7,582 बसें डीजीसी और डीआईटीएमएस के अधीन चल रही हैं. इनमें 1,650 इलेक्ट्रिक बसें हैं. सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरनमेंट (सीएसई) की रिपोर्ट में यह बात सामने आयी है कि बसें भले ही बढ़ रही हैं, लेकिन बसों में राइडरशिप 48.5 प्रतिशत कम हुई है. इसका प्रमुख कारण जाम के कारण धीमी रफ्तार से बसों का चलना है, जिससे यात्रियों को गंतव्य तक पहुंचने में ज्यादा वक्त लगता है.

सीएसई के अधिकारियों के मुताबिक दिल्ली में बसें खाली चल रही हैं. उनमें बहुत कम यात्री होते हैं. वहीं दिल्ली की सड़कों पर जगह-जगह जाम लगा रहता है, जिससे बसों की रफ्तार स्लो हो गई है. सुबह शाम पीक आवर में ही बसों में यात्रियों की संख्या ज्यादा रहती है. इतना ही नहीं, मेट्रो शहरों में बसों की राइडरशिप में सबसे ज्यादा कमी 2013 से 2018 के बीच दिल्ली में आई है. इस समय अवधि में दिल्ली में 16.9 प्रतिशत राइडरशिप में कमी आई. वहीं मुंबई में 12.4 प्रतिशत, चेन्नई में 6.5 प्रतिशत और बेंगलुरू में 4.1 प्रतिशत राइडरशिप में कमी दर्ज की गई.

ये भी पढ़ें : 350 नई इलेक्ट्रिक बसें दिल्ली की सड़कों पर उतारी जाएंगी: परिवहन विभाग

सीएसई की रिपोर्ट में राइडरशिप कम होने का एक कारण ये भी सामने आया है कि यात्रियों को बस स्टैंड पर बसों के लिए लंबा इंतजार करना पड़ रहा है. दिल्ली के सिर्फ एक प्रतिशत बस स्टैंड पर यात्रियों को 10 मिनट से कम समय में बस मिल जाती है. वहीं, 50 प्रतिशत बस स्टैंड पर यात्रियों को बस के लिए 15 मिनट से ज्यादा इंतजार करना पड़ता है. इतना ही नहीं सुबह 1 से दोपहर 12 बजे के बीच जगह जगह जाम के कारण बसों की स्पीड 32 प्रतिशत कम रहती है. वहीं शाम 5 से 8 बजे तक बसों की स्पीड 37 प्रतिशत तक कम हो जाती है. इससे बसों में सवार यात्रियों को गंतव्य तक पहुंचने में समय लग जाता है.

ये भी पढ़ें : मेट्रो की तरह DTC बस की टिकट भी व्हॉट्सऐप पर कर सकते हैं बुक, जल्द मिलेगी सुविधा

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.