रीवा। देश में जल्द ही लोकसभा के चुनाव होने वाले हैं. अगर मध्य प्रदेश की बात करें तो यहां पर 29 सीटों के लोकसभा चुनाव 4 चरणों में होंगे. दूसरे चरण के मतदान में 26 अप्रैल को रीवा में वोटिंग की जाएगी. रीवा संसदीय सीट से भाजपा ने 2 मार्च को ही अपने प्रत्यासी की घोषणा कर दी थी जिसमें वर्तमान सांसद जनार्दन मिश्रा को बीजेपी ने अपना प्रत्याशी घोषित किया था. वहीं कांग्रेस की टिकट में बड़ा संघर्ष देखने को मिला और तकरीबन 21 दिनों के बाद कांग्रेस ने सभी अटकलों पर विराम लगाते हुए पूर्व सेमरिया विधायक रही नीलम मिश्रा को रीवा संसदीय सीट से टिकट देकर उन्हें अपना प्रत्याशी घोषित कर दिया.
अब रीवा होगी MP में लोकसभा की सबसे हॉट सीट
2024 में होने जा रहे लोकसभा चुनाव बेहद ही खास होने वाले हैं. इस बार के चुनाव में एक तरफ जहां कराए गए विकास कार्यों के साथ ही हिंदुत्व के मुद्दे को लेकर भारतीय जानता पार्टी चुनावी रण पर पूरे दमखम के साथ जंग लड़ने के लिए तैयार खड़ी हुई दिखाई दे रही है, तो वहीं कांग्रेस भी अपने एक एक सेनापतियों को चुनकर चुनावी रण में भेज रही ही. एमपी में होने वाले लोसकभा चुनाव की बात करें तो यहां पर 4 चरणों में 29 सीटों पर चुनाव होने वाले हैं. जबकि रीवा संसदीय सीट के चुनाव दूसरे चरण पर संपन्न होंगे और अगामी 26 अप्रैल को रीवा में वोटिंग होगी.
नीलम मिश्रा को मिली लोकसभा की टिकट
रीवा संसदीय सीट इस बार 29 सीटो में से सबसे खास और हॉट सीट भी होगी. क्योंकि यहां पर भारतीय जानता पार्टी अपना दांव चलकर पीछले दो बार से सांसद रहे जनार्दन मिश्रा को अपना प्रत्याशी घोषित कर चुकी है. तो वहीं कांग्रेस ने भी अपनी बाजी चलकर बीजेपी के लिए एक बड़ी मुसीबत खड़ी कर दी है. शनिवार की रात कांग्रेस ने अपनी चौथी लिस्ट जारी की जिसमें नीलम मिश्रा का नाम सामने आया है. अब नीलम मिश्रा का नाम आते ही भाजपाइयों के हाथ पांव फूलने शूरु हो गए हैं.
सेमरिया से बीजेपी की पूर्व विधायक रह चुकी हैं नीलम मिश्रा
बता दें की नीलम मिश्रा का भारतीय जानता पार्टी से गहरा नाता रहा है. वह इसलिए क्योंकि वर्ष 2013 में भारतीय जानता पार्टी ने विधानसभा चुनाव में नीलम मिश्रा को रीवा की सेमरिया विधान सभा सीट से टिकट देकर अपना प्रत्याशी घोषित किया था. चुनाव हुए और परिणाम भी भाजपा के पक्ष में आए और नीलम मिश्रा सेमरिया सीट से विधायक चुनी गई. वैसे तो वर्ष 2008 में सेमरिया सीट विधानसभा बनी थी और पहली बार वहां से नीलम मिश्रा के पति भाजपा नेता अभय मिश्रा को बीजेपी ने टिकट दी. जिसके बाद अभय मिश्रा ने प्रचंड मतों से जीत हसिल कर सेमरिया सीट को भाजपा की झोली में डाल दिया था. लेकिन 2018 विधानसभा के चुनाव में कुछ ऐसा हुआ की बीजेपी और अभय नीलम मिश्रा के बीच तकरार पैदा हो गई.
2023 में कुछ दिनों के लिए बीजेपी के हुए थे अभय-नीलम मिश्रा
इसके बाद एक एक कर दोनों पति पत्नि ने बीजेपी का दामन छोड़ने का फैसला कर लिया. अभय ने पार्टी छोड़ी और जिला पंचायत अध्यक्ष का चुनाव लडे़ और जीत हासिल की. कुछ समय बीता इसके बाद नीलम मिश्रा ने भी भाजपा का साथ छोड़ दिया. अब जब 2023 के विधानसभा चुनाव आए तो अभय मिश्रा एक बार फिर अपनी पत्नी नीलम मिश्रा के साथ बीजेपी में शामिल हो गए. उन्हें लगा की पार्टी उन्हें एक बार फिर सेमरिया सीट से टिकट देकर चुनावी मैदानी पर उतारेगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. सेमरिया विधान सभा सीट से हर बार नया चेहरा चुनावी मैदान पर उतारने वाली भारतीय जानता पार्टी ने इस बार चेहरा रिपीट कर दिया जिससे उथापोह के स्थिती निर्मित हुई और अभय मिश्रा तत्काल अपनी पत्नी के साथ बीजेपी को छोड़कर कांग्रेस के पाले में चले गए. अभय ने साम दाम दण्ड भेद सब कुछ लगाकर कांग्रेस की टिकट हासिल कर ली.
2023 में कांग्रेस से सेमरिया के विधायक बने अभय मिश्रा
2023 में सेमरिया हॉट सीट बन गई क्योंकि इस सीट में आए दिन घमासान देखा जा रहा था. आखिरकार चुनाव हुए और बीजेपी प्रत्याशी को मात्र 637 वोटों से हराकर अभय मिश्रा ने भाजपा के गढ़ कहे जाने वाले रीवा की आठ में से एक सीट सेमेरिया विधानसभा सीट में सेंधमारी कर दी. जीत का परचम लहराते हुए अभय मिश्रा एक बार फिर सेमरिया विधानसभा की कुर्सी पर काबिज हो गए और बीजेपी के बड़े बड़े नेताओ को अभय ने अपना दमखम दिखाकर चारो खाने चित कर दिये.
जनार्दन मिश्रा और नीलम मिश्रा के बीच चुनावी जंग
अब बारी है 2024 के लोकसभा चुनाव की, रीवा संसदीय सीट में पिछ्ले 10 वर्षो से बीजेपी सांसद जनार्दन मिश्रा का कब्जा रहा. लेकिन मोदी मंत्रीमंडल ने एक बार फिर जनार्दन मिश्रा पर भरोसा जताया और तीसरी बार उन्हें उम्मीदवार घोषित कर दिया. ऐसा नहीं था की बीजेपी के पास रीवा ससंदीय सीट के लिऐ अन्य चेहरे नहीं थे. इस सीट से पूर्व भारतीय जानता पार्टी युवा मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष गौरव तिवारी सहित विश्व हिंदू परिषद के पुराने चेहरे राजेश पाण्डेय, और वर्तमान में रीवा बीजेपी के जिला अध्यक्ष अजय सिंह पटेल शामिल थे. लेकिन भारतीय जनता पार्टी ने पुराने चेहरे पर ही अपना भरोसा कायम रखा. वह शायद इसलिए भी की कहीं विरोध के स्वर न उठने लग जाएं.
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कांग्रेस ने नीलम को टिकट देकर बीजेपी के लिए खड़ी की मुश्किल
अब अगर बात की जाए कांग्रेस की तो वह भी चुनावी चाल चलने में कहां पीछे रहने वाली थी. कांग्रेस ने अपना पत्ता भले ही देर से खोला लेकिन जब खोला तो बीजेपी के लिए बड़ी मुश्किल पैदा कर दी. अब रीवा लोकसभा का चुनाव एक तरफा नहीं बेहद ही दिलचस्प होगा और अब इस सीट में प्रदेश ही नहीं देश भर की निगाहे टिकी हुई दिखाई देगी. एक तरह जहां बीजेपी प्रत्यासी सांसद जनार्दन मिश्रा की जीत, डिप्टी सीएम राजेन्द्र शुक्ल के लिए साख का सवाल होगा दो वहीं दूसरी ओर राजनीति के चाडक्य कहे जाने वाले अभय मिश्रा भी पत्नी नीलाम मिश्रा को जिताने के लिए अपनी जी जान फूंकते हुए दिखाई देंगे.