रीवा: सैनिक स्कूल में अध्यापन का कार्य कर चुके रिटायर्ड शिक्षक राधाकांत शुक्ला को साल 2003 में उत्कृष्ट शिक्षक के तौर पर राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार के लिए चुना गया था. इसके बाद वर्ष 2004 में उन्हें तत्कालीन राष्ट्रपति डॉ एपीजे अब्दुल कलाम ने राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार से सम्मानित किया था. वर्तमान में थल सेना प्रमुख उपेन्द्र द्विवेदी और जल सेना प्रमुख दिनेश त्रिपाठी राधाकांत शुक्ल के छात्र रहे हैं.
राधाकांत शुक्ल के छात्र रहे हैं जल और थल सेना प्रमुख
राधाकांत शुक्ला देश के उन शिक्षकों में शामिल हैं जिनके द्वारा शिक्षित किए गए सैकड़ों छात्र आज देश के कई बड़े सर्वोच्च पदों में अपनी सेवाएं दे रहे हैं. इन्हीं विद्यार्थियों में से विंध्य की माटी में जन्मे दो ऐसे विद्यार्थी भी शामिल हैं जो आज देश का गौरव बनकर भारत की माटी की रक्षा कर रहे हैं. सैन्य बल के प्रमुख चुने गए दोनों विद्यार्थी वरिष्ठ शिक्षक डॉ राधाकांत शुक्ल के लाड़ले और होनहार विद्यार्थी रहें है. रीवा जिले के गढ़ स्थित मुडिला गांव के निवासी इंडियन आर्मी में लेफ्टिनेंट जनरल रहे उपेन्द्र द्विवेदी को नई जिम्मेदारी सौंपते हुए हाल ही में उन्हें थल सेना का प्रमुख बनाया गया था जबकि इससे ठीक पहले विंध्य के माटी के लाल सतना जिले के रामपुर बाघेलान स्थित महुडर गांव के निवासी दिनेश त्रिपाठी को नौसेना का प्रमुख बनाया गया था.
डॉ. राधाकांत शुक्ल की ईटीवी भारत से खास बातचीत
ईटीवी भारत से बात करते हुए सैनिक स्कूल से रिटायर्ड शिक्षक डॉ. राधाकांत शुक्ल ने कहा कि "उन्हें ऐसे विद्यालय में शिक्षा देने का अवसर प्राप्त हुआ जहां विद्यालय में प्रतिभाशाली ही नहीं बल्कि कर्तव्यनिष्ट, अनुशासन प्रिय छात्र कुछ करने का जुनून लेकर आते हैं. सैनिक स्कूल देश के ऐसे स्कूल हैं जहां बालकों की बौद्धिक, शारीरिक, मानसिक, संवेदात्मक, कल्चरल, सांस्कृतिक आध्यात्मिक आदि सभी क्षेत्रों में छात्रों के विकास के लिए उनका मस्तिष्क इन सभी क्षेत्रों में विकसित हो सके इसके लिए अनेक प्रकार की प्रतियोगिताओं का अयोजन किया जाता है. जिसमें छात्र बडी सक्रियता से भाग लेते हैं और शिक्षकों के योगदान से इन छात्रों का सर्वांगीण विकास होता है जो देश के तमाम क्षेत्रों में अपना परचम लहरा रहे हैं और विद्यालय ही नहीं समाज और राष्ट्र का नाम रोशन कर रहे हैं."
दो सर्वोच्च पदों को संभाल रहे डॉ. राधाकांत शुक्ल के छात्र
डॉ. राधाकांत शुक्ल ने कहा कि "रीवा के सैनिक स्कूल में शिक्षक के पद में रहने के दौरान उनके द्वारा शिक्षित किए गए दो छात्र आज देश के दो बड़े सर्वोच्च पदों को संभाल रहे हैं. यह मेरे लिए सौभाग्य की बात है की देश के एक ही विद्यालय के एक ही बैच के दो छात्र जनरल उपेन्द्र द्विवेदी और एडमिरल दिनेश त्रिपाठी आज देश के थल सेना और जल सेना की कमान संभालते हुए अपनी सेवाएं दे रहे हैं. डॉ राधाकांत ने बताया की दोनों सेना के बड़े अफसर थल सेना प्रमुख उपेन्द्र द्विवेदी और एडमिरल नेवी चीफ दिनेश कुमार दोनों ही साधारण परिवार से थे."
5वीं से 12वीं तक पढ़े आर्मी और नेवी चीफ
डॉ. राधाकांत शुक्ल ने बताया कि "उपेन्द्र द्विवेदी और दिनेश त्रिपाठी ने सैनिक स्कूल में कक्षा 5 वीं में प्रवेश लिया. दोनों ने 5 वीं कक्षा से लेकर 12 वीं तक की पढ़ाई सैनिक स्कूल में ही की. पीटी हो या सांस्कृतिक, कार्यक्रम खेलकूद हो या साहित्यिक हो या आध्यात्मिक सभी प्रकार की गतिविधियों में यह दोनों छात्रों ने भाग लिया और आत्मविश्वास व प्रयत्न से अपना स्थान बनाते रहे और यही कारण है की आज ये राष्ट्र की सेवा करते हुए उच्च पदों पर विराजमान हैं. परमात्मा से यही प्रार्थना है की देश की सेवा में ऐसे ही रत्न रहें और इस तरह से कार्य करें जिससे हम सब का नाम राष्ट्र का नाम एक इतिहास के रूप में अंकित हो."
नौ सेनाध्यक्ष और थल सेनाध्यक्ष देने वाला देश का गौरव है सैनिक स्कूल रीवा.#teachersday2024 #JansamparkMP pic.twitter.com/rXKobvpbS7
— PRO JS Rewa (@ProjsRewa) September 5, 2024
32 साल तक सैनिक स्कूल रीवा में रहे पदस्थ
बता दें की 2004 में राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम के हाथों राष्ट्रीय शिक्षक पुरुस्कार से सम्मानित हुए 79 वर्षीय शिक्षक डॉ. राधाकांत शुक्ल प्रयागराज उत्तर प्रदेश के निवासी हैं. इन्होंने प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षा राजा मांडा गांव प्रयागराज उत्तर प्रदेश से ग्रहण की. प्रयागराज विश्वविद्यालय से उच्च शिक्षा हासिल करने के बाद 1976 में वह रीवा आए और सैनिक स्कूल में शिक्षक के पद पर पदस्थ हुए. 32 वर्षों तक सैनिक स्कूल रीवा में पदस्थ रहे इसके बाद वर्ष 2008 में वह सेवानिवृत्त हुए. 2004 में एपीजे कलाम ने राधाकांत शुक्ल को राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार से सम्मानित किया था.