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रीवा में मिला देश का दूसरा चित्रकूट धाम, गुफाओं से आती हैं राम जप की आवाजें - REWA CHITRAKOOT DHAM CAVES

रीवा शहर से महज 40 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है यह दिव्य और अलौकिक धाम, यहां मौजूद है एल्कलाइन वॉटर का जादूई कुंड. ईटीवी भारत संवाददाता राकेश सोनी का एक्सक्लूसिव फोटो फीचर.

SECOND CHITRAKOOT REWA DURMANKOOT DHAM
रीवा से 40 किलोमीटर दूर है देश का दूसरा चित्रकूट (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Feb 6, 2025, 9:39 AM IST

Updated : Feb 6, 2025, 10:41 AM IST

रीवा (राकेश सोनी): रामायण में आपने चित्रकूट धाम का नाम तो जरूर सुना होगा. यह एक ऐसा पवित्र धाम है, जहां पर भगवान राम ने मां सीता और अनुज लक्ष्मण के साथ अपने वनवास काल के 11 वर्ष बिताए थे. लेकिन ईटीवी भारत आज अपको एक ऐसे ही दिव्य स्थल के बारे में बताने जा रहा है, जिसे वहां के लोग देश का दूसरा चित्रकूट धाम कहते हैं. किवदंतियां हैं कि इसी धाम की गुफाओं में एक दम सटीक भविष्यवाणियां करने वाले प्रसिद्ध देवरहा बाबा ने कई वर्षो तक तपस्या की थी. इसके बाद वे सरयू नदी के तट पर मचान में बैठकर लोगों को आशीर्वाद देने लगे.

रीवा से 40 किलोमीटर दूर देश का दूसरा चित्रकूट

यह दिव्य और अलौकिक धाम रीवा शहर से महज 40 किलोमीटर की दूरी पर स्थित गुढ़ विधानसभा क्षेत्र के दुआरी गांव में है, जो दुर्मनकूट धाम के नाम से भी प्रसिद्ध है. इस इलाके में रहने वालें लोगों की इस धाम में बड़ी गहरी आस्था है, जिसके चलते वे इस दिव्य धाम को देश का दूसरा चित्रकूट धाम कहते हैं. कहा जाता है कि इस दिव्य धाम में प्रवेश करते ही एक अलग ही अनुभूति होती है. यहां प्रवेश करते ही 30 फीट ऊंची बजरंगबली की प्रतिमा के दर्शन होते है. इसके बाद कई प्राचीन मंदिर दिखाई पड़ते हैं.

जानकारी देते इतिहासकार और स्थानीय जानकार (Etv Bharat)

50 से ज्यादा छोटी-बड़ी चट्टानों में देवी-देवताओं के मंदिर

स्थानीय जनप्रतिनिधि जितेंद्र मिश्रा के मुताबिक, '' दुर्मनकूट दिव्यधाम में 50 से अधिक छोटी-बड़ी चट्टानों में कई देवी देवताओं के अद्भुत और प्राचीन मंदिर मौजूद हैं. यहां पर मुख्य मंदिर में राम दरबार है. साथ ही हनुमान मंदिर, गौरा पार्वती, दुर्गा मां, लक्ष्मण पहड़िया, सीता रसोई मंदिर के साथ ही अनेकों दिव्य मंदिर मौजूद हैं. ठीक इसी प्रकार से चित्रकूट धाम में भी राम दरबार के साथ मंदिरों की एक बड़ी श्रृंखला पाई जाती है. शायद यही वजह है कि इस दिव्य धाम को क्षेत्र के लोग देश का दूसरा चित्रकूट धाम कहते है.''

Durmankoot dham rewa
रीवा से 40 किलोमीटर दूर है देश का दूसरा चित्रकूट (Etv Bharat)

दुर्मनकूट धाम और देवरहा बाबा का संबंध

दुआरी गांव में स्थित दुर्मनकूट धाम का और प्रसिद्ध देवरहा बाबा का गहरा संबंध है. स्थानीय निवासी विनोद कुमार बताते हैं, '' दुर्मनकूट धाम में स्थित एक अद्भुत और चमत्कारिक चट्टान के अंदर एक गुफा मौजूद है. इसी गुफा के अंदर वर्षों पहले देवरहा बाबा आसन में विराजमान होकर भगवान राम के नाम का जाप किया करते थे. मान्यता है कि इस गुफा से आज भी रात में 1 बजे से सुबह 4 बजे के बीच राम धुन सुनाई देती है. ठीक उसी प्रकार, जिस प्रकार देवरहा बाबा यमुना नदी के तट पर मचान में बैठकर राम नाम का जाप करते थे.''

Durmankoot caves
देवरहा बाबा ने वर्षो तक की थी यहां तपस्या (Etv Bharat)


इस धाम में बने मंदिरों की इतनी बड़ी श्रृंखला किसके द्वारा बनवाई गई, इसकी जानकारी किसी के पास नहीं है. साथ ही देवरहा बाबा यहां कब आए, उन्होंने ने इस धाम में रहकर कितने वर्षों तक तपस्या की इसकी भी साफ-साफ जानकारी किसी के पास नहीं है.

Durmankoot ramdarbar
दुर्मनकूट का राम दरबार (Etv Bharat)

धाम के कुंड में रहता है एल्कलाइन वॉटर

दुर्मनकूट धाम से जुड़ी एक और रोचक जानकारी यह है कि जिस तरह से चित्रकूट में मंदाकिनी नदी है. उसी प्रकार से देवरहा बाबा की गुफा के ठीक सामने से एक नदी गुजरती है. जिसे गांव के लोग मंदाकिनी नदी कहते हैं. कहते हैं कि इसी नदी के रास्ते में गुफा से चंद कदमों की दूरी पर एक छोटा सा कुंड है, इस कुंड में साल के 12 महीने जल भरा रहता है. इस कुंड का जल एल्कलाइन वॉटर की तरह है. यह जल सर्दियों के मौसम में गर्म तो गर्मियों के मौसम में ठंडा रहता है. इस जल की खासियत यह है कि इसे पीने या इससे नहाने से रोग दूर हो जाते हैं.

Durmankoot photos
यहां आज भी कई रहस्यमयी मंदिर मौजूद हैं (Etv Bharat)

भारत के प्रथम राष्ट्रपति को देवरहा बाबा ने दिया था आशीर्वाद

इतिहासकार बताते हैं कि जब देश के प्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजेन्द्र प्रसाद की आयु मात्र 5 से 6 वर्ष की थी, तब उनके पिता देवरहा बाबा के दर्शन करने डॉ. राजेन्द्र प्रसाद के साथ गए थे. तब डॉ. राजेन्द्र प्रसाद के पिता ने उनका माथा देवरहा बबा के पैर के अंगूठे पर टिकाया था. इस दौरान देवरहा बाबा ने आशीर्वाद देते हुए डॉ. राजेंद्र प्रसाद को लेकर भविष्यवाणी की थी कि एक दिन यह बालक देश में उच्च स्थान को प्राप्त करेगा.

Durmankoot temple
दुर्मनकूट धाम और प्रसिद्ध देवरहा बाबा का है गहरा संबंध (Etv Bharat)
Devraha baba Durmankoot dham rewa
देवरहा बाबा (Etv Bharat)

डॉ. राजेंद्र प्रसाद के अलावा देश के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू, लालबहादुर शास्त्री, मदन मोहन मालवीय, इंदिरा गांधी, जैसी बड़ी-बड़ी हस्तियों ने भी देवरहा बाबा का आशीर्वाद लिया. रीवा में स्थित दुर्मनकूट धाम को मध्य प्रदेश शासन की ओर से विकसित करने की तैयारी की जा रही है. बीते दिनों धाम में देवरहा बाबा की प्रतिमा की स्थापना की जा चुकी है. अब अगामी 9 फरवरी को भव्य आयोजन के साथ प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी, जिसमें मुख्य अथिति के रूप में प्रदेश के उप मुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ल शामिल होंगे.

Durmankoot dham rewa history
यहां 50 से ज्यादा गुफाओं के बीच मौजूद हैं प्राचीन मंदिर (Etv Bharat)

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रीवा (राकेश सोनी): रामायण में आपने चित्रकूट धाम का नाम तो जरूर सुना होगा. यह एक ऐसा पवित्र धाम है, जहां पर भगवान राम ने मां सीता और अनुज लक्ष्मण के साथ अपने वनवास काल के 11 वर्ष बिताए थे. लेकिन ईटीवी भारत आज अपको एक ऐसे ही दिव्य स्थल के बारे में बताने जा रहा है, जिसे वहां के लोग देश का दूसरा चित्रकूट धाम कहते हैं. किवदंतियां हैं कि इसी धाम की गुफाओं में एक दम सटीक भविष्यवाणियां करने वाले प्रसिद्ध देवरहा बाबा ने कई वर्षो तक तपस्या की थी. इसके बाद वे सरयू नदी के तट पर मचान में बैठकर लोगों को आशीर्वाद देने लगे.

रीवा से 40 किलोमीटर दूर देश का दूसरा चित्रकूट

यह दिव्य और अलौकिक धाम रीवा शहर से महज 40 किलोमीटर की दूरी पर स्थित गुढ़ विधानसभा क्षेत्र के दुआरी गांव में है, जो दुर्मनकूट धाम के नाम से भी प्रसिद्ध है. इस इलाके में रहने वालें लोगों की इस धाम में बड़ी गहरी आस्था है, जिसके चलते वे इस दिव्य धाम को देश का दूसरा चित्रकूट धाम कहते हैं. कहा जाता है कि इस दिव्य धाम में प्रवेश करते ही एक अलग ही अनुभूति होती है. यहां प्रवेश करते ही 30 फीट ऊंची बजरंगबली की प्रतिमा के दर्शन होते है. इसके बाद कई प्राचीन मंदिर दिखाई पड़ते हैं.

जानकारी देते इतिहासकार और स्थानीय जानकार (Etv Bharat)

50 से ज्यादा छोटी-बड़ी चट्टानों में देवी-देवताओं के मंदिर

स्थानीय जनप्रतिनिधि जितेंद्र मिश्रा के मुताबिक, '' दुर्मनकूट दिव्यधाम में 50 से अधिक छोटी-बड़ी चट्टानों में कई देवी देवताओं के अद्भुत और प्राचीन मंदिर मौजूद हैं. यहां पर मुख्य मंदिर में राम दरबार है. साथ ही हनुमान मंदिर, गौरा पार्वती, दुर्गा मां, लक्ष्मण पहड़िया, सीता रसोई मंदिर के साथ ही अनेकों दिव्य मंदिर मौजूद हैं. ठीक इसी प्रकार से चित्रकूट धाम में भी राम दरबार के साथ मंदिरों की एक बड़ी श्रृंखला पाई जाती है. शायद यही वजह है कि इस दिव्य धाम को क्षेत्र के लोग देश का दूसरा चित्रकूट धाम कहते है.''

Durmankoot dham rewa
रीवा से 40 किलोमीटर दूर है देश का दूसरा चित्रकूट (Etv Bharat)

दुर्मनकूट धाम और देवरहा बाबा का संबंध

दुआरी गांव में स्थित दुर्मनकूट धाम का और प्रसिद्ध देवरहा बाबा का गहरा संबंध है. स्थानीय निवासी विनोद कुमार बताते हैं, '' दुर्मनकूट धाम में स्थित एक अद्भुत और चमत्कारिक चट्टान के अंदर एक गुफा मौजूद है. इसी गुफा के अंदर वर्षों पहले देवरहा बाबा आसन में विराजमान होकर भगवान राम के नाम का जाप किया करते थे. मान्यता है कि इस गुफा से आज भी रात में 1 बजे से सुबह 4 बजे के बीच राम धुन सुनाई देती है. ठीक उसी प्रकार, जिस प्रकार देवरहा बाबा यमुना नदी के तट पर मचान में बैठकर राम नाम का जाप करते थे.''

Durmankoot caves
देवरहा बाबा ने वर्षो तक की थी यहां तपस्या (Etv Bharat)


इस धाम में बने मंदिरों की इतनी बड़ी श्रृंखला किसके द्वारा बनवाई गई, इसकी जानकारी किसी के पास नहीं है. साथ ही देवरहा बाबा यहां कब आए, उन्होंने ने इस धाम में रहकर कितने वर्षों तक तपस्या की इसकी भी साफ-साफ जानकारी किसी के पास नहीं है.

Durmankoot ramdarbar
दुर्मनकूट का राम दरबार (Etv Bharat)

धाम के कुंड में रहता है एल्कलाइन वॉटर

दुर्मनकूट धाम से जुड़ी एक और रोचक जानकारी यह है कि जिस तरह से चित्रकूट में मंदाकिनी नदी है. उसी प्रकार से देवरहा बाबा की गुफा के ठीक सामने से एक नदी गुजरती है. जिसे गांव के लोग मंदाकिनी नदी कहते हैं. कहते हैं कि इसी नदी के रास्ते में गुफा से चंद कदमों की दूरी पर एक छोटा सा कुंड है, इस कुंड में साल के 12 महीने जल भरा रहता है. इस कुंड का जल एल्कलाइन वॉटर की तरह है. यह जल सर्दियों के मौसम में गर्म तो गर्मियों के मौसम में ठंडा रहता है. इस जल की खासियत यह है कि इसे पीने या इससे नहाने से रोग दूर हो जाते हैं.

Durmankoot photos
यहां आज भी कई रहस्यमयी मंदिर मौजूद हैं (Etv Bharat)

भारत के प्रथम राष्ट्रपति को देवरहा बाबा ने दिया था आशीर्वाद

इतिहासकार बताते हैं कि जब देश के प्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजेन्द्र प्रसाद की आयु मात्र 5 से 6 वर्ष की थी, तब उनके पिता देवरहा बाबा के दर्शन करने डॉ. राजेन्द्र प्रसाद के साथ गए थे. तब डॉ. राजेन्द्र प्रसाद के पिता ने उनका माथा देवरहा बबा के पैर के अंगूठे पर टिकाया था. इस दौरान देवरहा बाबा ने आशीर्वाद देते हुए डॉ. राजेंद्र प्रसाद को लेकर भविष्यवाणी की थी कि एक दिन यह बालक देश में उच्च स्थान को प्राप्त करेगा.

Durmankoot temple
दुर्मनकूट धाम और प्रसिद्ध देवरहा बाबा का है गहरा संबंध (Etv Bharat)
Devraha baba Durmankoot dham rewa
देवरहा बाबा (Etv Bharat)

डॉ. राजेंद्र प्रसाद के अलावा देश के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू, लालबहादुर शास्त्री, मदन मोहन मालवीय, इंदिरा गांधी, जैसी बड़ी-बड़ी हस्तियों ने भी देवरहा बाबा का आशीर्वाद लिया. रीवा में स्थित दुर्मनकूट धाम को मध्य प्रदेश शासन की ओर से विकसित करने की तैयारी की जा रही है. बीते दिनों धाम में देवरहा बाबा की प्रतिमा की स्थापना की जा चुकी है. अब अगामी 9 फरवरी को भव्य आयोजन के साथ प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी, जिसमें मुख्य अथिति के रूप में प्रदेश के उप मुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ल शामिल होंगे.

Durmankoot dham rewa history
यहां 50 से ज्यादा गुफाओं के बीच मौजूद हैं प्राचीन मंदिर (Etv Bharat)

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Last Updated : Feb 6, 2025, 10:41 AM IST
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